एक स्वस्थ व निरोग शरीर सबसे बड़ा धन माना जाता है। लेकिन आधुनिक जीवनशैली और भागदौड़ भरी जिंदगी में कहीं न कहीं कुछ छूट जाता है और व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं रह पाता है। किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर हम डॉक्टर के पास जाते हैं और डॉक्टर लक्षणों के आधार पर तरह-तरह के टैस्ट करवा करवा लेते हैं।
लेकिन अगर बिना टैस्ट किए ही, लक्षणों के आधार पर आपको अपने शरीर में होने वाली कमी के बारे में पता चल जाये तो आप उसे दूर करने का उपाय स्वयं भी कर सकते हैं।
सामान्य रूप से अगर आप बिना किसी विशेष कारण के क्या आप निम्न लक्षणों को महसूस कर रहे हैं:
शरीर में खून की कमी होना,
हर समय अत्यधिक थकान का बने रहना,
अचानक याद रखने की क्षमता में अंतर आना,
मूड स्विंग्स,
बेवजह चिड़चिड़ापन रहना,
झुनझुनी या हाथ-पैरों में अकड़न,
दिखाई देने में समस्या,
मुंह में छाले होना,
कब्ज का रहना,
दस्त की परेशानी,
मस्तिष्क संबंधी परेशानियाँ,
गर्भ न ठहरना,
अगर आपको इनमें से एक से अधिक परेशानी है तो इसका अर्थ है कि आपके शरीर में विटामिन बी 12 की कमी हो रही है। चिकित्सकों का मानना है कि विटामिन बी 12 शरीर में रेड सेल्स के निर्माण के साथ-साथ डीएनए-आरएनए और नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है।
इसलिए अगर आपको अपने शरीर में विटामिन बी 12 की कमी के बारे में पता लगता है तो सबसे पहले आप अपने खान-पान के तरीके में बदलाव ला सकते हैं।
विटामिन बी 12 के लिए शाकाहारी वस्तुएँ:
भारत में सबसे बड़ा मिथक यह है कि विटामिन बी 12 के लिए अधिकतम मांसाहारी भोजन करना चाहिए। इसके लिए शाकाहारी भोजन में भी पर्याप्त विकल्प और किस्म उपलब्ध हैं। आइये आपको बताते हैं कि विटामिन 12 की कमी को शाकाहारी भोजन से कैसे दूर किया जा सकता है:
1. डेयरी प्रोडक्ट :
हर व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में लगभग हर प्रकार के डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध, पनीर, चीज़, दही, छाछ इत्यादि लेता ही है। यह सभी प्रोडक्ट विटामिन बी 12 के सबसे अच्छे सोर्स माने जाते हैं। इन सभी चीजों को अपनी सुविधानुसार कभी भी और किसी भी रूप में लिया जा सकता है।
2. साबुत अनाज:
वर्तमान जीवन शैली में भारतीय भोजन में साबुत और मोटा अनाज जैसे ब्राउन राइस, ओटमील जिसे जै भी कहा जाता है, विटामिन बी 12 की कमी को पूरा करने के लिए लिया जा सकता है। ओटमील सामान्य रूप से कम चिकनाई वाला भोजन माना जाता है और इसमें बी 12 के साथ बी 6 की मात्रा भी बहुत अधिक होती है।
3. हरी सब्जी:
पालक, हरी फलियाँ , ब्रोकली और पत्ता गोभी ऐसी सब्जियाँ मानी जाती हैं जिनके नियमित सेवन से शरीर में विताम्न बी 12 की कमी नहीं होने पाती है। बीन्स और ब्रोकली पूरी तरह से विटामिन बी से युक्त आहार माना जाता है।
4. सिट्रिस फ्रूट:
मौसम में मिलने वाले हर प्रकार के सिट्रिस फ्रूट जैसे संतरा, मौसमी, नींबू, अंगूर आदि को आप अपने नाश्ते में शामिल कर सकते हैं। इससे कभी भी आपको शरीर में विटामिन बी 12 की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
5. केला:
अगर आप सप्ताह में 3-4 केले अपने मेन्यू में शामिल कर लेते हैं तो अगर आप विटामिन बी 12 की कमी से परेशान हैं तो वो हमेशा के लिए दूर हो जाएगी।
6. सूखे मेवे:
वैसे तो सभी सूखे मेवे और सूखे बीज बहुत पौष्टिक और हेल्थी स्नेक माने जाते हैं। लेकिन फिर भी यदि आप बादाम और सूरजमुखी के बीज और मूँगफली लेते हैं तो यह कभी भी विटामिन बी 12 की कमी नहीं होने देंगे।
7. मशरूम:
शाकाहारी भोजन में मशरूम सबसे अधिक पौष्टिक भोजन माना जाता है। अगर आप शाकाहारी भोजन से विटामिन बी 12 की कमी को पूरा करना चाहते हैं तो मशरूम को अपने दैनिक आहार में शामिल कर सकते हैं।
8. दालें:
दाल भारतीय भोजन का अभिन्न हिस्सा होता है। दालें प्रोटीन के साथ ही विटामिन बी 12 से भी भरपूर होती हैं।
9. सोया प्रोडक्ट:
सोया प्रोडकट में सोया दूध, सोया पनीर और टोफू शामिल होते हैं। आप इनके सेवन से अपने शरीर को स्वस्थ रखने के साथ ही विटामिन बी 12 की कमी को भी रोक सकते हैं ।
10. फोरटिफाइड सीरियल फूड:
डब्बा बंद सीरियल फूड जैसे केलॉग्स आदि के सभी प्रोडक्ट विटामिन बी 12 से भरपूर और शुद्ध शाकाहारी भोजन की श्रेणी में आते हैं।
भारत में बहुत से लोग अंडे को भी शाकाहारी भोजन की श्रेणी में रखते हैं और इसका सेवन भी विटामिन बी 12 की कमी को दूर करने की सलाह दी जाती है।
Wrong information given about vegetarian sources of Vitamin B12. Only dairy products contain B12, all other sources mentioned do not contain it. In fact no plant source contains B12. How can such a misleading information be provided to public. Please issue a corrigendum for this.