महिलाऐं नौकरी के साथ घर और बच्चों को कैसे सक्षमता से संभालें ?
कल ही ऑफिस में 5 और 7 वर्षीय बेटियों की मां, मेरी सहकर्मी विशाखा मुझसे अपना दुखड़ा रो रही थी। “रेणुजी, इस नौकरी के चलते बेटियों और घर पर मैं इतना ध्यान नहीं दे पा रही जितना कि मुझे देना चाहिए। मेरी दोनों बेटियां इस बार क्लास टेस्ट्स में बहुत कम मार्क्स लेकर आई हैं। आजकल पति भी मुझसे नाखुश रहने लगे हैं, कभी बच्चों की पढ़ाई को लेकर तो कभी घर की अव्यवस्था को लेकर। इस नौकरी को लेकर घर और बच्चे दोनों बहुत नेगलेक्ट होते हैं। समझ नहीं आ रहा मैं करूँ तो क्या करूं?”
उसकी बातें सुनकर मैं सोच में पड़ गई। नौकरीपेशा महिलाओं के लिए अपनी नौकरी, घर गृहस्थी और बच्चों के मध्य संतुलन बैठाना एक रस्सी के ऊपर चलने की मानिंद नाजुक होता है। तो आइए आज इसी विषय पर चर्चा करते हैं।
1. घर गृहस्थी की जिम्मेदारियां:
रसोई के कार्य:
इतवार को सप्ताह भर की सब्जियां और फल धोकर फ्रिज में रख दें ।
अगले दिन के मेन्यू के बारे में सोचें।
अगले दिन बनने वाली सब्जियां धोकर फ्रिज में रख सकती हैं। उन्हें काट कर रखने से बचें। याद रखें, कटी हुई सब्जियां अपने पोषक तत्व खो देती हैं।
अगले दिन के नाश्ते में बनने वाले पोहे, दलिया, उपमा, इडली आदि के लिए चिड़वा, दलिया, भुनी हुई सूजी की निर्धारित मात्रा रात को निकाल कर रख दें। इन में प्रयुक्त होने वाली प्याज, लहसुन, हरी मिर्च अदरक, कड़ी पत्ता धोकर फ्रिज में रख दें।
यदि आप प्याज लहसुन की ग्रेवी वाली सब्जी पसंद करती हैं तो सप्ताह भर के लिए इकट्ठी ग्रेवी भूनकर फ्रीजर में रख सकती हैं।
घर की साफ सफाई:
रसोई एवं पूरे घर की डस्टिंग शाम को ऑफिस से आने के बाद करें।
रात को सोने से पहले घर भर में फैले सामान को नियत जगह पर समेट कर व्यवस्थित कर लें।
कपड़ों की धुलाई एवं इस्त्री:
दोनों काम अधिकतर छुट्टी वाले दिन करें ।
बच्चों को स्कूल भेजने की तैयारी:
अगले दिन पहने जाने वाले इस्त्री किए हुई बच्चों की स्कूल यूनिफार्म मोजे, टाई, बेल्ट के साथ निकाल कर रख दें।
यदि आपके बच्चे स्कूल के बाद क्रेच में जाते हैं तो वहां भेजने वाला बैग तैयार कर रख दें।
क्रैच भेजने वाले धुले हुए फ्रूट टिफिन में शाम को पैक कर फ्रिज में रख दें।
ऑफिस जाने से पहले की तैयारी:
अगले दिन पहने जाने वाले अपने कपड़े निकाल लें।
अपना ऑफिस का बैग,घर की चाबी और अपनी स्कूटी या गाड़ी की चाबियां एक साथ रख दें।
2. बच्चों की देखभाल:
नौकरी पेशा महिलाओं को अपने बच्चों के साथ बिताने का टाइम अमूमन कम ही मिलता है। इसे लेकर व्यर्थ ही तनाव व अपराध भावना न पालें।
याद रखें बच्चों के साथ बिताए गए समय की क्वालिटी महत्वपूर्ण है ना की अवधि।
अपने बच्चे के साथ डेली कनेक्ट टाइम सुनिश्चित करें:
अपने बच्चे के साथ अधिक से अधिक दोस्ताना लहजे में बात करें। उन्हें अपने स्कूल, दोस्तों, हॉबीज़ के बारे में अधिक से अधिक आपको बताने के लिए प्रेरित करें। उनसे अपने बचपन की बातें शेयर करें।
अपने बच्चे के प्रति अपने प्यार का इजहार करें। तब भी जब आप उसके निकट नहीं है.
“मम्मा आपको बहुत प्यार करती है,”
“आप में मम्मा की जान बसती है,”
आप की गैर मौजूदगी में आपके द्वारा उसके लिए लिखे गए ऐसे नोट्स उसे आपके बेशर्त प्यार के प्रति आश्वस्त करेंगे।
अपने बच्चे के साथ निरंतर जुड़ी रहें।
अपने ऑफिस में रहते हुए भी आप अपने बच्चे से व्हाट्सएप मैसेज या वीडियो कॉल द्वारा जुड़ी रहें।
आप ऑफिस में लंच ब्रेक या टी ब्रेक में अपने बच्चे से आमने सामने विडियो कॉल द्वारा बातें कर सकती हैं। यह आपको एवं आपके बच्चे को असीम खुशी देगा।
लेकिन ध्यान रखें – किशोर अवस्था वाले बच्चे अपना निजी समय भी चाहते हैं। हर समय उनकी ज़िंदगी में दखलंदाज़ी न करें। उन्हें यह एहसास न दें कि आप उन पर नजर रख रही हैं।
अपनी नौकरी की व्यस्तता के चलते यदि आप अपने बच्चे के स्कूल में आयोजित किसी कार्यक्रम को अटेंड नहीं कर पा रही हैं तो सुबह स्कूल जाने से पहले उससे प्यार जताते हुए कोई नोट या गुड लक चार्म दे सकती हैं।
यदि संभव हो तो उसकी ईवेंट की वीडियो रिकॉर्डिंग मंगवा कर उसके साथ उसे देखें और उसकी बढ़िया परफॉर्मेंस के लिए उसे शाबाशी दें।
बच्चे के साथ स्वयं बच्चा बन जाएं:
अपने बच्चे के साथ अपनी व्यस्त दिनचर्या से फुरसत के कुछ पल निकाल कर उसके साथ बच्चा बनकर दिल खोलकर हंसें, मस्ती और धमाल करें।
बच्चे के साथ गपियाएं एवं खेलें।
बच्चों से बहुधा उनकी रुचि की बात करें। उनके दोस्तों, क्लासेस और रुचियों के विषय में चर्चा करें।
फ्री टाइम में अपने बच्चों के साथ विभिन्न बोर्ड गेम जैसे लूडो, चाइनीज़ चेकर, कैरम बोर्ड, शतरंज आदि खेलें।
बच्चों की पढ़ाई पर नजर रखें:
अपने बच्चे की पढ़ाई की प्रगति पर सतत नजर रखें। रोजाना उनकी स्कूल डायरी चेक करें।
यह बराबर ध्यान रखें कि आपका बच्चा स्कूल का दैनिक होमवर्क रोज पूरा कर रहा है या नहीं और वह क्लास टेस्ट्स एवं टर्म टेस्ट्स में कैसा प्रदर्शन कर रहा है। यदि विभिन्न टेस्ट्स में उसका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है तो उसे स्वयं पढ़ाएं अथवा प्राइवेट ट्यूशन दिलवाए।
ऑफिस से व्हाट्सएप मैसेज कर उससे रोजाना उसके होमवर्क के विषय में अवश्य पूछें कि उसने वह पूरा किया या नहीं ।
अपने लिए अपनी व्यस्त दिनचर्या से फुर्सत के कुछ मीठे पल चुराऐं:
नौकरी और घर की दोहरी जिम्मेदारी निभाते निभाते कभी-कभी महिलाएं चिड़चिड़ी होने लगती हैं और अपनी जिम्मेदारियों के प्रति पूरा पूरा न्याय नहीं कर पाती। अतः सदैव ऊर्जावान एवं प्रसन्न चित्त रहने के लिए जब भी मौका मिले, छुट्टियों में सपरिवार देश-विदेश की सैर पर निकल जाएं।
सोने से पहले हल्का-फुल्का लेकिन स्तरीय साहित्य पढ़ें।
कभी-कभी अपनी मनपसंद हॉबी के लिए भी वक्त निकाले।
अपनी मां, करीबी सहेलियों, या बहनों से गपियाएं अथवा फोन पर भी बात करें।
अकेली या सहेलियों के साथ शॉपिंग पर जाएं।
पौष्टिक आहार तथा यथेष्ट नींद ले।
परफेक्शनिस्ट बनने से बचें ।
कुछ घर गृहस्थी संबंधित कार्यों को पति एवं बच्चों से भी करवाएं लेकिन यदि यह संभव न हो तो उन्हें नौकरानी से करवाएं।
रोज नियत वक्त से एक घंटा पहले उठें।
अपने रोज के नियत वक्त से एक घंटा पहले उठकर मेडिटेशन, प्राणायाम, योगासन, अन्य एक्सरसाइज अथवा ब्रिस्क वाकिंग करें। ये गतिविधियां आपको दिनभर की व्यस्तता जनित तनाव से लड़ने में मदद करेगा और शरीर में चुस्ती फुर्ती के साथ आपको दिनभर ऊर्जामय एवं प्रसन्न चित्त रखेगा ।
इसके बाद ताजी हवा में पति के साथ हलकी फुल्की बातचीत करते हुए चाय कॉफी पियें। पति के साथ बिताए ये खुशनुमा पल आपको दिन भर तरोताज़ा रखेंगे।
उपरोक्त उपाय अपनाकर आप सहज ही नौकरी के साथ घर और बच्चे संभालने की कड़ी चुनौती का सामना सफलतापूर्वक कर पाएंगी।