तिल का इस्तेमाल पकवान बनाने से लेकर इसके तेल निकालने तक में होता है। तिल के लड्डुओं को देख कर भला किसके मुंह में पानी नहीं आता होगा।
सबके पसंदीदा फास्टफूड पिज्जा और बर्गर जैसे उत्पादों में तिल का प्रयोग होता है। इसके तेल के तो कई सारे औषधीय गुण हैं, जिसका जहाँ- तहाँ प्रयोग होता ही रहता है।
आज हम आपको इस लेख के ज़रिये तिल के तेल की मालिश से होने वाले दस फ़ायदों के बारे में बताने जा रहे हैं।
1. बालों के लिए तिल का तेल किसी औषधीय वरदान से कम नहीं है। यह न सिर्फ पतले, कमज़ोर और दोमुंहें बालों को चमकदार और मजबूत बनाता है और इन्हें ठीक भी करता है, बल्कि इसके तेल को ब्राह्मी या किसी अन्य जड़ी-बूटी के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जाए तो इसका और भी अधिक फ़ायदा मिलता है।
2. इसे खाने से शरीर को काफी शक्ति मिलती है। सर्दियों में इसके तेल की मालिश से सर्दी से सुरक्षा मिलती है। तिल और मिश्री का काढ़ा बनाकर खांसी में पीने से जमा हुआ कफ निकल जाता है।
3. इसके तेल की रोज़ाना मालिश से लगभग हर तरह के चरम रोग ठीक हो जाते हैं। त्वचा की नमी भी लौट आती है।
4. कभी कभी उम्र में थोड़े बड़े बच्चों को भी बिस्तर पर पेशाब करने की आदत रह जाती है। ऐसे में ५० ग्राम तिल के तेल में २०० ग्राम गुड़ मिलाकर सुबह-शाम ५-१० ग्राम बच्चे को कुछ दिनों के लिये देने पर इस आदत से छुटकारा मिल जाता है।
5. पेटदर्द में गुनगुने पानी के साथ काला तिल मिलाकर पीने से पेट दर्द गायब हो जाएगा।
6. कमर और पीठ दर्द जैसी स्थिति में हींग और सौंठ मिलाकर गरम तिल के तेल की मालिश से बहुत आराम पहुंचता है।
7. कष्टदाई बवासीर में रक्त का बहाव बंद करने हेतु दस ग्राम काले तिल को ज़रा से पानी में पीस कर इसमें एक चम्मच मक्खन मिला कर चाटें। आप चाहें तो मिश्री भी मिला सकते हैं।
8. अगर आपको किसी भी वजह से मोच आयी है, तो तिल को पानी में पीस कर गरम पानी में डाल कर बांधने पर काफी आराम पहुँचता है।
9. चेहरे पर अगर काफी सारे कील मुहाँसे आने लगें तो तिल को पीसकर मक्खन के साथ मिलकर लगाने पर कील मुँहासों का नमो-निशान मिट जाता है।
10. दन्त रोग जैसी समस्या में सुबह उठकर दाँत साफ करने के पश्चात खाली पेट में तिल को चबा-चबा कर खाएं। ऐसे में दांतों को मजबूती मिलती है और समस्त दंत रोगों का नाश होता है।
सुंदर जानकारी के लिए धन्यवाद
मनका आजार