थाई मसाज आजकल काफी प्रचलन में है जो असल में योगासन,स्ट्रेचिंग और मसाज का संपूर्ण मिश्रण है. जानिये इस मसाज के बेहतरीन फायदे इस लेख में.
मालिश यानी कि मसाज की संकल्पना भारत में नयी नहीं है. काफी शतकों से हमने भारत में मालिश के बहुत सारे प्रकार देखे हैं फिर चाहे वह पारम्परिक आयुर्वेदिक पंचकर्म हो, नाई से मिलने वाला हेड मसाज हो या स्पा थेरेपी. लेकिन थाई मसाज, मसाज होने के बावजूद इन सबसे अलग है. चलिए जानते हैं ऐसा क्या खास है थाई मालिश में जो इसे सबसे बेहतरीन माना जाता है.
मालिश के विभिन्न प्रकार
वैसे तो मालिश के कई प्रकार हैं जैसे स्वीडिश मालिश जो हम अक्सर जिम में, अलग-अलग स्पा में, वेलनेस सेंटर्स में देखते हैं. अरोमा थेरेपी मालिश में सुगंधित ऑयल का उपयोग करके स्वीडिश मसाज किया जाता है. अक्सर इन ऑयल्स में लैवेंडर ऑयल का उपयोग किया जाता है जिसमें हीलिंग प्रॉपर्टीज होती है.
इसके अलावा शरीर के अलग-अलग अंगों के लिए भी विभिन्न प्रकार की मालिश की जाती है जैसे रिफ्लेक्सोलॉजी में सिर्फ़ अपने पैरों पर ध्यान दिया जाता है. दिनभर की भाग दौड़ के बाद पैरों को अच्छा मसाज मिलना बहुत आरामदेह होता है. इसी तरह बैक मसाज भी होता है जिन्हें पीठ दर्द की समस्या है उनके लिए अक्सर यहाँ मालिश करवाने की सलाह दी जाती है. थाई मालिश इन सबसे अलग है.
थाई मालिश क्या होता है?
थाई मालिश में एक इंसान के सॉफ्ट टिश्यूज जैसे लिगामेंट्स, मांसपेशियां, टेंडॉन्स में मालिश के ज़रिये कुछ बेहतरीन बदलाव लाये जातें हैं जिससे ना ही सिर्फ़ आपको अच्छा और फ्रेश महसूस होता है बल्कि आपका स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है. थाई मसाज में योगासन, स्ट्रेचिंग और मालिश इन तीनों का अनोखा मेल होता है जिससे आपको बाकी मालिश से ज़्यादा ऊर्जा मिलती है. अक्सर यह मालिश जमीन पर या योगा मैट पर किया जाता है जिसमें मालिश देने वाला थैरेपिस्ट आपसे योगा और स्ट्रेचेस करवा लेता है.
थाई मालिश के फायदे
आयुर्वेदिक पंचकर्म की तरह ही थाई मालिश भी कई सदियों से प्रचलित है. ऐसे माना जाता है कि इसकी शुरुआत भगवान महावीर बुद्ध के वैद्य चिकित्सक ‘शिवगो कोमरपाज’ ने की थी. बीतते समय के साथ इसमें कई बदलाव होते गए लेकिन शरीर और मन का संतुलन बनाने के लिए योगा का उपयोग थाई मालिश में आज तक वैसे ही किया जाता है जैसे कई सदियों पहले किया जाता था.
थाई मालिश आपके तनाव के स्तर को कम करने में और रक्त संचरण में सुधार लाने में मदद करती है. योगासन की तरह आसन करके यह मालिश धीरे-धीरे पूरा किया जाता है. इससे आपकी लचीलता बढ़ती है. थाई मालिश से आप रिलैक्स महसूस करते हैं. तनाव कम होने से तनाव से सम्बंधित मानसिक और शारीरिक व्याधियों से भी आपको आराम मिलता है.
मांस पेशियों से तनाव कम होने की वजह से आपकी ऊर्जा के स्तर में वृद्धि होती है जिससे आपका वज़न भी संतुलित रहता है. इससे रक्तशर्करा यानि ब्लड शुगर का स्तर कम होने में और मधुमेह का संतुलन बनाए रखने में भी मदद मिलती है.
बाकी सभी प्रकार के मालिश में सिर्फ़ मांसपेशियों से तनाव हटाया जाता है. थाई मालिश में मन के संतुलन पर भी काम किया जाता है और यही इसे बाकी सभी मालिशों से अलग, अनोखा और बेहतरीन बनाता है.
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