ये दस तस्वीरें आपको अपने बचपन के उन स्वर्णिम क्षणों की याद दिला देगा।
1. बारिश में कागज़ की नाव बनाना और रेस लगाना कि किसकी डूब नहीं जाती और सबसे दूर जाती है! अब तो बस जगजीत और चित्रा सिंह के उस गीत “मुझे लौटे दे…. कागज की कश्ती बारिश का पानी” को सुनकर ही मन को मनाना पड़ता है।
2. स्कूल में छुट्टियां होते ही नानी के घर जाना! सब भाई – बहनों के साथ रहना और रात को नानी से कहानियां सुनना.
3. पोस्ट कार्ड! ताज महल की प्रिंट हो या फिर गांधीजी की, तरह – तरह के पोस्ट कार्ड पर छोटे छोटे अक्षरों में खत लिखना.
4. तब की टॉफियों, बबलगम, चिकलेट्स, टिक टेक – इनका जो स्वाद था, आज वह कहीं नहीं मिल सकता.
यह सब टॉफियां कहाँ गायब हो गयी अब ! और तो और, बबबलगम के साथ आये टैटूज लगाने का जो मज़ा आता था , याद है आपको?
5. टीवी के बिना बचपन अधूरा है और ऐसा हो नहीं सकता कि आपने शक्तिमान न देखा हो.
6. वीडियो गेम्स की दुनिया कुछ अलग ही दुनिया थी और उस टाइम के वीडियो गेम्स भी कुछ अलग ही थे.
सुपर मारिओ, प्रिंस ऑफ़ पर्शिया, काउंटर स्ट्राइक जैसे गेम्स खेलते – खेलते ही तो सब फ्रेंड्स में झगड़े होते थे – “इसका स्कोर मुझसे ज़्यादा कैसे आया?”
7. तब मोबाइल फ़ोन्स नहीं, ये ब्रिक गेम सबके हाथ में हुआ करता था! घंटो इसपर खेलते रहो और टाइम का पता ही नहीं लगता था.
8. तब ऋतिक रोशन हीरो नहीं था, तब चाचा चौधरी हीरो थे सबके. गर्मी की छुट्टियों में हर किसी के साथ कॉमिक बुक एक्सचेंज करना और साथ बैठकर पढ़ना.मम्मी रात को सोने को बोले तो चादर में घुस कर टोर्च चालू करके कॉमिक बुक्स देखना.
9. रेसलिंग /ट्रम्प कार्ड्स के साथ कौन नहीं खेला है बताओ. तुम्हारा फेवरिट कौन था? हल्क होगन या अंडरटेकर?
10. स्कूल में सभी लड़को ने और लड़कियों ने उनके बुक के लास्ट पेजेज पर ऐसा किया ही होगा. तो तुम्हारी किससे शादी होने वाली थी? और भाई लोग, कोन सी बहन तुम्हारे लव में पड़ गई?
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Kahan aa gye is smajhdari bhari dunia me,,Wo nadan "bachpan" kitna pyara tha ....