सुरेन्द्र मोहन पाठक को परिचय की आवश्यकता नहीं है| पाठक जी हिंदी भाषा के ख्यातिप्राप्त उपन्यासकार हैं| उन्होंने लगभग 300 रोमांचक उपन्यासों की रचना की है| पाठक जी ने विशेष रूप से सनसनीखेज कहानियां लिखी हैं जो पाठकों को काफी पसंद आती हैं| उनकी ज्यादातर कहानियां अपराध उपन्यास मतलब क्राइम फिक्शन श्रेणी में आती हैं| उन्होंने एक मुख्य किरदार के इर्दगिर्द घूमने वाली रहस्य कथाओं के अलावा ऐसे थ्रिलर उपन्यासों की भी रचना की है जिनमें कोई एक मुख्य किरदार (हीरो) नहीं होता| उनके इस तरह के थ्रिलर उपन्यास भी पसंद किये गए हैं | उनकी ज्यादातर कहानियों में रहस्य और रोमांच भरा हुआ होता है|
सुरेन्द्र मोहन पाठक ने अपने 50 दशक से भी ज्यादा लम्बे, शानदार कैरियर के शुरूआती दौर में अंग्रेजी भाषा के कई विश्वप्रसिद्ध उपन्यासों का हिंदी भाषा में अनुवाद किया था | इनमे अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त उपन्यासकारों जेम्स हेडली चेज के कई उपन्यास और इयान फ्लेमिंग के जेम्स बांड सीरीज के उपन्यास सम्मिलित हैं | भारतीय बाजार में इन अनुवादित उपन्यासों की मांग बहुत ज्यादा होने के कारण सुरेन्द मोहन पाठक आगे हिंदी भाषा के ओरिजिनल थ्रिलर उपन्यासों की रचना करने के लिए प्रेरित हुए |
सुरेन्द मोहन पाठक ने कई श्रृंखलाबद्ध उपन्यास लिखे हैं जो काफी लोकप्रिय हुए हैं | एक मुख्य किरदार को लेकर श्रृंखलाबद्ध उपन्यास लिखने वाले वो हिंदी भाषा के सबसे पहले उपन्यासकार हैं | उनके श्रृंखलाबद्ध उपन्यासों में से सबसे ज्यादा लोकप्रिय है विमल | इसके अलावा सुधीर और सुनील श्रृंखलाएं भी लोकप्रिय हुई हैं और सराही गयी हैं | उन्होंने और भी कई श्रृंखलाबद्ध उपन्यास लिखें हैं जिनमें से मुख्य हैं जीतसिंह सीरीज, मुकेश माथुर सीरीज, प्रमोद सीरीज, थ्रिलर सीरीज, विकास गुप्ता सीरीज, विवेक आगाशे सीरीज, बालकथा सीरीज इत्यादि |
पाठक जी प्रबुद्ध और अनुभवी कहानीकार हैं | वो ऐसे किरदारों की रचना करने में माहिर हैं जिनसे उपन्यास पढ़ने वाले लोग गहराई से जुड़ सकें | उनके उपन्यास पढ़ते समय ज्यादातर पाठक कहानी में इतना खो जाते हैं कि कहानी के सभी पात्र उन्हें वास्तविक लोग लगने लगते हैं | डायल 100, कागज़ की नाव, गवाही, मौत की आहट जैसे उपन्यासों के द्वारा पाठक जी ने पुलिस विभाग की कमियों और खूबियों दोनों को दर्शाने की कोशिश की है और अपनी कोशिश में कामयाब भी हुए हैं | पाठक जी की हर किताब पढ़ने और सहेजने के योग्य है | एक सफल कहानीकार के सारे गुण सुरेन्द्र मोहन पाठक में हैं, और शायद इसीलिए वो हिंदी भाषा के सबसे लोकप्रिय और सफल उपन्यासकारों में से एक हैं |
चलिए अब बात करते हैं सुरेन्द मोहन पाठक के सबसे लोकप्रिय उपन्यासों और किरदारों की |
यह सुरेन्द्र मोहन पाठक के सबसे ज्यादा लोकप्रिय उपन्यासों में से एक है | यह विमल सीरीज का थ्रिलर उपन्यास है | इसका अंग्रेजी में अनुवाद भी प्रकाशित हो चुका है | इसके अंग्रेजी अनुवाद के बारे में टाइम मैगजीन में भी खबर प्रकाशित हो चुकी है | इस उपन्यास के प्रकाशित होने के बाद से इसकी ढाई करोड़ प्रतियाँ बिक चुकी हैं |
यह भी विमल सीरीज के सबसे ज्यादा लोकप्रिय उपन्यासों में शामिल है | यह पैंसठ लाख की डकैती के बाद की कहानी है | इस कहानी में विमल पहली बार अपनी खुद की मर्जी से अपने फायदे के लिए एक अपराध में शामिल होता है | इस उपन्यास को शानू पेपरबैक्स ने 1980 में प्रकाशित किया था | 2010 में इसका अंग्रेजी अनुवाद भी प्रकाशित हुआ है जिसका नाम है “डेलाइट रॉबरी” | अंग्रेजी भाषा में इस उपन्यास का अनुवाद सुदर्शन पुरोहित ने किया है |
सुरेन्द्र मोहन पाठक की ज्यादातर कहानियां कुछ चुनिंदा किरदारों के इर्दगिर्द घूमती रहती हैं | ये किरदार अक्सर कुछ मुश्किल और रहस्यमय परिस्थितियों से घिरे हुए होते हैं | कहानी का सबसे मुख्य पात्र अक्सर एक हीरो होता है जो आपराधिक तत्वों का बहादुरी और समझदारी से सामना करता है | सुरेन्द मोहन पाठक के श्रृंखलाबद्ध उपन्यासों में सबसे बड़ी श्रृंखला सुनील सीरीज है जिसमे 121 रोमांचक उपन्यास सम्मिलित हैं, लेकिन विमल सीरीज उनकी सबसे ज्यादा सफल सीरीज है |
विमल कोई पुलिस ऑफिसर, डिटेक्टिव, या आर्मी ऑफिसर नहीं है बल्कि एक ऐसा किरदार है जो एक वांटेड मुजरिम है और सात राज्यों की पुलिस उसे पकड़ना चाहती है | वांटेड मुजरिम होने के बावजूद विमल पाठकों के दिलों पर राज करता है | विमल का चरित्र रॉबिनहुड के समान है | वो बुराई और जुर्म का जड़ से नाश कर देना चाहता है और गरीब, लाचार लोगों की मदद करना चाहता है | विमल ने अपने मकसद को पूरा करने की कसम खा रखी है |
सुधीर सीरीज के 21 उपन्यास उपलब्ध हैं | सुधीर का पूरा नाम है सुधीर कोहली और वह एक चालाक, दार्शनिक प्राइवेट डिटेक्टिव है | सुधीर कई जटिल केस सुलझाता है और इसके लिए दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर देवेन्द यादव की मदद भी लेता है | केस सुलझाते हुए सुधीर दिल्ली के लोगों की फ़ास्ट लाइफस्टाइल और उनके मतलबी व्यवहार के ऊपर अपने दार्शनिक विचार भी साझा करता रहता है | लोकप्रिय होने के कारण सुधीर सीरीज के एक उपन्यास का भी अंग्रेजी में अनुवाद हुआ है | इस अनुवादित उपन्यास का नाम है “द लास्ट गोल” |
सुनील एक खोजी पत्रकार है जो नेकदिल, जोशीला, और सच्चा है | सुनील ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारियां निभाने और लोगों की भलाई के लिए काम करने में विश्वास रखता है | पाठक जी के सबसे पहले उपन्यास “पुराने गुनाह नए गुनहगार” का मुख्य किरदार भी सुनील ही है | सुनील अक्सर अपने दोस्त रमाकांत मल्होत्रा ( एक प्रतिष्ठित क्लब का मालिक) और उसके कर्मचारियों की मदद से केस सुलझाता है | सुनील अक्सर मुसीबत में फंसी खूबसूरत महिलाओं की भी मदद करता है | कई बार सुनील खुद बड़ी मुसीबत में भी फंस जाता है और बड़ी मुश्किल से ही उसकी जान बचती है |
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