सनी लियोन आज किसी परिचय की मोहताज़ नहीं हैं। पोर्न स्टार से भारतीय फिल्मों की अभिनेत्री बनने तक कैसे सनी ने सबका दिल जीता? जानिए इस लेख में।
फिल्म, संस्कृति-साहित्य का सबसे मजबूत और बड़ा हिस्सा है। फिल्मों के चरित्र हर रूप में समाज के हिस्सा ही नहीं होते बल्कि समाज की ही असली तस्वीर दिखाते हैं। फिल्मों के नायक और नायिकाएँ हमेशा से समाज के हर तबके को प्रभावित करते आ रहे हैं। चाँदी के पर्दे पर दिखने वाले नायक-नायिकाएँ अपने वास्तविक जीवन में कभी-कभी बिलकुल विपरीत होते हैं। स्क्रीन पर दिखने वाला खूंखार विलेन अपनी वास्तविक जीवन में बहुत सादा और सरल व्यक्ति होता है। इसी सच को चरितार्थ करती हैं ‘सनी लियोन’!! चमकते फिल्मी पर्दे पर पॉर्न स्टार् के नाम से प्रसिद्ध ‘सनी लियोन’ वास्तव में एक सीधी सरल और सच्ची देशभक्त हिंदुस्तानी है।
बहु-संस्कृति का मिश्रण सनी की माता हिमाचल प्रदेश से और पिता तिब्बत में रहे पंजाबी परिवार से हैं और खुद इनका जन्म 13 मई 1981में कनाडा के एक शहर सार्निया में हुआ था। ‘करनजीत कौर वोहरा’ उर्फ़ सनी लियोन एक कैथोलिक स्कूल की छात्रा थीं जो फिल्मों की चमकती दुनिया में आने से पहले नर्सिंग करियर से जुड़कर समाज सेवा करना चाहती थीं। 15 वर्ष की छोटी-सी आयु में ही उन्होनें अपना करियर एक बेकरी से शुरू कर दिया था। जल्द ही इन्हें फिल्मों की चमकती दुनिया ने आकर्षित कर लिया और सुंदर और स्मार्ट सनी ने ‘विविड एंटरटेनमेंट’ नाम की एक पॉर्न कंपनी में काम करना शुरू कर दिया।
कीचड़ में कमल की भांति सनी ने इस इंडस्ट्री के बदनाम और गंदे खेल से अपने को बचाते हुए केवल एक ही पुरुष सह-कलाकार और वो भी अपने मंगेतर ‘डेनियल वेबर’ के साथ काम करने की शर्त रखी और उसका पालन किया। उनके इस कदम में उनके पति डेनियल वेबर’ ने पूरा साथ दिया और दोनों अपने करियर के शुरू से साथ हैं। 2003 से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाली सनी ने धीरे-धीरे टीवी, प्रिंट मीडिया और फिल्मों में काम करते हुए पैसा और नाम दोनों कमाने शुरू कर दिये। 2004 में एक फिल्म में गेस्ट अपीरियंस से अपना फिल्मी करियर शुरू किया। 2005 में एम टीवी इंडिया एवार्ड में रेड कार्पेट रिपोर्टर बनकर सबकी नज़रों में आ गईं।
हिन्दी सिनेमा में मोहित सूरी के फिल्म ऑफर को अपनी शर्तें पूरी न होने पर ठुकरा दिया था। 2012 में प्रसिद्ध निर्देशक महेश भट्ट ने उन्हें अपनी फिल्म ‘जिस्म-2’ में काम करने के लिए राजी कर लिया और हिन्दी सिनेमा में सनी का सूरज उदय हो गया। इस फिल्म में सबने उनकी अभिनय प्रतिभा का लोहा मान लिया। इसके बाद उनके पास अलग-अलग फिल्मों के ऑफर आने लगे जिसे उन्होने सहर्ष स्वीकार कर लिया। सनी लियोन की प्रसिद्धि इसी बात से पता लगती है की 2014 में इनको सर्च करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा थी।
सनी लियोन ने यह सिद्ध कर दिया कि व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके कामों से जाना जाता है उसके प्रोफेशन से नहीं। बेशक उनके पास कैनेडियन नागरिकता है लेकिन मन से सनी पूरी तरह से भारतीय हैं। यह बात सिद्ध कर दी उन्होने हैदराबाद के एक स्टेडियम में जहाँ सनी प्रो-कबड्डी सीजन 4 में शामिल हुईं और हिन्दी भाषा में राष्ट्रीय गान गया। इस बात से उनके सच्चे भारतीय होने में कोई संदेह नहीं रह गया। उनके पास भारतीय नागरिकता नहीं है लेकिन भारतीय परंपरा को निभाना आता है उन्हें। फिर भला सनी को भारतीय समाज क्यों नहीं अपनाता?
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