अंग्रेजी में एक कहावत है जिसका हिंदी में अर्थ है “यदि काम की शुरुआत अच्छी हो तो समझो आधा काम पूरा”। यह कहावत आपके दिनचर्या शुरू करने पर भी लागू होती है। हर व्यक्ति के दिन की शुरुआत उसके सुबह के नाश्ते से होती है।
प्राचीन काल में दिन का आरंभ ब्रह्ममुहूरत से माना जाता था और इस प्रकार सुबह लगभग 8 बजे नाश्ते का समय हो जाता था। लेकिन बदलते वक्त के साथ रात के सोने और सुबह उठने के वक्त में भी भारी परिवर्तन आ गया है। आजकल सभी लोग भागदौड़ में लगे हैं, सब कुछ सुपर-फास्ट स्पीड से करने में सुबह के नाश्ते को गैर-ज़रूरी काम मानते हुए इसपर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया जाता। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तव में सुबह का नाश्ता क्यूँ किया जाता है और इसका हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है? आइये थोड़ा इस बात पर कुछ गौर करें:
आपके सारे दिन के आहार की शुरुआत सुबह के नाश्ते से होती है। इसको लेने का सही समय सुबह के 7.30 से 8.00 के बीच का होता है। इस समय शरीर का मेटाबोलिज़्म सबसे अधिक होता है। इसलिए इस समय जो कुछ भी खाया जाता है उसका असर शरीर पर फौरन दिखाई देता है। इस नाश्ते में लिया गया भोजन शरीर में ऊर्जा और शक्ति उत्पन्न करता है । आपके रात के खाने और सुबह के नाश्ते में लगभग 8-10 घंटों का अंतराल होता है। इस कारण शरीर में शुगर का स्तर काफी कम होता है। इसलिए शरीर को सही मात्रा में ऊर्जा मिलती रहे, तो किसी भी अवस्था में सुबह के नाश्ते को छोड़ना नहीं चाहिए।
दिन की शुरुआत अच्छी हो इसके लिए ज़रूरी है की आपके दिन का पहला भोग “राज-भोग ” की भाँति होना चाहिए। कहा भी गया है की सुबह का नाश्ता राजा की तरह खाना चाहिए। इसका अर्थ है कि आपकी प्लेट में खाने का हर रंग समुचित मात्रा में होना चाहिए। एक पौष्टिक नाश्ता वो माना जाता है जिसमें प्रोटीन, विटामिन, खनिज, कार्बोहाइड्रेट, वसा और फाइबर का उचित संयोग हो। इसके लिए आप नाश्ते की प्लेट में अनाज, दूध, फल, अंडा आदि ले सकते हैं।
भारतीय भोजन बिना तेल और घी के पूरा नहीं होता है। लेकिन सुबह के नाश्ते में आपको ऐसा कुछ नहीं लेना चाहिए जिसमें बहुत अधिक घी, तेल या किसी अन्य वसा का उपयोग होता हो। मैदा, तेज मिर्च-मसाले से बना नाश्ता भी शरीर को नुकसान पहुँचता है।
अगर आप किसी कारण से सुबह का नाश्ता समय से नहीं ले पाते हैं तो इसका असर आपके स्वास्थ्य पर अच्छा नहीं होगा। समय पर नाश्ता न लेने से आपके शरीर में वसा का स्तर बढ़ सकता है जिससे वजन बढ़ने लगता है।
शरीर में सही समय पर पोशक तत्व न पहुँचने के कारण मानसिक तनाव बढ़ जाता है और इसका असर आपकी कार्यक्षमता पर होता है। लगातार समय पर नाश्ता न करने से एलडीएल (बुरा कोलेस्ट्रॉल) की मात्रा बढ़ जाती है जिससे हृदय रोग की संभावना अधिक हो जाती है। इसके अतिरिक्त हाई ब्लड प्रेशर और डाईबीटीज़ जैसे रोगों की संभावना भी अधिक हो जाती है।
समय पर किया गया पौष्टिक नाश्ता आपको अच्छी सेहत और शरीर को ऊर्जा और शक्ति देता है।
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