पूरी दुनिया में केवल भारत ही एक ऐसा देश है, जहां हर दो माह के बाद मौसम अपना रंग बदल लेता है। ऐसे में मौसम का प्रभाव युवा वर्ग पर इतना नहीं होता है, जितना बच्चों और वृद्ध लोगों पर मौसम का असर होता है। विशेषकर सर्दी में छोटे बच्चे और वृद्ध व बीमार लोगों को विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए हम आपके लिए आयुर्वेद के कुछ सरल नुस्खे लाएँ हैं – उम्र के पड़ाव अनुसार हमने इन सुझावों को तीन भागों में बांटा है, ताकि आप अपनी उम्र के अनुसार दिये सुझावों पर अमल कर सकें।
सर्दी का सबसे पहला असर बीमार और वृद्धों पर खांसी और सांस फूलने के रूप में दिखाई पड़ता है। इसके लिए जरूरी है कि
छोटे बच्चों को सर्दी से बचाने के लिए जरूरी है कि उनकी छाती को गर्म कपड़े से ढ़क कर रखें। फिर भी अगर सर्दी का असर दिखाई दे तब:
सामान्य रूप से सर्दी का असर तो किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकता है। इसलिए ज़रूरी है कि अपने शरीर के रोगों से लड़ने की शक्ति को मजबूत रखने के लिए शरीर को हमेशा एक्टिव रखें। इसके अलावा स्वयं को सर्दियों में सेहतमंद रखने और सर्दी के असर को कम करने के लिए आप कुछ और उपाय भी कर सकते हैं:
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