मर्ज़ बढ़ता गया, ज्यों-ज्यों दवा किया, यह लाइन स्किन की उस बीमारी
के लिए एकदम सही हैं, जिसको मेडिकल जगत में सोरयसिस के नाम से जाना जाता है।
दरअसल सोरयसिस न तो छूत की बीमारी है और न ही किसी इन्फेक्शन के कारण होती है। सोरायसिस वंशानुगत बीमारियों की श्रेणी में रखी जाने वाली बीमारी है। कुछ केसों में ऐसा लगता है, की इलाज से इस बीमारी में फ़ायदा हो रहा है, जबकि वास्तव में ऐसा होता नहीं है। कुछ समय बाद यह बीमारी फिर अपने आप उभर कर आ जाती है। सोरयसिस के मरीज ज़्यादातर 20 से 30 वर्ष की आयु के युवा वर्ग से होते हैं। आइये जानें की सोरायसिस क्या है और यह कैसे ठीक किया जा सकता है:
यह तो आप जानते ही होंगे की हमारी त्वचा एक महीने के अंतर पर बदल जाती है । लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में यह बदलाव एक महीने के स्थान पर 4 से 5 दिन के अंतर पर ही हो जाता है। इस हालत में स्किन के ऊपर अविकसित स्किन की मोटी और चमकीली परत जमनी शुरू हो जाती है । इससे खुजली वाले और लाल रंग के निशान बन जाते हैं, जिनमें कभी-कभी दर्द और सूजन भी हो जाती है। यह बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से में हो जाती है। बीमारी के बढ़ जाने पर इन निशानों से खून भी निकल सकता है। कभी-कभी यह बीमारी जोड़ों को प्रभावित करके सूजन भी ले आती है। इसके अतिरिक्त यह मानसिक विकार भी उत्पन्न कर सकती है।
तकनीक के आधुनिकतम विकास के बावजूद भी सोरयसिस के होने के ठोस कारण ज्ञात नहीं हो पाये हैं। इस बीमारी के 10% मरीज़ वो होते हैं, जिनके परिवार में कभी कोई सदस्य इस बीमारी से ग्रस्त रहा हो। अगर किसी परिवार में माता-पिता दोनों को यह रोग हो तो लगभग 60% इस रोग का अगली पीढ़ी में जाने का अनुमान लगाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त निम्न कारण भी सोरयसिस को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
तनाव:
लगातार तनाव में रहने से सोरायसिस तेज़ी से बढ़ता है|
चोट लगना:
कुछ स्थितियों में त्वचा में चोट लगने से उसके आसपास की जगह पर यह बीमारी उत्पन्न हो सकती है।
दवा का साइड इफैक्ट:
दर्द-निवारक दवाएं, मलेरिया, ब्ल्ड्प्रेशर कम करने की दवा लेने से सोरायसिस की बीमारी शुरू भी हो सकती है और बढ़ भी सकती है।
शराब और धूम्रपान:
जो लोग नियमित रूप से मदिरापान और धूम्रपान करते हैं, उनके लिए इस बीमारी का ख़तरा बहुत बढ़ जाता है।
असमान्य भोजन:
कुछ लोगों को विरोधी प्रवृति का भोजन करने की आदत होती है, उससे भी ये बीमारी बढ़ती हैं|
प्रतिरक्षा प्रणाली:
कभी-कभी शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली ,रोगों से लड़ने के स्थान पर शरीर के अंगों को नुकसान पहुँचने लगती है। इससे स्किन की नयी परत जल्दी-जल्दी बनने लगती है और सोरायसिस की शुरुआत हो जाती है।
आप निम्न उपायों को अपनाकर इस बीमारी से दूरी बना सकते हैं:
भोजन कैसा हो:
अगर आप फाइबर और एंटी-इन्फ़्लामेटरी गुणों से युक्त भोजन करते हैं ,तो इस बीमारी से बच सकते हैं। इसके लिए हरे पत्तेदार सब्जी, दाल, मछली, फल आदि खाने चाहिए।
स्किन की देखभाल:
अपनी स्किन की नमी को हमेशा बनाएँ रखें। सूखी त्वचा सोराइसिस को बढ़ावा देती हैं |
तनाव मुक्त जीवन:
कभी भी अपनी जिंदगी में तनाव को हावी न होने दें। नियमित योग और व्यायाम आपके जीवन का हिस्सा होना चाहिए।
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