धर्म और संस्कृति

सोलह सोमवार का व्रत क्यों किया जाता है?

हिंदू परंपरा में, भगवान शिव को महादेव की संज्ञा दी गई है, और सोमवार को महादेव शिव के दिवस के रूप में माना जाता है।

इस दिन भगवान शिव की पूजा, आराधना व स्‍मरण से विशेष लाभ होता है और उनकी असीम कृपा हमें प्राप्त होती है। सोलह सेामवार के व्रत का विशेष महत्‍व व लाभ होता है। माना जाता है कि लगातार सोलह सोमवार के व्रत करने से सभी कष्‍टों का निवारण होता है और हर मनोकामना पूरी होती है।

भगवान शिव का शुभ आशीष पाने के लिए सोलह सेामवार का व्रत हर कोई कर सकता है। परंतु जिनके विवाह में कुछ अड़चन आ रही हो या अगर कोई मनचाहा जीवनसाथी पाना चाहता हो, तो उन्‍हें विशेषतौर पर सोलह सोमवार के व्रत करने की सलाह दी जाती है। माना जाता है कि देवी पार्वती ने भी सोलह सोमवार व्रत करके महादेव शिव को पाया था।

इस व्रत को श्रावण माह के प्रथम सोमवार से प्रारंभ करना शुभ व फलदायक माना जाता है। इस व्रत में उपवास, भगवान का पूरे विधि-विधान से पूजन व सोलह सोमवार की कथा का वाचन किया जाता है।

➡ जानिए सोलह सोमवार व्रत की सम्पूर्ण विधि 

 

इस व्रत के साथ एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है, जो इस प्रकार है:

एक समय की बात है। एक साहूकार व उसकी पत्‍नी रहते थे। वे दोनों अत्‍यंत पवित्र व ईश्‍वर समर्पित जीवनयापन करते थे। उनके पास धन-दौलत पर्याप्‍त था। परंतु यह युगल संतान-सुख से वंचित था।

उनकी भक्ति-निष्‍ठा से प्रसन्‍न होकर भगवान शिव ने उन्‍हें एक पुत्र रूपी रत्न प्राप्‍त होने का आर्शीवाद प्रदान किया। परंतु दुर्भाग्‍यवश उसकी आयु मात्र 12 वर्ष थी, जिसे साहूकार जानता था।

अपनी ही तरह उस दंपति ने पुत्र को पवित्र व आस्तिक बनाया और जब वह 11 वर्ष को हो गया, तो शिक्षा के लिए उसे अपने रिश्‍तेदार के पास काशी भेज दिया । रास्‍ते में किसी धनवान व्‍यापारी की पुत्री के विवाह के दौरान, जब यह पता चला कि वर कि एक आँख खराब है, तो सभी ने साहूकार के पुत्र से व्यापारी की पुत्री से विवाह करने का आग्रह किया और विवाह संपन्‍न हो गया।

इसके बाद वह वधु के साथ काशी गया और शिक्षा पूरी की। लेकिन जैसे ही उसकी 12 वर्ष की आयु पूर्ण हुई, वह मृत्‍यु को प्राप्त हो गया । भगवान शिव उस साहूकार व पुत्र की भक्ति से बहुत ही प्रसन्‍न थे, इसलिए उन्‍होंने उसे जीवन-दान दिया।

वह अपनी शिक्षा पूर्ण कर घर लौटा और सुख से परिवार के साथ रहना लगा।

इस प्रकार सोलह सोमवार का व्रत भगवान शिव की कृपा से जीवन को सुखमय बनाने व हर इच्‍छा को पूर्ण करने के लिए किया जाता है और हमारा मन व शरीर सभी प्रकार के कष्‍टों से रहित हो जाता है।

शिखा जैन

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