सावन की फुहारों के बीच में गरम चाय और मनपसंद पकौड़े का आनंद लेने के लिए एक प्यारी सी बगिया का कोना सबसे अच्छी जगह है. बारिश की पहली बूंद जब सोंधी-सोंधी महक चारों ओर फैलाती है, तो तन ही नहीं, मन और आत्मा तक तृप्त हो जाती हैं. यही वह समय है, जब प्रकृति की ख़ूबसूरती को एक बगिया के रूप में आप अपने घर में सजा सकती हैं. बरसात का ही मौसम है, जब आप अपने किचन गार्डन को नया बना सकती हैं, लॉन गार्डन हो या बॉलकनी के झूलते गमले, बरसात में सबको विशेष देखभाल की ज़रूरत होती है. यही वो समय है जब आप अपने घर के एक कोने को नन्हें पौधों से महका भी सकतीं हैं. तो आइये, देखें की आप अपनी बगिया की हरियाली और महक को बनाए रखने के लिए क्या कर सकती हैं.
कुछ बचाव : कुछ उपाय
१. बारिश की हल्की बूंदें
बारिश हर पौधे के लिए वरदान होती है. लेकिन तेज बारिश का पानी या लगातार होने वाली बारिश से किसी भी पौधे को खासकर नव-कोंपल को बहुत नुकसान हो सकता है. इसलिए तेज़ पानी से बचाव के लिए या तो प्लास्टिक का छोटा कवर से पौधों को ढक दें या फिर एक लंबी शीट से सारे पौधे इस तरह ढक दें, कि उनपर तेज़ पानी सीधे न आ सके. न केवल पानी से बल्कि बरसाती कीड़ों से भी पौधों को बचाया जा सकता है .
२.लॉन की घास को हराभरा रखने के लिए और बरसाती पानी से उसे बहने से बचाने के लिए , घास के चारों ओर आधी या फिर पूरी ईंटों की मेढ़ बना लेनी चाहिए। इससे न केवल लॉन की सुंदरता बढ़ती है, बल्कि घास की नर्म मिट्टी भी तेज़ पानी से बहने से बच जाती है.
३. अगर आपके लॉन का आकार बड़ा है,तो चलने के लिए बीच में पत्थरों का सुंदर सा एक रास्ता बना लें. लॉन की ख़ूबसूरती के साथ आप अपने पौधों की भी देखभाल सरलता से कर सकती हैं और घास को भी कोई नुकसान नहीं होगा.
४. मॉनसून आने से पहले ही घास और पेड़-पौधों की ज़रूरी कटाई-छँटाई कर लें,नहीं तो बारिश के पानी से बीच में जंगली घास और खर-पतवार के उग आने का ख़तरा हो जाता है.
५. बारिश शुरू होने से पहले ही बगिया के छोटे-छोटे छेद बंद कर दें, जिससे न तो फालतू पानी जमा हो सके और न ही ज़मीन से कीड़े एकदम बाहर आ सकें.
६. अगर आप अपनी बगिया को नए रंगों और खुशबू से सजाना चाहतीं हैं, तो यही समय है जब आप नए पौधे लगा सकतीं हैं. जीनिया, गेंदा, बाल्सम, पार्टकुला आदि पौधे आपकी बगिया में सतरंगी बहार ला सकते हैं.
७. ‘कदम’ के बीज अगर पौधों में लगा लें, तो इसके गोल फूल बगिया ही नहीं आपके मन को भी महका देंगे.
८. कैक्टस, गुलदाउदी और गूदेदार पौधे, जिन्हें पानी की ज़रूरत बहुत कम होती है, इस समय बहुत सावधानी मांगते हैं. अधिक पानी से यह गलने लगते हैं .
९. जरबेरिया और बिगोनिया आदि पौधे भी कम पानी वाले होने के कारण सावन के महीने में विशेष देखभाल मांगते हैं.
१०. कलम से लगने वाले पौधों के लिए यह सबसे अच्छा समय है। चमेली, बेला, रात की रानी, बिगोनिया और एलमांडा आदि पौधे को कटिंग से लगाने का और गूटी बांधने का यही सही समय है .
यह सभी उपाय आपकी फुलवारी में एक नयी जान डाल देंगे.
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