आज श्री हनुमान जयंती है। श्री राम भक्त संकट मोचक श्री हनुमानजी का जन्मदिन, वह पावन दिन जिस दिन वह इस धरा पर अवतरित हुए। तो चलें, जन जन के श्रद्धेय श्री हनुमान जी को याद करते हैं और उनको समर्पित महाकवि गोस्वामी तुलसीदास कृत हनुमान चालीसा का वर्तमान परिदृश्य में महत्व और प्रासंगिकता पर चर्चा करते हैं।
हिंदू पुराणों के अनुसार एक बार भगवान इंद्र ने अपने वज्र से श्री हनुमान पर आक्रमण किया जिससे श्री हनुमान की ठोड़ी टूट गई। इस घटना से वायु देव बेहद क्रुद्ध हो गए और उन्होंने हवा का बहाव रोक दिया। ब्रह्मा जी ने उनसे वायु का बहाव दोबारा चालू करने के लिए अनुरोध किया, लेकिन वायु देव ने उनकी एक न सुनी। इस पर ब्रह्माजी ने श्री हनुमान जी को अपूर्व शक्ति का आशीर्वाद दिया और साथ ही उन्हें अभेद्य होने का आशीर्वाद भी दिया ।
ब्रह्माजी ने उन्हें जीवनपर्यंत ब्रह्म श्राप से सुरक्षित रहने का वरदान दिया।
सूर्य देवता ने उन्हें अथाह ज्ञान एवं कुशाग्रता का आशीर्वाद दिया। भगवान शिव ने उन्हें अपने द्वारा लड़े जाने वाले सभी युद्धों में विजयी होने का वरदान दिया। उन्होंने श्री हनुमान को अमर रहने का वरदान भी दिया। इसके साथ जहां कुबेर देवता ने उन्हें एक सुखी जीवन का वरदान दिया, वही यमदेव ने उन्हें अमर होने का वरदान दिया।
इनके अतिरिक्त श्री राम ने भी श्री हनुमान को अमर होने और चिरंजीव होने का वरदान प्रदान किया।
अतः इन सभी शक्तियों से परिपूर्ण श्री हनुमान एक अति बलशाली भगवान हैं और जन-जन की पूजा अर्चना के पात्र हैं । श्री हनुमान चालीसा श्री हनुमान जी को समर्पित एक धार्मिक ग्रंथ है। परंपरागत मान्यता के अनुसार यह महान कवि तुलसीदास द्वारा अवधी भाषा में रचा गया था। इस पवित्र धार्मिक पुस्तक में श्री हनुमान के गुणों का वर्णन चौपाइयों में किया गया है। चालीसा शब्द का अर्थ चालीस से है। इन पवित्र कृति में चालीस छंद हैं। इसके अतिरिक्त दो दोहे भी हैं।
हनुमान चालीसा में भगवान हनुमान के जीवन का सार निहित है। यह मात्र तुलसीदासजी के विचार नहीं, वरन उनकी अटूट आस्था का प्रतीक है। उनके इसी दृढ़ विश्वास के चलते मुगल सम्राट औरंगजेब ने उन्हें कैद कर दिया और उन्होंने कारागार में बैठकर इस अनुपम ग्रंथ का सृजन किया।
कहा जाता है कि सभी देवता गण ने जिन मंत्रों और श्री हनुमान जी की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए उन्हें शक्ति प्रदान की थी, उन्हीं मंत्रों के सार का विवरण महाकवि तुलसीदास ने अपनी महान कृति हनुमान चालीसा में दिया है। हनुमान चालीसा हनुमानजी के अपूर्व शौर्य और पराक्रम की गाथा है। यही कारण है कि हनुमान चालीसा पाठ को चमत्कारी माना गया है।
आज विश्व में कोरोनावायरस महामारी फैली हुई है, जिसकी वजह से अनगिनत लोग काल के ग्रास बन चुके हैं। इस सांघातिक विश्वव्यापी महामारी की वजह से प्रत्येक मनुष्य भयाक्रांत है और एवं दहशत से ग्रस्त है। स्वयं एवं अपने परिवार जनों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। इन संघर्षपूर्ण परिस्थितियों में हनुमान चालीसा का पाठ, पाठ करने वाले को आत्मिक शांति प्रदान कर सकता है। आइए देखते हैं, हनुमान चालीसा की पावन चौपाइयों का पाठ आज के माहौल में मनुष्य के भय को दूर करने में कैसे प्रासंगिक है।
भूत पिशाच निकट नहीं आवे | महावीर जब नाम सुनावे ||
इस चौपाई का पाठ उस मनुष्य को करना चाहिए जो किसी भी प्रकार के डर से ग्रस्त है। यदि इस चौपाई का पाठ नित्य प्रातः और सायंकाल 108 बार किया जाए तो हर तरह का डर भाग जाता है।
नासे रोग हरै सब पीरा | जपत निरंतर हनुमत बीरा ||
यदि कोई मनुष्य बीमारियों से ग्रस्त है, उपचार के बाद भी राहत नहीं पा रहा है तो उसे इस चौपाई का जाप प्रातः और संध्याकाल में 108 बार करना चाहिए। इससे व्यक्ति शीघ्र स्वस्थ हो जाता है।
लाय संजीवन लखन जियाय | श्री रघुवीर हरसी उर लाये ||
अपनी परेशानियों से उबरने के लिए इस चौपाई का निरंतर जाप करना चाहिए ।
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता | अस बर दीन जानकी माता ||
यह चौपाई मनुष्य को परेशानियों का डटकर सामना करने की शक्ति देती है। यदि किसी को भी जीवन में शक्ति पानी हो, जिससे वह अपनी समस्याओं का पूरे हौसले से मुकाबला कर सके, तो नित्य प्रातः काल में इस चौपाई का आधे घंटे पाठ करना चाहिए ।
संकट कटे मिटे सब पीरा | जो सुमिरे हनुमत बलबीरा ||
या संकट ते हनुमान छुड़ावै | मन क्रम वचन ध्यान जो लावै ||
यदि आपके जीवन पर किसी भी प्रकार का संकट मंडरा रहा हो तो इस चौपाई का निरंतर पाठ करें।
श्री हनुमान चालीसा की पावन चौपाइयों का जाप करने वाले मनुष्य का मनोबल बढ़ जाता है और वह हर प्रकार के भय से मुक्त हो जाता है।
यदि किसी को भी किसी प्रकार का भय सता रहा हो तो उसे हर रात सोने से पहले हाथ पैर धोकर श्रद्धा भाव से हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
वर्तमान परिदृश्य में यदि आप सोने के लिए बिस्तर पर जाते हैं लेकिन मन व्याकुल रहता है। मानसिक बेचैनी की वजह से नींद नहीं आती है, तो नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दें। हनुमान चालीसा के पाठ से अपूर्व मानसिक शांति मिलती है।
यह बात मात्र कहने की नहीं है, वरन भक्तों का निजी अनुभव है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन में आई समस्याओं का मुक़ाबला करने की शक्ति प्राप्त होती है। अतः यदि आप भी बजरंग बली की सच्चे मन से आराधना करते हैं, तो आपको न मात्र उनका वरन श्री राम का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा।
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