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कैसे हो सकते हैं गुलाबी चाँद के दीदार

चाँद सफ़ेद रंग का होता है, यह तो बचपन से सभी ने पढ़ा है, लेकिन गुलाबी हो सकता है यह शायद किसी ने अभी तक नहीं सुना होगा। तो, दिनांक 8 अप्रैल 2020 के दिन दुनिया के अनेक लोगों के साथ आप भी  गुलाबी चाँद को देखने के लिए तैयार हो जाइये।

क्या है गुलाबी चाँद?

बचपन से पढ़ते आ रहे हैं कि चाँद और पृथ्वी के बीच की दूरी 3.84,400 किमी है। लेकिन कभी-कभी चाँद अपने रास्ते पर चलता हुआ पृथ्वी के नजदीक आ जाता है। वैज्ञानिक इस स्थिति को पैरिगी कहते हैं। लेकिन 7 अप्रैल 2020 को यह चाँद इस पैरिगी की स्थिति में काफी कम दूरी पर अथार्थ 27,493 किमी पास आ जाएगा। इसी घटी हुई दूरी के कारण  चाँद का आकार पृथ्वी से हमेशा की तुलना में 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत अधिक चमकीला दिखाई देगा और चाँद की यही विशेषता इसे सुपर मून बनाती है।

क्यों कहते हैं इसे गुलाबी चाँद?

इस बार सुपर मून अप्रैल में दिखाई देगा और इसी कारण इसे पिंक सुपर मून कहा जाता है। नाम देखकर आप यह न सोचने लगिएगा कि चाँद का रंग इस समय बड़ी हुई चमक के कारण गुलाबी हो जाएगा। जी नहीं। यह नाम तो अमेरिका और कनाडा में अप्रैल में खिलने वाले उस जंगली गुलाबी फूल की वजह से पड़ा है जिसे वाइल्ड ग्राउंड फलॉक्स कहा जाता है और यह अप्रैल के मौसम में ही खिलता है।

पिंक मून, यह नाम वसंत ऋतु में खिलने वाले गुलाबी फूलों पर पड़ा है। वैसे इसे एग (अंडा)मून भी कहा जाता है।

इतना ही नहीं, अगर यह गुलाबी चाँद वर्ष में किसी अन्य तिथि व समय पर दिखाई देगा तब इसे विभिन्न देश स्प्राउटिंग ग्रास मून, फिश मून, हारे मून और एग मून कहलाएगा।

देखना चाहते हैं पिंक मून तो करने होंगे ये काम:

वैसे तो भारत में चाँद के दर्शन रात के 8 बजे से होने लगेंगे लेकिन अपने पूरे अवतार में यह पिंक मून 8 अप्रैल 2030 को सुबह 8 बजे ही आ पाएगा। इस समय सूरज की रोशनी में गुलाबी चाँद नहीं देखा जा सकता है। फिर भी वैज्ञानिकों के अनुसार भारत में गुलाबी चाँद आधी रात के बाद सुबह से कुछ पहले 2.35 मिनट पर भी देखा जा सकता है। लेकिन अगर आप यूट्यूब पर Slooh के चैनल को देखेंगे तो वहाँ प्रकृति के इस अद्धभुत नज़ारे को सीधे और अच्छी तरह से देख सकते हैं।

गुलाबी चाँद का पृथ्वी पर क्या असर होगा?

भारत के ज्योतिर्विज्ञान शास्त्रियों के अनुसार पृथ्वी पर उपलब्ध प्रत्येक जड़ी बूटी चंद्रमाँ से ही ऊर्जा और शक्ति प्राप्त करती है। इसी कारण चाँद को आयुर्वेद में औषधिपति भी कहा जाता है। विशेष बात यह है कि 8 अप्रैल को पूरणमासी तिथि भी है और इस तिथि पर चंद्रमा अधिक शक्तिशाली होता है। इस प्रकार इस दिन चंद्रमाँ में पूर्णमासी और सुपर मून की शक्ति होने के कारण चंद्रमा की शक्तियाँ अपेक्षाकृत दुगुनी हो जाएंगी। इस कारण पृथ्वी पर फैली हुई पर्यावरण पर अच्छा होता है और प्राकृतिक आपदाओं का असर कम हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप कोरोना का कहर भी 14 अप्रैल के आसपास कम होने लगेगा।

देखें किन राशियों को अधिक फायदा देगा:

विश्व में निकलने वाला पिंक सुपर मून कुछ राशियों को विशेष रूप से प्रभावित कर सकता है।  जैसे तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ और मीन को यह मानसिक शांति के साथ ही कार्यों में लाभ और सामाजिक और पारिवारिक सुख में वृद्धि कर सकता है।

Charu Dev

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