पीरियड यानी मासिक धर्म महिलाओं के लिए हर महीने का ऐसा समय है जब वो अपने खान पान और पहनावे को लेकर कुछ ज्यादा ही सजग हो जाती हैं और आम तौर पर महिलाएं इस दौरान थोड़ी चिड़चिड़ी सी हो जाती हैं।
परंतु, मासिक धर्म औरतों के स्वास्थ का एक अहम हिस्सा है, जिसके प्रति औरतों को अपने खानपान को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए, नहीं तो औरतों के स्वास्थ पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है। पेट में ऐंठन होना तो एक आम बात है, पर उसकी पीड़ा काफी कष्टदायी हो सकती है। अतः महिलाओं को अपने उन दिनों में ऐसे भोजन का परहेज करना चाहिए जिससे उनके पेट की ऐंठन और भी ज्यादा न बढ़े। स्वच्छता के अलावा आपके खानपान का अभ्यास भी आपके मासिक धर्म के स्राव पर अपना असर दिखाता है।
➡ गर्भवती महिलाओं को पपीता क्यों नहीं खाना चाहिए?
आज इस लेख के जरिये हम आपको बताएँगे कि आपको पीरियड के दौरान क्या-क्या नहीं खाना चाहिए।
- महिलाओं को अपने मासिक स्राव के दौरान प्रोसेस्ड फूड खाने से परहेज करना चाहिए। डिब्बों में बंद खाद्य पदार्थ और चिप्स जैसे अन्य फास्ट फूड भी इसमे शामिल हैं। अक्सर इस तरह के खाद्य पदार्थ के सेवन से पेट में बन जाने की संभावना रहती है।
- इस दौरान औरतों को ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन का भी परहेज करना चाहिए, जिनमें अत्यधिक मात्रा में वसा पायी जाती है। इस तरह के खाने का एक उदाहरण है वसायुक्त मांस। इनमें सैचूरेटेड फैट्स बहुत ही अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसका मात्रा में सेवन पेट में सूजन पैदा कर सकता है और पेट दर्द बढ़ा भी सकता है। इसके एवज में आप ऐसा भोजन ले सकती हैं जिसमें वसा की मात्रा थोड़ी कम हो।
- केक और पेस्ट्री जैसे बेक किए हुए खाद्य पदार्थों का भी सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस तरह के भोजन में ट्रांसफैट बहुत ही अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह खाद्य पदार्थ औरतों के शरीर में एस्ट्रोजेन के लेवल को बढ़ा देते हैं, जिससे गर्भाशय में दर्द हो सकता है।
- ऐसे खाने का भी परहेज औरतों को करना चाहिए, जिसमें चीनी अधिक मात्रा में पायी जाती है। चीनीयुक्त खाद्य पदार्थ भी गर्भाशय में दर्द पैदा करते हैं। अतः, केक, कुकी, इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए। इसकी बजाय मीठे में फलों का सेवन ही सर्वोत्तम रहेगा।
- पीरियड के दौरान चाय और कॉफी जैसे पेयों के सेवन से भी बचना चाहिए, क्योंकि इन सब में कैफ़ेन बहुत ही अधिक मात्रा में पायी जाती है। यह इस दौरान होने वाले दर्द को बढ़ा देता है और मूड स्विंग भी उत्पन्न कर सकता है। अच्छी नींद आने में भी दिक्कत हो सकती है।
- शराब आदि पेयों का सेवन तो बिलकुल भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमे पाये जाने तत्व मूड स्विंग्स को और भी बढ़ा सकते हैं और मासिक स्राव की अवधि भी बढ़ा सकते हैं।
प्रातिक्रिया दे