स्वास्थ्य

पतंजलि बादाम पाक- एक सम्पूर्ण टॉनिक

आज की दौड़ती-भागती जीवन शैली में अपने आप को स्वस्थ रखना एक बेहद ही कठिन चुनौती है। इसके लिए हम तरह-तरह के उपाय एवं प्रोडक्टों को अपनाते हैं। इन्हीं कोशिशों के परिणामस्वरूप मैंने पतंजलि बादाम पाक के बारे में जाना एवं इसे इस्तेमाल करना शुरू किया। इसका इस्तेमाल करते हुए मुझे करीब दो साल हो गए है एवं मुझे इससे बहुत ही सकारात्मक परिणाम मिलें हैं,जो मैं आप सभी को बताना चाहूँगी।

 

बादाम पाक एक पूर्णत: आयुर्वेदिक प्रोडक्ट है, जिसमें मूलत: बादाम एवं अन्य फायदेमंद जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया गया है। यह एक प्राकृतिक एवं हर्बल हैल्थ टॉनिक है जो शरीर व दिमाग को स्फूर्ति तथा ताकत प्रदान करता है। इसके नियमित इस्तेमाल से आप तरोताजा महसूस करेंगें। यह बच्चों में स्मरण शक्ति एवं एकाग्रता को बढ़ाने के लिए सहायक है। हर उम्र के लोगों के लिए यह एक असरदार टॉनिक है, जो कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर शरीर के लिए जरूरी सभी तत्वों की पूर्ति करता है।

 

पतंजलि बादाम पाक: प्रमुख घटक

1.बादाम

2. चीनी

3. देशी घी

4. विदारीकंद

5. लवंग

6. जावित्री

7. जायफल

8. वंशलोचन

9. कमल गट्टा

10. दालचीनी

11. लघुऐला

12. सौंठ़

13. काली मिर्च

14. पीप्पली

15. शुद्ध कोंच बीज

16. सफेद मुसली

18. मुक्ता शक्ति भस्म

19. केशर

यह शरीर के लिए एंटी-ऑक्सिडेंट का काम करता है एवं कर्इ प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया व जर्म्स से हमारी रक्षा करता है। यह दिल को दुरूस्त रखने में काफी असरदार है। यह ह्र्दय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल को जमने से रोकता है, जिससे कि ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है एवं हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है । इसमें विटामिन-र्इ एवं अन्य न्यूट्रीऐंट्स होने के कारण यह त्वचा को पोषण देता है तथा बॉडी सेल्स को जरूरी प्रोटीन प्रदान करता हैं। फाइवर रिच होने के कारण ये शरीर के पाचन तंत्र को ठीक रखने मे मदद करता है।

पतंजलि बादाम पाक सिर दर्द, अनिंद्रा, अल्जार्इमर, आंखो संबंधी रोग, खून की कमी, शारीरिक दुर्बलता, दिमागी कमजोरी, डिप्रेशन एवं त्वचा संबंधी रोगो के लिए अत्यधिक उपयोगी एवं लाभकारी है।

सेवन विधि:

10 से 20 ग्राम दिन में दो बार हल्के गर्म दूध के साथ अथवा चिकित्सक के परामर्शानुसार उपयोग करें। बच्चों को 5 से 10 ग्राम मात्रा में ही देना चाहिए एवं गर्भवती महिलाओं को 20 ग्राम से अधिक मात्रा में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

अच्छे परिणाम के लिए इसका सेवन सुबह नाश्ते से आधे घंटे पहले या सोने से कुछ देर पहले या दोनों टाइम करना चाहिए।

यदि इसका सेवन रोजाना एक गिलास दूध में दो केले डालकर किया जाए तो यह आपकी शारीरिक एवं मानसिक दुर्बलता को दूर कर आपको स्वस्थ रखेगा तथा स्फूर्ति प्रदान कर ऊर्जावान बनाएगा।

आयुर्वेदिक होने के कारण इसके कोर्इ भी साइड इफेक्ट्स नहीं हैं, इसलिए सभी इसका सेवन नियमित रूप से कर सकते है, साथ ही साथ यह किफायती मूल्य पर बाजार एवं ऑनलार्इन दोनों ही जगह आसानी से उपलब्ध है।

शिखा जैन

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