आमतौर पर जब महिलाएं 35 वर्ष की आयु पार करने लगती हैं तब उनके शरीर में आंतरिक और बाहरी रूप से कुछ परिवर्तन आने लगते हैं। सबसे बड़ा परिवर्तन स्किन के ढीलेपन के रूप में दिखाई देता है। यह प्रभाव प्रमुख रूप से चेहरे पर झुर्रियों और क्रों लाइंस के रूप में दिखाई देता है। इसलिए अगर आपको भी कुछ ऐसा ही दिखाई दे रहा है तब आप अपने शरीर और चेहरे पर इन तेलों की मालिश शुरू कर सकती हैं। इससे स्किन के ढीलेपन से छुटकारा मिल सकता है।
सरसों के तेल की मालिश को प्राचीन काल से प्रत्येक भारतीय घरों में विशेषकर सर्दी के मौसम में की जाती रही है। इस तेल में प्रचुर मात्रा में फैटी ऐसिड होते हैं जो स्किन के ढीलेपन को दूर करने में सहायक होते हैं। इसके साथ ही स्किन में नमी को बनाए रखकर एजिंग के दुष्प्रभावों को भी सरसों का तेल दूर करता है।
बादाम को कच्चा खाया जाये या फिर पका कर, हर प्रकार से लाभकारी होता है। इसी प्रकार बादाम के तेल में मिले विटामिन ई के गुण स्किन के ढीलेपन को सरलता से दूर कर सकते है। इसलिए अगर दिन में दो बार बादाम तेल की मालिश की जाये तो स्किन में कसाव सरलाता से आ सकता है।
अरंडी या कैस्टर ऑयल को भी स्किन की मालिश के लिए अच्छा माना जाता है। अरंडी में मिले हुए विटामिन ई के गुण त्वचा के नष्ट हूए सेल्स को रिपेयर करके उन्हें पुनर्जीवित कर देता है और स्किन वापस नरम और मुलायम हो जाती है। रात को सोने से पहले अरंडी के तेल में कुछ बूंदें नींबू और लेवेंडर की मिलाने से यह स्किन पर जादुई असर दिखा सकता है।
नारियल का तेल स्किन पर होने वाली किसी भी प्रकार की परेशानी का एक अच्छा हल सिद्द होता है। इसलिए अगर नियमित रूप से नारियल तेल की मालिश की जाये तो जल्द ही स्किन के ढीलेपन की शिकायत भी दूर हो सकती है।
अवाकादो वह फल है जिसमें विटामिन ई, ए, और बी के गुण प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। इसलिए इसके तेल से मालिश करने से स्किन में यह अंदर तक जाकर स्किन के नष्ट हुए सेल्स में फिर से जान डाल देता है। इससे स्किन में कसाव आने में कोई परेशानी नहीं होती है।
रोजमेरी ऑयल में एंटीओक्सीडेंट गुण होने के कारण इसका स्किन पर प्रयोग करने से एंटी एजिंग के होने वाले प्रभाव में कमी आ जाती है। इसलिए बहुत सारी शोध में स्किन की लचक को वापस लाने के लिए रोजमेरी ऑयल की मालिश को अच्छा माना जाता है।
जैतून के तेल में एंटीओक्सीडेंट और ओमेगा 3 फेटी ऐसिड प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। इसलिए नियमित रूप से इस तेल का उपयोग 35 की उम्र के बाद भी स्किन को ढीला होने से बचा सकता है।
आप अपनी इच्छा अनुसार इनमें से किसी भी तेल का चुनाव कर सकती हैं। लेकिन इस तेल मालिश को नियमित रूप से करने पर ही आपको मनचाहे परिणाम हासिल होंगे।
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