Uncategorized @hi

हमेशा याद रहेगी मुझे 1983 की वह दिवाली, मेरे जीवन का मोस्ट रोमांटिक उत्सव

“मम्मा, मम्मा देखिए, मुझे क्या मिला?  एक बहुत पुरानी एल्बम जिसमें आपके और पापा के  बेहद स्वीट  फोटोग्राफ्स लगे हुए हैं। ऊफ़, आप दोनों कितने प्यारे लग रहे हैं। आप तो बिल्कुल मेरे जैसी लग रही हैं और पापा बिल्कुल भैया जैसे हैंडसम और स्मार्ट। अरे वाह, और यह पहले पेज पर सूखा गुलाब कैसे चिपका हुआ है? उफ़, मम्मा, तनिक देखिये, आज तक इस पर कितनी चटख लाली है। जरूर आपको पापा ने दिया होगा। है न मम्मा,”  अपनी बड़ी बड़ी आंखें गोल गोल घुमाते हुए आशी ने मुझसे कहा।

“कौन सी ऐल्बम है,  दिखाना जरा।”  आशी के हाथ में  एक बहुत पुरानी ऐल्बम देख कर मैं चौंक कर बोली, “अरे यह ऐल्बम तो इतने सालों से मिल ही नहीं रही थी।  तुझे कहां मिली?  चल, इसे मुझे दे।  दादी ने देख लिया तो गजब हो जाएगा,” मैंने झपट कर उससे ऐल्बम लेनी चाही  लेकिन आशी  खिलखिलाती हुई उसे ले कर  कर भाग छूटी, “अरे वाह मम्मा,  आपने तो कभी यह ऐल्बम दिखाई ही नहीं। आज तो मैं इसे देखकर ही रहूंगी।”

“आशी प्लीज़, जिद मत कर। प्लीज़ बेटा इसे मुझे दे दे। दादी ने यह  ऐल्बम देख ली तो बहुत दुखी हो जाएंगी।”

 “ओ मेरी प्यारी मम्मा, आप भी कितनी भोली हो। दादी ने देख लिया तो क्या पहाड़ टूट पड़ेगा? आपके और पापा के ही तो फोटोज़  हैं।  तो क्या फर्क पड़ता है शादी से पहले के हों  या बाद के। आप तो ऐसे घबरा रही हैं जैसे किसी बॉयफ्रेंड के साथ हों  ये  फोटोज़ । मैं तो इन्हें दादी को भी दिखाऊंगी। आप वास्तव में बहुत डरपोक हो।”

 “बेटा समझा कर। ये  फोटोज़  दादी को दिखाने के बिल्कुल नहीं है। ये  शादी से पहले की दिवाली के फोटो हैं,  जब तेरे पापा दादी से छुट्टी नहीं मिलने का बहाना बनाकर अपने घर न  जाकर  मेरे घर आ गए थे। दादी को पता चलेगा  तो बेहद हर्ट हो जाएंगी।”

“क्या, पापा  दिवाली मनाने आपके घर आ गए। दादी के पास नहीं गए।  ओ माय गॉड, आई कांट बिलीव इट।  पापा इतने रोमांटिक थे, आशी हंसी से दोहरी होती हुई बोली।

उस ऐल्बम को देख कर पुरानी स्मृतियों का रेला जेहन में बह निकला। पुरानी बातें याद कर मैं होठों ही होठों में मुस्कुरा उठी।

 “उस जमाने में नाना जी नानीजी ने कोई ऑब्जेक्शन नहीं किया?  कितने दिन रूके  पापा आपके यहां मम्मा?” 

 “अरे बेटा, धीरे बोल।  दादी सुन लेंगी। वह बगल वाले रूम में ही हैं। पहले प्रॉमिस कर,  दादी को एल्बम नहीं दिखाएगी।  उसका ज़िक्र तक नहीं करेगी।” 

“ओके, ओके डन,  बिल्कुल नहीं बताऊंगी लेकिन अब आप मुझे बताइए नानाजी ने उस जमाने में पापा को घर आने की पर्मीशन आसानी से दे दी? आपकी ऐंगेजमेंट हो चुकी थी?”

 “हाँ, हमारी एंगेजमेंट हो चुकी थी और उन दिनों  पापा की पोस्टिंग पुणे में थी। हम लोग मुंबई में थे। उस दिवाली पर पापा को बस एक दिन की छुट्टी मिली थी। तेरे  दादी दादू दिल्ली में रहते थे उन दिनों।   उस दिवाली पर नानाजी को भी घर आने की छुट्टी नहीं मिली थी। घर पर बस मैं और नानी ही थे। पापा ने नानाजी से फोन पर उस साल की दिवाली हमारे घर पर मनाने की पर्मीशन ली।  बिना नानाजी  के हम दोनों की दिवाली बेहद बोरिंग हो जाती। हम मां बेटी का साल भर का  त्यौहार  तेरे पापा के साथ  बढ़िया मन जाएगा और मैं खुश हो जाऊँगी, यह सोचकर नानाजी ने पापा को दिवाली पर हमारे घर आने की  इजाज़त दे दी। इसलिए दिवाली पर पापा  अपने घर ना जाकर  हमारे घर आ गए। मेरे लिए उनका यह सरप्राइज़ विज़िट था। मम्मी  ने मुझे इस बारे में पहले कुछ भी नहीं बताया।”

“मम्मा, मम्मा देखें, इस फोटो में एक दूसरे का हाथ थामे  आप दोनों कितने स्वीट लग रहे हैं। बिल्कुल शर्मीला  टैगोर और राजेश खन्ना की जोड़ी लग रही है आपकी। और आप तो मम्मा इस हरे रंग के शलवार सूट में इन बड़े बड़े झुमकों में बिलकुल क्यूटी पाइ लग रही हो। आप दोनों के फ़ोटोज़ किसने खींचे थे मम्मा? आपके वक़्त में तो मोबाइल और सेल्फ़ीज़ का कौंसेप्ट ही नहीं था। है  ना मम्मा।”

“अरे बेटा, उस जमाने में मोबाइल तो होते नहीं थे। तेरे पापा ने हम दोनों के फोटो कैमरे के टाइमर सैट कर उसे अपने सामने रख कर लिए थे।”  

 “ओके, वाह मम्मा,  फिर तो शादी से पहले की आपकी वह दिवाली तो बेहद खास रही होगी।  है ना मम्मा?”

 “हां  बेटा वह दिवाली वाकई में एक यादगार दिवाली थी।”

आशी  कॉलेज जा चुकी थी और मैं दोपहर के फुर्सत के पलों में उस पुरानी एल्बम के पन्ने पलटने लगी। एक बार फिर से पति के साथ मनी वह मोस्ट रोमैंटिक दिवाली आंखों के सामने जीवंत हो उठी।

दिवाली  की सुबह मैं उदास मन  ड्राइंग रूम की डस्टिंग कर रही थी कि तभी घर की घंटी बजी। दरवाजे पर अनअपेक्षित  रूप से विधु को देख मुझे लगा था खुशी के अतिरेक से मेरे दिल की धड़कनें  रुक जाएंगी। वह पूरा दिन विधु के साथ एक खूबसूरत ख्वाब की मानिंद बीता।  हम दोनों ने मिल कर लक्ष्मी पूजन के लिए शौरती सजाई। पूरा घर फूलों से सजाया। फिर नए कपड़े पहन मां के साथ लक्ष्मी पूजन किया। मां ने मनुहार कर कर हम दोनों को  अपने हाथों के बने स्वादिष्ट पकवान खिलाए। फिर हम दोनों ने हंसते चहकते पटाखे जलाए। ढेरों दुनिया जहां की बातें कीं।

वह पूरा दिन मानो पलक झपकते ही बीत गया। विधु के जाने में बस एक घंटा बचा था। हम विधु  के लाये  सारे पटाखे  जला चुके थे। मात्र दो कंदीलें  बच रही थीं । दिनभर की थकान से पस्त होकर मां  ड्रॉइंग रूम में ही दीवान पर लेटी हुई आराम कर रही थी। हम दोनों कंदीलें  लेकर एक बार फिर छत पर आ गए। हम छत पर अकेले थे। विधु अपने साथ एक कैमरा ले कर आए थे जिसका  टाइमर सेट कर उन्होंने मुझे कसम दिला कर हम दोनों के न जाने कितने फ़ोटो रोमैन्टिक पोज़ेज़ में खींचे थे।

रात गहराती जा  रही थी।  उसके साथ साथ मेरे मन में मायूसी का अंधेरा गहन  होता जा रहा था। विधु की विदाई का पल पास आ रहा था।  मेरा कलेजा बैठा जा रहा था। हम कंदीलें  उड़ा चुके थे कि तभी छत के आड़  वाले कोने में विधु ने  इशारा कर मुझे बुलाया और बोले, “आज तुम्हारे साथ बिताई यह  दिवाली  कभी नहीं भूलूंगा और मेरी हथेली को हौले से चूम लिया। फिर उन्होंने अपनी जेब से एक सुर्ख गुलाब का फूल निकाला और उसे मेरे हाथ में थमा कर और  मेरे दोनों हाथ अपने हाथों में थाम भावविह्वल  स्वरों में बोले, धानी,  “यह तुम्हारे लिए। यह महज़ एक फूल नहीं, तुम्हारे लिए मेरी  अटूट मोहब्बत है। इसे हमेशा अपने पास संभाल कर रखना। आज का पूरा दिन  तुम्हारे साथ बिता कर ऐसा लग रहा है मानो हम  न जाने कब से  साथ हैं। तुम्हें छोड़कर जाने के ख्याल से मेरी सांसे बंद  हो रही है। कैसे जिऊंगा तुम्हारे बिन,” और यह कहते-कहते उनकी आंखों से एक आंसू मेरी हथेली पर आ गिरा जिसे मैंने अपने होठों से लगा लिया। तभी नीचे से मां की पुकार  सुनाई दी और हम नीचे आ गए।

मैं उन पुरानी मीठी यादों के सैलाब में बही जा रही थी कि तभी विधु ऑफिस से आ गए और मुझे पुकारते हुए कमरे में आ गए और मेरे हाथ में वह पुरानी ऐल्बम देख मुस्कुरा उठे।

हमारे सामने एक बार फिर वह सुर्ख गुलाब था और मुझे लगा एक बार फिर से उसकी मीठी खुशबू हमारे तन मन को सराबोर कर उठी थी। 

Renu Gupta

View Comments

Recent Posts

चेहरे पर होने वाले छोटे-छोटे पिंपल्स को ठीक करने के घरेलू उपाय

खूबसूरत और चमकता चेहरा पाने की ख्वाहिश तो हर किसी की होती है लेकिन चेहरे…

2 वर्ष ago

मेथी से बनी हुई नाइट एंटी-एजिंग क्रीम – क्रीम एक, फायदे अनेक

मेथी एक ऐसी चीज़ है जो दिखने में छोटी होती है पर इसके हज़ारों फायदे…

2 वर्ष ago

कुणाल कपूर के अंदाज में बनी लजीज रेसिपी नवरत्न पुलाव रेसिपी

यूं तो नवरत्न अकबर के दरबार में मौजूद उन लोगों का समूह था, जो अकबर…

2 वर्ष ago

सर्दियों के लिए ख़ास चुने हुए डार्क कलर सूट के लेटेस्ट डिज़ाइन

वैसे तो गहरे और चटकदार रंग के कपडे किसी भी मौसम में बढ़िया ही लगते…

2 वर्ष ago

सर्दियों में डैंड्रफ की समस्या से बचने के असरदार टिप्स

डैंड्रफ एक ऐसी समस्या है जो आपके बालों को तो कमज़ोर बनाती ही है, साथ…

2 वर्ष ago

इंस्टेंट ग्लो के लिए टॉप 3 होममेड चावल फेस पैक

हमारी त्वचा बहुत ही नाजुक होती है। यदि इसकी सही तरह से देखभाल नहीं की…

2 वर्ष ago