गर्मी शुरू होते ही, घरों में पापड़, वड़ी बनाने का दौर शुरू हो जाता हैं। ताकि आप साल भर अपनी हल्की और चटपटी भूख को मिटाने के लिए झटपट इन लजीज चीजों का आनद ले सकें। आज आपकी इसी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए, हम लेकर आए हैं, झटपट तैयार होने वाली रेसिपी। आज हम यहाँ आपको चावल की कुरेरी जिसे कुरडई भी कहा जाता है उसे बनाने की विधि बताने जा रहे हैं।
चावल की कुरेरी-कुरडई को आप साल भर तक स्टोर कर सकते हैं। जब मन हो तेल गर्म करके इसे तल कर खा सकते हैं। आप चाहे तो तलने के बाद, इसका टेस्ट बढ़ाने के लिए चाट मसाला भी ऊपर से डाल सकते हैं।
चावल कि कुरेरी बनाने के लिए सबसे पहले 200 ग्राम (एक कप) चावल को रात भर के लिए पानी में भिगो दे। सुबह पानी से चावल निकालकर अलग कर ले। रात भर चावल भीगे होने की वजह से यह बहुत ही सॉफ्ट हो जाते हैं। अब एक जार लेकर, इसमें चावल डाल दें। इसे बहुत ही बारीक पीस लें। ध्यान रखें चावल पीसते समय उसमें पानी ज्यादा न हो। यदि पानी ज्यादा होगा, तो चावल अच्छे से नहीं पीसेंगे। आप चावल पीसने के लिए तीन से चार चम्मच ही पानी का प्रयोग करें। चावल का बिलकुल बारीक पेस्ट बना लें। इसमें दाने नहीं रहना चाहिए।
कुरेरी का पेस्ट तैयार होने के बाद, अब हमें इसे पकाना है। एक भारी तले वाली कड़ाही या भगोना ले। जिसका आकार थोड़ा बड़ा हो। ताकि आप घोल को अच्छे से चला सके। इसमें यह पेस्ट डाल दें। ध्यान रखें अभी गैस चालू नहीं करना है। हमें इस पेस्ट में चावल की मात्रा का पांच गुना पानी मिलाना है। जैसे हमने1 कप चावल लिए हैं, तो पांच कप पानी लेना है। अब इस घोल में एक चम्मच नमक, और एक चुटकी बेकिंग सोडा डालकर अच्छे से मिलाना हैं।
ध्यान रखें, बेकिंग सोडा का ज्यादा प्रयोग न करें। अब इस घोल को किसी चम्मच की सहायता से अच्छे से मिला लें। जब यह अच्छी तरह से घुल जाए, तो अब गैस को चालू करें। गैस की फ्लेम को हाई रखे। लगातार चम्मच की सहायता से इस घोल को चलाते रहे।
धीरे-धीरे यह घोल गाड़ा होने लगेगा। इस घोल को लगातार तेजी से चलाते रहे। इसमें गुठलियाँ नहीं पड़नी चाहिए। जब घोल गाढ़ा होना शुरू हो, तो तीन मिनिट तक तेज फ्लेम पर इसे और चलाए। जब यह अच्छे से पक कर गाढ़ा हो जाएं, तो गैस बंद कर दें। इसे थोड़ा ठंडा होने के लिए रख दें।
यदि आप ज्यादा मात्रा में चावल की कुरैरी बनाना चाहते हैं, तो किसी भी चादर पर पोलीथिन बिछाकर आप इसे बना सकते हैं। यहां हम थोड़ी मात्रा में बना रहे हैं, इसलिए थाली का प्रयोग कर रहे हैं। थालीयों में थोड़ा सा तेल डालकर, इस तेल को अच्छे से फैला दें। ध्यान रखें सरसों के तेल का प्रयोग न करें। सरसों का तेल प्रयोग करने से बाद में यह महकने लगता है।
आप किसी भी रिफ़ाइंड तेल का प्रयोग करें। आपके द्वारा बनाया गया घोल जब इतना ठंडा हो जाए, की आप इसे हाथ से छू सके, तो अपने हाथों का प्रयोग करके, इस घोल को तेल लगी हुई, थालियों पर बड़ी या पकोड़ी जैसे छोटे-छोटे गोल आकार में तोड़ते जाए। घोल बहुत ज्यादा ठंडा न हो पाए। वरना यह जमने लगेगा। जैसे ही आप सारे घोल कि कुरैरी बना ले। तो इन्हें धूप में सुखाने के लिए रख दें। तीन से चार दिन में यह कुरैरी अच्छे से सूख जाती है। जब यह अच्छे से सूख जाएँ, तो किसी डिब्बे में भर कर रख लें। जब मन हो कड़ाही में तेल गर्म करें। कुरैरी तल कर खाए।
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