यदि आप पहली बार माता-पिता बने हो, तो एक नए बच्चे के आगमन से आपके मन में कई सवाल उठ सकते हैं, उनमें से एक आम सवाल बच्चे के सही वज़न से जुडा होता है।
हालांकि वजन, कद, रंग, बाल यह सारी चीजें अनुवांशिक होती हैं फिर भी यदि शिशु पूरे 9 महीने के बाद पैदा हुआ है तो उसका वजन सामान्यतः 2.7 से लेकर 4. 1 किलोग्राम होता है। 3.5 किलो वजन किसी भी नवजात शिशु के लिए औसतन अच्छा वजन समझा जाता है।
माता पिता के वजन और कद के अनुसार नवजात शिशु का वजन और कद बदलना एक स्वाभाविक बात है। लेकिन अगर आपके शिशु का वजन 2.7 किलो से कम है या 4.8 किलो से ज़्यादा है, तो यह चिंता की बात हो सकती है।
डॉक्टर आपके बच्चे के विकास की जांच हमेशा करते रहते हैं, इसलिए अगर आपका बच्चे का वजन थोडा कम – ज़्यादा तो आपको इसके बारे में ज़्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए।
1. ऐसे बच्चे जिनका जन्म 9 महीने पूरे होने से पहले हुआ है, उनका वजन कम होना काफी आम बात है।
2. अगर बच्चे के माता-पिता भी लंबाई और वजन में कम है तो अनुवांशिक रुप से बच्चे का वजन भी कम होता है और इसमें कोई भी चिंताजनक बात नहीं।
3. एक स्टडी के अनुसार पहले जन्मे हुए बच्चे बाद में जन्मे हुए बच्चों से आकार में और वजन में कम होते हैं। इसका कारण विशेषज्ञों को पता नहीं चला है लेकिन यह चीज काफी आम है।
4. नवजात शिशु शरीर में अतिरिक्त द्रव पदार्थों के साथ पैदा होते हैं। धीरे-धीरे वह द्रव पदार्थ कम होता है इसीलिए उनका वजन पहले 2 से 3 दिनों में 7 से 10 फ़ीसदी तक कम हो सकता है। लेकिन वह वापस 2 सप्ताह में बढ़ भी जाता है इसीलिए पहले 3 से 4 दिन में अगर बच्चे का वजन कम होता है तो यह चिंता की बात नहीं है।
5. सामान्य रूप से लड़कियाँ लड़कों से वजन में कम होती हैं।
6. बच्चों का आकार और उनका वजन कम होने के पीछे कई कारण होते हैं। इनमें से एक कारण है जुड़वा बच्चे होना। यदि किसी महिला को जुड़वा या उससे ज़्यादा बच्चे होते हैं, तो उनका आकार और वजन कम होता है। ऐसा इसलिए होता है कि महिला के गर्भाशय में उन बच्चों को बढ़ने के लिए जगह नहीं मिलती।
ऐसे बच्चे आमतौर पर 9 महीने पूरे होने से पहले ही जन्म ले लेते हैं। यह और एक कारण है जिससे जुड़वा बच्चे सामान्य तौर पर छोटे होते हैं और उनका वजन भी कम होता है।
7. अगर किसी माँ को गर्भावस्था के दौरान अच्छा न्यूट्रीशन नहीं मिलता है, तो इसका परिणाम बच्चे के विकास पर होता है। इसी के साथ माँ की तबीयत ठीक होना और उसकी लाइफ स्टाइल अच्छी होना भी बच्चे के परिपूर्ण विकास के लिए काफी महत्त्वपूर्ण होता है।
अगर आपके शिशु का वजन कम है तो माता अपने दूध से उसे आवश्यक प्रोटीन दे सकती है। माँ जो भी खाएगी वही बच्चे को मिलेगा। इसीलिए गर्भावस्था के दौरान और स्तनपान के समय हर एक महिला को स्वस्थ आहार और अच्छी जीवनशैली पर ध्यान देना चाहिए।
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