आप मां बनने जा रही हैं या फिर छोटू से बेबी की न्यू मॉम हैं, आपके लिए ये जानना सबसे जरूरी है कि आपके बेबी को अगर पहले छह महीने बेस्ट केयर मिल गई तो आगे उसे हैल्दी रहने में काफी मदद मिलेगी। कुछ छोटी बातों का ध्यान रखकर आप अपने बेबी को लिए सुपर स्ट्रांग और हैल्दी रहने में मदद कर सकती हैं।
पहले छह महीने में बच्चे को सिर्फ और सिर्फ माँ का दूध ही पिलाएँ (ब्रेस्टफीड ही करवाएं)। जब आप सिजेरियन ऑपरेशन की वजह से उठ नहीं पा रही हों, तो हो सकता है आपको पहले 2-3 दिन बच्चे को पावडर या पैकेट वाला दूध देना पड़े। लेकिन खुद को मजबूत बनाएं और बेबी को जल्दी से जल्दी ब्रेस्टफीड करवाना शुरू कर दें।
यह भी ध्यान रखें कि छह महीने या कम से कम 4-5 महीने तक बेबी को हर दो घंटे में फीड करवाएं। बेबी सो रहा हो तब भी उसे जगाने की कोशिश करें और उसे 3 घंटे से ज्यादा बिना फीड के न रहने दें। ये जान लीजिए की बेबी को हर कुछ आपके फीड से ही मिल रहा है उसके लिए पानी और खाना दोनों यही है।
• बेबी को कभी भी छह महीने का होने तक पानी न पिलाएं। फिर चाहे वह गर्मी का मौसम ही क्यों न हो। उसे ब्रेस्टफीड से ही पानी मिल जाता है।
• बच्चे को शहद भी न दें।
• जब तक की वह एक साल का न हो जाए। इससे इंटेस्टाइन की बीमारी हो सकती है।
• उसे घूटी या कोई ऐसी घरेलू दवाईयां भी छह महीने तक बिलकुल न दें।
जितना हो सके, बच्चे को दवाई देने से बचें। हो सकता है उसे शुरूआत में पेट खराब रहने या फिर सर्दी जुकाम की दिक्कत हो। लेकिन ये काफी आम है। जब तक परेशानी काफी ज्यादा न हो, जिससे बच्चे को सोने में दिक्कत आ रही हो, उसे दवाई न ही दें। अपने डॉक्टर से रिक्वेस्ट करें कि अगर वह कोई दवाई दे भी रहा है, तो वह एंटीबायोटिक न हो। इससे बच्चे का इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है।
आपका बच्चा इस वक्त पूरी तरह ब्रेस्टफीड पर निर्भर है। आप जो खा रही हैं वही उसे मिल रहा है। अपने खाने को पौष्टिक रखना काफी अहम है। ऐसा सोचकर खाएं कि क्या ये आप अपने बच्चे को खिला सकती हैं। तीखा, मिर्च, मसाला, तेल जरा भी न खाएं। जितना हो सके, लिक्विड डाइट लें। खूब सारा गर्म पानी पिए। पेट साफ रहे, ऐसा खाना खाएं – जैसे अजवाइन, घी, पालक।
आपके बच्चे के आसपास सफाई का सबसे ज्यादा ध्यान रखें। बच्चों को आसपास से इंफेक्शन का खतरा रहता है। उसी वजह से दस्त जैसी दिक्कतें आती हैं।
मां और बच्चे के पहनने के कपड़े, बिस्तर को डिटाल से साफ करें। घर में भी सफाई रखें – डेटाल का पौछा बेस्ट है।
जितना हो सके, कोशिश करिए कि बच्चे को ज्यादा लोग न छुएं। उसे मां की ही देखरेख में रहने दें। बाहर से आए लोगों को देने से पहले सेनिटाइजर का इस्तेमाल जरूर करें। बच्चे को रोज नहलाना भी काफी जरूरी है – इससे वह इंफेक्शन से बचा रहता है।
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