नवरात्रि 2020 शुरू होने ही वाली है – 17 Oct से। अन्य श्रद्धालुओं की तरह मैं भी पूरे नवरात्रि व्रत रखती हूँ। प्रथमा तिथि से लेकर अष्टमी तक का व्रत करके, नवमी की पूजा करके अन्न ग्रहण करती हूँ।
लेकिन कॉर्पोरेट दफ्तर में काम करने के कारण न तो घर से जाने का समय निश्चित है और न ही आने का। अब इस आपाधापी में हेल्थ को ठीक रखते हुए, नौ दिन का व्रत कैसे निभेगा, यह थोड़ा मुश्किल तो है, लेकिन असंभव नहीं है।आइये आपको बताती हूँ, कि इन नौ दिनों के लिए मैंने अपने सुबह से शाम तक के नवरात्रि थाली का मेन्यू कैसे बनाया है।
हर दिन कि शुरुआत चाय से होती है और संडे के अतिरिक्त छह दिन का नाश्ता दौड़-भाग के साथ पूरा होता है । ऐसे में व्रत और हेल्थ के बीच में संतुलन बिठाने के लिए मेरा मेन्यू है।
सुबह की चाय:
पूजा करने से पहले पीने वाली चाय की जगह किसी दिन, स्किम्ड मिल्क भी लेने से संतुष्टि और न्यूटरिशन दोनों मिल सकते हैं। इस दूध में किसी दिन केसर मिला कर उसे और स्वादिष्ट बनाया जा सकता है। पिसे बादाम से बादाम का दूध, काजू, पिस्ता और खजूर मिलाकर मिक्स मेवा मिल्क लेने से वैरायटी और हेल्थ दोनों मिल सकते हैं।
सुबह का नाश्ता:
टेबल पर तसल्ली से बैठकर नाश्ता करना तो नौकरीपेशा महिलाओं का भोर का सपना होता है, जो शायद ही पूरा होता हो। इसलिए व्रत के दिनों में इस नाश्ते में कटे हुए फलों के फ्रूट सलाद, सेंधे नमक के साथ भुनी हुई मूँगफली, हल्के से ऑलिव ऑयल का टच देते हुए एयर फ्रायर में सेके मखाने, एयर फ्रिड और सेंधे नमक के साथ मिक्स मेवा, केले के चिप्स, फ्राइड अरबी, कूटू के फ्रेंच फ्राई, साबूदाने के कटलेट आदि लेने का मैंने प्रोग्राम बना लिया है।
इसमें चिकनाई के लिए ऑलिव ऑयल और एयर फ्रायर का इस्तेमाल करूँगी। जिससे फैट लेने का कोई गिल्ट न रहे।
दोपहर का खाना, कभी किसी क्लाइंट की मीटिंग या फिर किसी इंटर्नल मीटिंग, की भेंट चढ़ ही जाता है। व्रत के दिनों में तो वैसे भी भूख ज्यादा ही लगती है। इसलिए इन दिनों में खाने के लिए मैंने जो मेन्यू सोचा है वो है:
1. आलू-अरबी की कुट्टू-सिंघाड़े की पूरी-सीताफल की सब्जी,खीरे का सलाद, स्किम्ड मिल्क का दही
2. साबूदाने की खिचड़ी- फ्रूट कुल्ले, सेवन्ल फिरनी
3. कुट्टू-सिंघाड़े की रोटी-फ्राई अरबी, स्किम्ड मिल्क दही, मीठी मेवा
4. फ्रूट सलाद, शकरकंद चाट, मखाने की खीर,
5. साबूदाने कटलेट, दही वाले आलू, अरबी फ्रेंच फ्राई
6. राजगीरा पुलाव, व्रत वाले आलू, मेवा खीर
7. कुट्टू का परांठा, व्रत वाले आलू, पनीर खीर
8. अरबी के चिप्स, कुट्टू की पकौड़ी, शकरकंद का हलवा
व्रत के दिनों में शाम की चाय के साथ क्विक एनर्जेटिक स्नैक का होना बहुत ज़रूरी है। इसके लिए मैंने अपने लिए नारियल पानी, स्किम्म्ड़ मिल्क की लस्सी, शिकंजी लेने की प्लानिंग करी है। ये सब मुझे अपने ऑफिस में बहुत आराम से मिल भी जाएगा और मेरा काम भी डिस्टार्ब नहीं होगा। लेकिन यदि आप चाहें तो बनाना शेक, बादाम मिल्क भी ले सकतीं हैं।
नवरात्रि के व्रत में कुछ लोग अष्टमी तक कुछ नहीं खाते तो वहीं कुछ लोग रात को अन्न ले लेते हैं। मैं अभी तक रात को अन्न न लेने के नियम का पालन कर रही हूँ। इसलिए मैं रात को थोड़ा हल्का आहार ही लेना पसंद करती हूँ।
इसके लिए एक दिन एक गिलास दूध के साथ सेब और दूसरे दिन दूध के साथ भीगे बादाम और किशमिश लेने की योजना है। इसके अलावा अगर सुबह का मीठा जैसे मखाने की खीर, कद्दू का हलवा, मीठी मेवा आदि अगर फ्रिज में होगी तो वो भी ले सकती हूँ।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा की मेरा शरीर पूरी तरह से डिटोक्सिफ़ाई हो जाएगा और न्यूटरिशियस खाने की वजह से एनर्जी भी बनी रहेगी।
आप सोचेंगी कि मेरे मेन्यू में क्या खास है। जी हाँ, तो इसमें खास बात ये है कि मैंने इसमें उन सभी चीजों को शामिल किया है जो मुझे दिन भर घर से दूर होने पर भी एनर्जेटिक और हेल्दी रखने में हेल्प करेंगी। आइये मैं आपको भी अपने मेन्यू का राज बताती हूँ:
रामदाना:
नाममात्र कि कैलोरी और ढेर सारा न्यूटरिशीयन। शाम के नाश्ते में लेने वाले रामदाने के लड्डू मेरे लिए एनर्जी बूस्टर का काम करते हैं।
साबुदाना:
स्टार्च, कार्ब और प्रोटीन से युक्त आहार। मीठा खाएं या नमकीन, हर तरह से स्वाद और पोषण से भरपूर साबुदाना किसी भी समय खाया जा सकता है।
कुट्टू:
व्रत के दिन खाये जाने वाला कुट्टू न केवल ग्लूटन फ्री होता है बल्कि इसमें अन्य विभिन्न पौष्टिक तत्व भी बहुत मात्रा में होते हैं। इन्हें आप प्रोटीन, आयरन, फोस्फोरस, फाइबर, मैग्निशियम, विटामिन बी और मिनरल्स के नाम से जान सकते हैं। इसी कारण लोग व्रत में भी इसके सेवन से एनर्जी से भरपूर रहते हैं।
सेंधा नमक:
सेंधा नमक जिसे पहाड़ी नमक के नाम से भी जाना जाता है। इसमें खारापन कम और आयोडिन कि मात्रा काफी होती है। सेंधा नमक कम सोडियम के अलावा अधिक पोटेशियम और मैग्नीशियम के कारण हार्ट के पेशेंट के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसी कारण मेरी थाली का नमकीन बिना इस नमक के तो पूरा हो ही नहीं सकता।
सिंघाड़े का आटा:
व्रत वाले दिन कुट्टू-सिंघाड़े की पकौड़ी हम सभी बच्चों की प्रिय थी। दरअसल सिंघाड़े के आटे में इसके फल के सभी गुण जैसे फाइबर, मिनरल्स और विटामिन्स भरपूर होते हैं। इसके अलावा सिंघाड़े के आटे को कुट्टू के आटे कि गरम तासीर को कम करने के लिए भी मिलाया जाता है।
अगर सिर्फ कुट्टू के आटे का इस्तेमाल करें तो उससे प्यास ज्यादा लगती है। लेकिन सिंघाड़े के आटे के कारण कुट्टू ताकतवर और पौष्टिक हो जाता है।
इसके अलावा मैंने कुछ भी तलने के लिए ऑलिव ऑयल और एयर फ्रायर का इस्तेमाल करूंगी जिससे कम फैट में अधिक से अधिक स्वाद मिल सके।
तो आप मेरी थाली में साथ देने के लिए तैयार हैं!!
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