नवरात्रि का सरल अर्थ होता है नौ दिन और नौ रात जिसमें लगभग सम्पूर्ण भारत में देवी शक्ति या दुर्गा के नौ रूपों को पूजा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है। एक बार हिन्दू नववर्ष की शुरुआत में – चैत्र नवरात्रि और दूसरी बार शरद ऋतु की आगमन सूचना के रूप में, जिसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इन नौ दिन उपवास रखकर पूजा की जाये तो उसका अधिक फल मिलता है। सामान्य रूप से व्रत के इन दिनों में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इसके लिए आप यहाँ देख सकते हैं:
नवरात्रि व्रत के दिनों में यह चीज़ें आप खा सकते हैं।
धार्मिक दृष्टि से भी तामसिक भोजन को छोड़कर व्रत में केवल सात्विक भोजन ही खाना चाहिए। जैसे :
1. अनाज:
सामान्य रूप से व्रत के दिनों में अनाज नहीं खाया जाता है। लेकिन नवरात्रि व्रत के समय अनाज के रूप में सिंघारा, कुट्टू का आटा, राजगीरा का आटा और सेंवल के चावल के साथ साबुदाना खाया जा सकता है।
2. मसाले:
नवरात्रि में भोजन पकाते समय सेंधा नमक, काली मिर्च, ज़ीरा और अजवायन पाउडर को मसाले की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। स्वाद बढ़ाने के लिए हरी इलायची, इमली, अनारदाना, लौंग और जायफल भी ले सकते हैं।
3. सब्जियाँ:
शाकाहारी भोजन के लिए नवरात्रि में सीताफल,आलू, टमाटर, कच्चा केला, लौकी, तुरई के साथ शकरकंद, गाजर और पालक की सब्जी ले सकते हैं। खीरे और पपीते का सलाद भी लेना अच्छा रहता है।
4. अन्य:
खाना पकाने के लिए देसी घी या बादाम का तेल अच्छा रहता है। इसके अलावा मौसमी फल, मेवे और तरल भोजन में दही, लस्सी, दूध, नींबू पानी, छाछ आदि भी ले सकते हैं। भोजन को स्वादिष्ट और पौष्टिक बनाने के लिए दूध से बना पनीर, खोया आदि भी खाया जा सकता है।
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नवरात्रि व्रत के दिनों में इन चीजों का सेवन न करें:
1. अनाज के रूप में गेहूं का आटा, चावल का आटा, मैदा, सूजी और बेसन के अलावा मक्की का आटा – इन सभी तरह के आटों का प्रयोग मत कीजिये।
2. साधारण नमक के अलावा हल्दी, हींग, दाना मेथी, राई, काली सरसों, गरम मसाला, धनिया पाउडर जैसे मसाले।
4. नवरात्रि में किसी भी प्रकार के चावल का सेवन मत करिए।
5. प्याज़ और लहसुन का इस्तेमाल न करते हुए सब्जियों में फली की कोई भी किस्म के अलावा बैगन, छोटी प्याज़, मशरूम और भिंडी न खाएं।
6. हर प्रकार का मांसाहार जिसमें अंडे भी शामिल हैं।
7. कॉफी, आइसक्रीम, मदिरापान के साथ चाय। हालांकि चाय को मना नहीं किया जाता है, लेकिन व्रत में चाय कम पीनी चाहिए। इसका कारण यह है कि अधिक चाय पीने से पेट में गैस बनने की शिकायत हो सकती है।
8. कॉर्न स्टार्च, कॉर्न फ्लोर, ओट्स, चिया और अलसी के बीज आदि
9. सूरजमुखी या अन्य किसी भी बीज से बना तेल या रिफाइंड तेल। (खाना बनाने के लिए यह हैं बेस्ट कूकिंग ऑइल)।
दरअसल व्रत करते समय शरीर में पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इसलिए केवल वही भोजन खाना चाहिए जो सरलता से और जल्दी पच जाये। इसके अलावा व्रत में अधिक से अधिक तरल पदार्थ व फलों का सेवन सबसे अच्छा रहता है। इससे शरीर में पानी की कमी भी नहीं होती।
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