ईश्वर भक्ति के रस में डूबे भजन कानों को मधुर लगने के साथ ही मन को असीम शांति देते हैं. अपने पांच मनपसंद कृष्ण भजनों के बारे में बता रहीं हैं ‘स्वतेजा अदावडकर’.
पाँच मधुर कृष्ण भजन
भगवान् कृष्ण शायद एकमेव भगवान होंगे जिनके ऊपर इतने सारे गाने, कविताएं, भजन और आरतियां लिखी गयीं हैं. चाहे इनका शिशु रूप हो, प्रियकर रूप हो या दिग्दर्शक का रूप हो, इनका हर एक रूप सभी कवियों, गीतकारों को बहुत भाता है. तो आज मै आपको बताती हूँ मेरे मनपसंद 5 कृष्ण भजन.
1. गोविंद बोलो हरी गोपाल बोलो
भगवान कृष्ण का यह काफी पुराना भजन है. यह अलग-अलग ताल में, अलग-अलग लय में गाया जाता है. यह मेरा सबसे पसंदीदा भजन है क्योंकि इसमें सिर्फ 6 पंक्तियाँ हैं और आप यह यह काफी कर्णप्रिय है. इस गाने का मधुरा भट्टाचार्य ने गाया हुआ वर्जन मुझे सबसे ज्यादा पसंद है आप इसे यहां पर सुन सकते हैं.
2. अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरं
भगवान कृष्ण के परंपारिक भजनों में से यह एक है. मुझे इस भजन से ‘कौन कहता है भगवान खाते नहीं, बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं’ यह लाइन बहुत पसंद है. इस भजन में ईश्वर से सच्ची भक्ति होने का महत्व बताया गया है. इसे सुनिए यहां पर:
3. म्हारा रे गिरधर गोपाल
लता जी ने गाया हुआ और हृदयनाथ मंगेशकर में संगीत दिया हुआ यह गीत लता जी के ‘मीराबाई भजन’ एल्बम में मैंने पहली बार सुना और इसे सुनते ही मुझे महसूस हुआ कि भगवान कृष्ण के कितने सारे रूप हैं. इस गाने का श्रेया घोषाल ने गाया हुआ वर्जन भी मुझे पसंद है. जब भी मुझे काम में एकाग्रता की आवश्यकता होती है तब मैं यह भजन सुनती हूँ.
4. मनमोहन कान्हा
संत मीराबाई ने लिखा हुआ ‘मनमोहन कान्हा विनती करूं दिन रैन’ यह भजन भी मुझे पसंद है. इस भजन में मीराबाई भगवान कृष्ण को अपने प्रियकर के रुप में मानकर उन्हें उनकी आस लगा कर बैठी है. प्रेम रस का दर्शन करानेवाला यह भजन बहुत मधुर है.
5. मनमोहना कान्हा सुनो ना
हाल ही में आए फिल्म जोधा अकबर से बेला शेंडे ने गाया हुआ और जावेद अख़्तर का लिखा हुआ यह गाना मन को छू लेता है. एक याचक के रूप में जोधा अपने मंदिर में बैठकर भगवान् की प्रार्थना करती हुई नजर आती है. फिल्म में यह गाना टुकड़ों में है लेकिन इस लिंक पर आप पूरा गाना सुन सकते हैं.
तो आप भी कभी सुनें इन भजनों को और उस दैवीय शांति को मन में अनुभव करें.
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