स्वास्थ्य

मटन से बेहतर है चिकन, और चिकन से बेहतर है मछली

मांसाहारी भोजन में मटन, चिकन, मछली इत्यादि प्रमुख हैं। हमारे लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि हमारे स्वास्थ्य के लिए मटन, चिकन, और मछली में से क्या खाना बेहतर है? तो चलिए आज दसबस पर मटन, चिकन, और मछली की तुलना करते हैं।

मटन

मटन खाने के कई फायदे और नुकसान हैं। जो लोग ज्यादा शारीरिक श्रम करते हैं, उनके लिए मटन खाना लाभदायक है, जैसे खिलाड़ी, पहलवान, मजदूर, बॉडी बिल्डर, जिम ट्रेनर इत्यादि। मटन से विटामिन B12 और जिंक की प्राप्ति होती है। इससे दिमाग तेज होता है। मटन नर्वस सिस्टम और इम्यून सिस्टम के लिए फायदेमंद होता है। मटन से खून की कमी दूर होती है और हड्डियाँ व मांसपेशियां मजबूत होती हैं। मटन से प्रोटीन भरपूर मात्रा में मिलता है, इसलिए यह गर्भवती महिला के लिए अच्छा होता है

 

 

मटन से नुकसान ये है कि इसमें कोलेस्ट्रोल अधिक मात्रा में होता है। इसलिए दिल की बीमारी से ग्रसित और डायबिटीज के रोगियों के लिए मटन नुकसानदायक है। मटन में आयरन की मात्रा ज्यादा होने के कारण इससे आंतों का कैंसर होने की भी संभावना होती है।

चिकन

चिकन से मटन से ज्यादा लाभ मिलते हैं। चिकन से प्रोटीन प्रचुर मात्रा में मिलता है जिससे शरीर का विकास होता है। चिकन खाने से मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। चिकन से एमिनो एसिड ट्रिपटोफन प्राप्त होता है। स्ट्रेस, डिप्रेशन, और सिरदर्द होने पर डॉक्टर चिकन का सूप पीने की सलाह देते हैं। इस सूप से ब्रेन में सेरेटोनिन का निर्माण होता है। इससे मानसिक तनाव दूर होता है और मूड ठीक होता है। चिकन में फॉस्फोरस और सेलेनियम प्रचुर मात्रा में होता है। सेलेनियम से थाइरोइड, होर्मोंस, मेटाबोलिज्म, और इम्युनिटी ठीक रहते हैं। इससे मोटापा भी नियंत्रित रहता है

 

 

मछली

मटन और चिकन की तुलना में मछली कहीं अधिक फायदेमंद है। मछली से काफी अधिक मात्रा में प्रोटीन मिलता है। मछली में कई तरह के विटामिन, मिनरल्स और अन्य पोषक तत्त्व भी मौजूद होते हैं। इसके अलावा मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड भी होता है। इसलिए मछली का सेवन करने से शरीर को कई आवश्यक पोषक तत्त्व प्राप्त हो जाते हैं।

 

 

मछली खाने से ब्रैस्ट और प्रोस्टेट कैंसर की बीमारी से बचाव होता है। मछली में मौजूद फैटी एसिड से दिमाग तेज होता है और प्रोटीन से मस्तिष्क की नयी कोशिकाओं का निर्माण होता है। मछली में लो फैट होता है, इसलिए इसके सेवन से कोलेस्ट्रोल नहीं बढ़ता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड के कारण दिल की बीमारियों से बचाव होता है। मछली के सेवन से त्वचा और बाल को भी पोषण प्राप्त होता है और उच्च रक्तचाप नियंत्रित होता है। अच्छे स्पर्म के लिए डॉक्टर पुरुषों को और गर्भावस्था के दौरान अवसाद दूर करने के लिए महिलाओं को मछली खाने की सलाह देते हैं।

हमारे देश में मांसाहारी भोजन में मछली के व्यंजनों को ही सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। जहाँ मटन की प्रति व्यक्ति मासिक खपत 0.06 किलोग्राम है, वहीँ चिकन की खपत 0.21 किलोग्राम, और मछली की खपत 0.26 किलोग्राम है।

स्वाति जायसवाल

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  • मछली और अंडे सुपाच्य और बिना साईड इफेक्ट के स्वास्थ्य के लिए काफी विटामिन और मिनरल्स से भरपूर है और किसी बड़े जानवर की तरह इसे जिंदा नही काटना पड़ता, अंडे नॉन फर्टिलाइजड और मछली मारने से ज्यादा भय नहीं लगता क्योंकि मछली में स्तनपायी प्राणियों की तरह मांस पेशियाँ और बड़ी हड्डियां नही पायी जाती अधिकतर बाज़ार में मरी हुई साक भाजी की तरह बेचने लाई जाती है और कसाईपन का भी अहसास नही होता।

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