सरसों और सरसों के तेल से ज्यादातर भारतीय परिचित हैं | बहुत सारे भारतीय घरों में सब्जी बनाने के लिए इसी तेल का प्रयोग होता है | इसे कड़वा तेल के नाम से भी जाना जाता है |
घर-घर में इस्तेमाल होने वाला सरसों का तेल सिर्फ खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाला एक मामूली तेल नहीं बल्कि एक चमत्कारी तेल है | इस तेल को आयुर्वेद में भी बेहद गुणकारी, पौष्टिक, और स्वास्थ्यवर्द्धक माना गया है | इसे कई तरह की बीमारियों से छुटकारा देने वाली एक औषधि बताया गया है |
सरसों के तेल में बहुत सारी खूबियां होती हैं | सिर्फ सरसों के तेल का ही नहीं बल्कि इसके दाने और पत्तियों का भी भारतीय व्यंजनों में प्रयोग किया जाता है | सरसों की पत्तियां भी स्वास्थ्यवर्द्धक है और सरसों का साग तो एक बेहद स्वादिष्ट और लोकप्रिय भारतीय व्यंजन है | सरसों के तेल का सेवन करने से सेहत तो अच्छी होती ही है, शरीर में ज्यादा चुस्ती-फुर्ती भी आती है जिससे आपकी उम्र बढ़ती है, और आप ज्यादा जवान भी दिखते हैं | आप सरसों के तेल के गुणों से अच्छी तरह परिचित हो सकें और इस तेल को अपनी रसोई का हिस्सा बनाकर इसका पूरा लाभ उठा सकें, इस उद्देश्य के साथ.
• सरसों के तेल में शरीर के दर्द को दूर करने का अद्भुत गुण होता है | यह गठिया और कान के दर्द से राहत देता है | कान के दर्द के लिए गुनगुने सरसों के तेल की दो बूंदे कान में डालना काफी है | गठिया और बदन दर्द के लिए सरसों के तेल में कपूर मिलाकर उससे पूरे शरीर की मालिश करने से दर्द दूर हो जाता है | सरसों के तेल में लहसुन की कुछ कलियां, थोड़ी हींग, और अजवाइन मिलाकर इसे गर्म करके इस तेल से मालिश करने से भी बदन दर्द से राहत मिलती है | खासकर कमर के दर्द के लिए ऐसा मालिश वाला तेल बहुत असरदार है | पिंडलियों के दर्द के लिए सिर्फ हल्के गर्म सरसों तेल से मालिश भी असरदार है |
• सरसों तेल की मालिश से रक्त-संचार सुचारू रूप से होने लगता है, त्वचा में कसाव आता है, और शरीर की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं | सरसों के तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं | इसलिए इसका उबटन भी त्वचा के लिए लाभदायक है | अक्सर आपने देखा होगा कि छोटे बच्चों की सरसों के उबटन से मालिश की जाती है |
• सरसों का तेल शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है | खाने में सरसों के तेल का प्रयोग करने से कोलस्ट्रोल नियंत्रित होता है | इससे वजन भी कंट्रोल में रहता है |
• खाने में सरसों के तेल का प्रयोग करने से शरीर को स्वभाविक रूप से गर्मी भी मिलती है और ठण्ड लगने की संभावना कम होती है | सरसों के तेल के सेवन से खाने का पाचन अच्छी तरह होता है और जिन लोगों को कब्ज या किसी और विकार के कारण भूख कम लगती है, उन्हें भूख भी ठीक से लगने लगती है |
• शुद्ध तेल से हमें एचडीएल (हाई डेंसिटी लाइपोप्रोटीन) मिलता है जिससे हृदय रोगों से बचाव होता है | इसलिए आप हमेशा शुद्ध सरसों तेल का ही प्रयोग करने की कोशिश करें |
• 5 दिन तक लगातार 8 बूंद सरसों का तेल नाक में डालने से माइग्रेन मतलब आधे सर के दर्द से छुटकारा मिलता है |
• सरसों के तेल में ओलिक और लीनोलिक एसिड पाए जाते हैं जो फैटी एसिड हैं और बालों की जड़ों को पोषण देते हैं | नियमित रूप से सर में सरसों के तेल से मालिश करने से बाल झड़ने की समस्या से छुटकारा मिलता है | इससे सर का दर्द भी कम होता है और बाल लंबे, मजबूत, और काले होते हैं |
• दो-तीन बूंद सरसों तेल और एक चुटकी सेंधा नमक (रॉक साल्ट) को अच्छी तरह मिलाकर इस मिश्रण से मंजन करने से दांत साफ़ होते हैं और मसूड़ों और दांत दर्द की समस्या से छुटकारा मिलता है | पायरिया के रोगियों के लिए सरसों तेल काफी फायदेमंद है | सेंधा नमक, और हल्दी को पीसकर सरसों के तेल में मिलाकर प्रतिदिन 3 से 4 बार दांतों में लगाने से दांतों में लगे कीड़े नष्ट हो जाते हैं।
• सरसों के तेल में एलिल आइसोथियोसाइनेट के गुण पाए जाते हैं | इसलिए यह तेल त्वचा की समस्याओं के लिए सबसे अच्छा इलाज है | अगर शरीर के किसी भी हिस्से में फंगस बढ़ रहा हो तो सरसों का तेल उस हिस्से पर लगाने से फंगस को फैलने से रोका जा सकता है |
• सरसों तेल प्राकृतिक सनस्क्रीन के रूप में काफी असरदार है | सरसों तेल में कुछ अन्य अवयवों को मिलाकर कई तरह के फेसपैक बनाए जाते हैं जिनसे त्वचा को ज्यादा गोरा और स्वस्थ बनाया जा सकता है | इससे सनटैन में भी कमी आती है |
• सरसों के बीज में सेलेनियम और मैग्नीशियम प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं | इन दोनों में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होता है, इसलिए सरसों के तेल का नियमित सेवन करने से दमा, सर्दी-जुकाम, कफ, और सीने की समस्याओं से राहत मिलती है |
• सरसों के तेल में ग्लुकोजिलोलेट (एक कैंसर रोधक तत्व) होने के कारण यह आपको कैंसर से भी सुरक्षित रखता है |
• रात को सोने से पहले सरसों के तेल से पैरों की मालिश करने से दिन-भर की थकान दूर होती है और चैन की नींद आ जाती है |
• सरसों के तेल की मालिश से शरीर की सूजन भी कम होती है |
• खांसी और कफ की परेशानी हो तो सरसों के तेल में सेंधा नमक मिलाकर उसे हल्का गर्म करके सीने पर मालिश करने से आराम मिलता है | छोटे बच्चों को खांसी हो जाने पर गर्म सरसों के तेल में लहसुन की कुछ कलियां भून कर इस तेल से छाती पर मालिश करने से सर्दी व खाँसी से राहत मिलती है |
• रात को सोते समय पैर, हाथ, मुँह, और आँख को धोने के बाद पैरों के तलवों पर सरसों के तेल की मालिश नियमित रूप से करने से आँखे स्वस्थ हो जाती हैं और आँख की रौशनी बढती है |
आजकल तो वैसे रिफाइंड आयल में खाना बनाने का ज्यादा प्रचलन हो रहा है, लेकिन आज से 15-20 साल पहले भारत के कई राज्यों में लगभग हर घर में खाना सरसों के तेल में ही पकाया जाता था | हालांकि ज्यादा प्रचार के कारण बहुत सारे लोग रिफाइंड आयल को अपनाने लगे हैं, लेकिन अगर स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद तेल चाहिए तो सरसों तेल रिफाइंड आयल से कई कदम आगे है | यह भारतीय जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है | इसलिए अगर हम सभी लोग सरसों के तेल को अपनाएं तो हम अपनेआप और अपने परिवार के अन्य सदस्यों को ज्यादा स्वस्थ रख सकते हैं |
खूबसूरत और चमकता चेहरा पाने की ख्वाहिश तो हर किसी की होती है लेकिन चेहरे…
मेथी एक ऐसी चीज़ है जो दिखने में छोटी होती है पर इसके हज़ारों फायदे…
यूं तो नवरत्न अकबर के दरबार में मौजूद उन लोगों का समूह था, जो अकबर…
वैसे तो गहरे और चटकदार रंग के कपडे किसी भी मौसम में बढ़िया ही लगते…
डैंड्रफ एक ऐसी समस्या है जो आपके बालों को तो कमज़ोर बनाती ही है, साथ…
हमारी त्वचा बहुत ही नाजुक होती है। यदि इसकी सही तरह से देखभाल नहीं की…