दारा सिंह से दिलीप कुमार और फिर अंधेरे का सफर
सुनसान छत पर, सीधे पल्ले की साड़ी पहने, एक हाथ में बहुत सारी चूड़ियाँ छनकाती वो शोख़ लड़की तो याद होगी आपको जिसकी दमकती बिंदिया ने न जाने कितने दिलों को अपनी चमक से घायल कर दिया था। जी हाँ,बिलकुल ठीक समझा आपने, एक जमाने की मशहूर अदाकारा मुमताज़ का ही ज़िक्र हो रहा है। … दारा सिंह से दिलीप कुमार और फिर अंधेरे का सफर को पढ़ना जारी रखें
एम्बेड करने के लिए यह यूआरएल अपनी वर्डप्रेस साइट में कॉपी और पेस्ट करें
एम्बेड करने के लिए यह कोड अपनी साइट में कॉपी और पेस्ट करें