इस संसार में स्वस्थ शरीर से बड़ी कोई संपदा नहीं है, क्योंकि जब तक हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा तब ही तक हम उत्साह व उमंग से परिपूर्ण जीवन को जी सकते हैं। इसलिए कहा जाता है, कि “स्वास्थ्य ही जीवन है”। शरीर के स्वस्थ रहने व सुचारू ढंग से कार्य करने के लिए कई प्रकार के पोषक तत्वों या मिनरल्स की आवश्यकता होती है। इनके अभाव में शरीर विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रस्ति हो सकता है। इसलिए हम यहॉ पर शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कौन-कौन से मिनरल्स आवश्यक होते है, इसके बारे में बता रहें हैं।
सोडियम मनुष्य के शरीर के लिए सबसे ज़रूरी मिनरल्स में से एक है। सोडियम नमक, अनाज या दूध में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। सोडियम शरीर में पीएच स्तर व पानी की मात्रा को संतुलित रखने में मदद करता है। हालाँकि सोडियम का सेवन कम से कम करना चाहिए क्योंकि शरीर स्वयं ही सोडियम की आपूर्ति कर लेता हैं और अगर आप सोडियम की अधिक मात्रा लेते हैं तो हाई ब्लड प्रेशर या हृदय के अन्य रोगो को होने का खतरा बना रहता है।
कैल्शियम दूध और दूध से बने प्रदार्थों में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। कैल्शियम हमारे दांतों के लिए आवश्यक है और हड्डियों को भी मजबूत बनाता है इसके अलावा यह रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक है। कैल्शियम की कमी से हमारी हड्डियां कमजोर होती हैं।
फॉस्फोरस भी हमारे शरीर के लिए ज़रूरी मिनरल्स में से एक है और दांतों व हड्डियों के लिए लाभदायक है। फॉस्फोरस दूध, मॉस, पनीर, अंडे, बीयर, चिकन, मछली आदि में भरपूर मात्रा में होता है। फॉस्फोरस हमारी हड्डियों को मजबूत बनाता हैं और चयापचय में भी सहायक है। इसकी कमी से एनीमिया, माँसपेशियों का कमजोर होना, भूख न लगना इत्यादि बीमारियां हो सकती है।
मैग्नीशियम दूध, चॉकलेट, फल, हरी पत्तेदार सब्जियों, समुद्री भोजन, लौंग, सोयाबीन, चावल इत्यादि मैग्नीशियम के स्त्रोत हैं। इससे इम्युनिटी बढ़ती हैं और हमारा नर्वस सिस्टम भी मजबूत होता है।
आयरन हमारे शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक है। यह मेवे, हरी पत्तेदार सब्जियों इत्यादि में भरपूर मात्रा में होता है। इसका प्रभाव शरीर के रक्त परिसंचरण पर पड़ता है। आयरन शरीर में ऊर्जा व ताकत का एक अच्छा स्त्रोत है।
आयोडीन शरीर के उपापचय के लिए आवश्यक है और साथ ही शरीर के विकास में भी मददगार है। आयोडीन नमक, दूध , दूध से बने पर्दार्थो में पाया जाता है। नमक में भरपूर मात्रा में आयोडीन होता है और आयोडीन की कमी से घेंघा नामक रोग होने का खतरा रहता है।
शरीर का पचास प्रतिशत सल्फर हमारी माँसपेशियों, त्वचा और हड्डियों में होता है। मीट, चिकन, अंडे, मछली, दूध, बादाम, अखरोट, काजू, लहसुन व प्याज आदि में सल्फर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।शरीर में इसकी कमी होने से पाचन तंत्र, माँसपेशियों आदि पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
ज़िंक ऐसा मिनरल है जो गर्भवती महिलाओं के लिए अत्यधिक आवश्यक है। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास सही से होता है। ज़िंक अनाज, अंडे, चिकन, दालों, सब्जियों इत्यादि में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। अगर शरीर में ज़िंक की कमी हो जाए तो इम्युनिटी कम हो जाती हैं और खांसी, जुकाम, निमोनिया,भूख न लगना,बालों का झड़ना, शरीर का विकास न होना आदि समस्याएं हो सकती है।
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