आमतौर पर माइग्रेन पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को अधिक होता है. इसका एक मुख्य कारक मोटापा भी है, इस बारे में जानें इस लेख में.
मोटापा हो सकता है माइग्रेन का कारण
माइग्रेन एक तरह का सिरदर्द है जो सामान्य सिरदर्द से अलग होता है. माइग्रेन में सिर के एक हिस्से में बहुत तेज़ दर्द होता है जो दो से 72 घंटों तक रह सकता है. हाल ही में हुए एक शोध से इस बात का पता चला है कि मोटापा या ज्यादा वजन होने के कारण महिलाओं को माइग्रेन होने का खतरा अधिक रहता है. इस शोध से पहले हुई रिसर्च से यह पहले ही प्रमाणित हो चुका था कि मोटापे से हार्ट से संबंधित या मधुमेह होने की संभावना अधिक होती है पर इस नयी रिसर्च से मोटापे की शिकार महिलाओं को माइग्रेन होने के खतरे के अधिक होने की बात सामने आयी हैं जो सच में गंभीर हैं.
इस शोध में जो तथ्य सामने आयें हैं वो इस प्रकार हैं
पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में माइग्रेन होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है. शोध में लगभग तीन लाख लोगों पर अध्ययन किया गया और यह पाया गया कि वसा वाले ऊतकों से कई तरह के अणु निकलते हैं जो माइग्रेन का कारण बनते हैं या उनसे माइग्रेन की संभावना बढ़ जाती हैं.
20 से 55 साल की उम्र की 37 फीसदी महिलाएं माइग्रेन से पीड़ित हैं और इनमे भी उन महिलाओं को माइग्रेन की अधिक समस्या है जिनका वजन अधिक हैं या जो मोटापे का शिकार हैं. कम वजन की महिलाओं में यह समस्या कम हैं.
जो लोग अधिक मोटे होते हैं और जिनका बॉडी मॉस इंडेक्स (BMI) 30 या उससे ज्यादा होता हैं उन को माइग्रेन होने का अधिक खतरा होता है जो 27 फीसदी तक ज्यादा हो सकता है. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह खतरा अधिक है.
अगर आप भी इस समस्या से पीड़ित हैं, तो इसके परिणामों से घबराएं नहीं बस अपना वज़न नियंत्रित रखें, अपनी जीवन शैली और खानपान में परिवर्तन करें तथा रोजाना कसरत करें इससे आप माइग्रेन के खतरे से बच सकती हैं.
तो अपना वज़न नियंत्रित रखें और माइग्रेन की समस्या से दूर रहें
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