भारतीय संस्कृति काफी संपन्न है और हमारे देशमें सभी त्यौहार बड़े धूम धाम से मनाये जाते है। सज-धज कर, नए कड़े पहनकर, बालों की अच्छी सी केशभूषा करके त्यौहार मनाना सभी महिलाओं को लडकियों को पसंद है। इन सभी त्यौहारों का एक अहम हिस्सा है मेहंदी।
ऐसा एक भी त्यौहार नहीं होता जहाँ लडकियां अपने हथेली पर मेहंदी से डिजाइंस नहीं बनाती। तो चलिए,आज हम देखेंगे भारतीय त्योहारों के लिए ख़ास मेहंदी के डिजाइंस जो आप ज़रूर ट्राई करना चाहेंगी।
भारतीय मेहंदी डिजाइन
आमतौर पर सभी त्योहारों पर लडकियां भारतीय मेहंदी डिज़ाइन हाथ पर निकालना पसंद करती है। इन डिजाइंस में, घुंगराले, घुमावदार पैटर्न, मोर या कोयरी, अलग-अलग आकर के फूल और पन्ने इन सबका उपयोग किया जाता है।
यह डिज़ाइन निकालते समय हाथ ज़्यादा से ज़्यादा भरने का प्रयास होता है और दो आकारों के बीच खाली जगह नहीं दिखती जिससे डिज़ाइन भरा-भरासा दिखता है। पारम्परिक भारतीय आकारों के साथ इस प्रकार के डिजाइंस बनाने में तो मुश्किल होते है, लेकिन हथेली की शोभा ज़रूर बढ़ती है।
अरेबिक और इंडो-अरेबिक डिजाइंस
ईद के अवसर पर, रमजान के महीने में आखिरी दिन सभी मुस्लिम लोक प्रियजनों को उपहार देते है और आशीषों का आदान-प्रदान होता है। इस त्यौहार में भव्य सह भोजन होता है और पूरा परिवार मिलता-जुलता है।
इस दिन सभी मुस्लिम महिलायें भारी साड़ियां और जेवर पहनकर बन-ठन कर तैयार होती है और जब वह इतनी तैयार होती है, तब भला मेहंदी से अपने हाथों मे रंग भरना कैसे भूलेंगी?
ईद के दिन ज्यादातर महिलायें सुन्दर इंडो-अरेबिक या अरेबिक डिज़ाइन लगाना पसंद करती है। भारतीय डिज़ाइन्स की तुलना में यह डिज़ाइन्स बनाने में आसान भी होती है और डिज़ाइन में अंतर होने से इससे हाथ ज़्यादा भरा सा भी नहीं लगता।
ग्लिटर और मल्टीकलर्ड मेहंदी
आजकल इस प्रकार के मेहंदी की काफी फैशन है। इस मेहंदी में डिज़ाइन बनाते समय त्वचा को हानि ना पहुंचाने वाले रंगों का और चमकी का उपयोग किया जाता है। लडकियां नवरात्रि के समय इस प्रकार की मेहंदी निकालती है। आमतौर पर इस प्रकार की महेंदी सिर्फ़ ब्यूटी पार्लर्स में ही निकालकर मिलती है, क्योंकि इसका सामन बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं होता।
लडकियां अपने पोशाक के रंगों से मिलते जुलते रंगोंसे मेहंदी निकालती है और जब डिज़ाइन गीली हो तब ही उसमे चमकी या स्टोन्स लगाए जाते है, ताकि वह बाद मे गिरे ना। इस प्रकार की मेहंदी सिर्फ़ हाथों पर नहीं बल्कि पीठ पर, पैरों पर, गर्दन पर और चहरे पर भी निकाली जाती है। गरबा खेलते वक्त लड़के भी अपने बाहों पर इस प्रकार की मेहंदी निकालना पसंद करते है। ग्लिटर और मल्टीकलर्ड मेहंदी सिर्फ़ एक दिन ही अच्छे से रहती है।
गोल्ड और सिल्वर मेहंदी
गोल्ड और सिल्वर मेहंदी के टैटूज आजकल बहुत चर्चा में है। यह टैटूज पानी से त्वचापर चिपकाए जाते है और सोने या चांदी के आभुषणों की तरह दिखते है।अगर आप क़ीमती जेवर पहनकर कही बाहर नहीं जाना चाहती, तो आप यह ऑप्शन ट्राई कर सकती हो। मेहंदी निकालते समय इन टैटूज का भी प्रयोग किया जाता है, जिनसे मेहंदी और भी आकर्षक दिखती है। यह टैटूज अच्छी तरह ख़याल रखने पर तीन से चार दिन तक अच्छे दिखते है।
इनमें से किस प्रकार की मेहंदी आपको पसंद आयी? अगर आपको और भी प्रकार मालूम है, तो हमें जरूर बताइये.
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