मीना कुमारी भारतीय सिनेमा की एक ऐसी अदाकार रही है, जिनके अभिनय कौशल की चर्चा आज भी होती है। मीना कुमारी ने सात साल की उम्र में बतौर बाल कलाकार अपने फिल्मी सफर की शुरूआत की। सन् 1952 में आई फिल्म ‘बैजू बावरा’ में बतौर मुख्य अदाकरा बेहतरीन अभिनय करके मीना कुमारी ने सभी को अपना दीवाना बना लिया। जब भी पर्दे पर भारतीय नारी के विभिन्न रूपों जैसे- दुख, समर्पण, अभाव व सामाजिक दबाव को दर्शाने की आवश्यकता होता थी, तो हर निर्माता की पहली पसंद मीना कुमारी ही हुआ करती थी, इसलिए उन्हें ‘ट्रेजिटी क्वीन’ कहा जाता था। मीना कुमारी ने तीस साल के फिल्मी कैरियर में 90 से फिल्मों में काम किया, इनमें से ज्यादातर फिल्में उनके शानदार अभिनय के लिए आज भी सराही जाती है। इस बेमिसाल अदाकारा की वैसे तो हर फिल्म बहुत ही यादगार है, लेकिन इनमें से 10 चुनिंदा फिल्मों के बारे में हम आपको यहॉ बता रहें हैं।
1952 में आई यह फिल्म मीना कुमारी की बतौर मुख्य अदाकारा पहली फिल्म थी, जो जबर्दस्त सफल रही। इस फिल्म के लिए मीना कुमारी को बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला था। यह एक म्यूजिकल फिल्म थी, जिसमें सोलहवीं शताब्दी का मुगल कालीन भारत दर्शाया गया था ।
यह फिल्म शरद चंद्र चट्टोपाध्याय के बंगाली उपन्यास पर आधारित थी, जिसका निर्देशन बिमल रॉय द्वारा किया गया था। इस फिल्म के लिए मीना कुमारी को दूसरा बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड मिला था।
इस फिल्म में मीना कुमारी और दिलीप कुमार की जोड़ी ने अभिनय किया था । यह फिल्म उस साल की सबसे बड़ी हिट साबित हुई और साथ ही उस दशक की सबसे सफल फिल्मों में से भी एक थी।
बी.आर. चोपड़ा द्वारा निर्देशित यह एक पारिवारिक फिल्म थी, इसमें मीना कुमारी के साथ अशोक कुमार व न्यूकमर सुनील दत्त ने अभिनय किया था। फिल्म 25 हफ्तों से ज्यादा प्रदर्शित होकर जुबली हिट साबित हुई थी।
यह फिल्म एक रॉमेंटिक ड्रामा थी, जिसमें मीना कुमारी के साथ राज कुमार और नादिरा मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म में मीना कुमारी का अभिनय उनके बेहतरीन परफॉरमेंस में से एक माना जाता है। इस फिल्म का गाना ’अजीब दास्तां है ये’ आज भी लोगों की जुबान पर है।
इस फिल्म में मीना कुमारी का ‘छोटी बहु’ का किरदार भारतीय सिनेमा में सबसे शानदार फीमेल परफॉरमेंस माना जाता है। इसके लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड मिला था। इस फिल्म को तेहरवें बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए मनोनित किया गया था।
1963 में आई यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर एक हिट साबित हुई और इस फिल्म के गाने बहुत ही लोकप्रिय हुए।
इस फिल्म के लिए मीना कुमारी को अपना चौथा व आखिरी फिल्मफेयर अवार्ड मिला था। इस फिल्म में उनके अभिनय की सभी ने काफी प्रशंसा की थी।
इस फिल्म में मीना कुमारी के साथ धमेंद्र मुख्य भूमिका में थे। यह फिल्म एक गोल्डन जुबली हिट हुई और मीना कुमारी को बेस्ट एक्ट्रैस के लिए मनोनित भी किया गया था।
यह फिल्म मीना कुमारी की आखिरी व सबसे यादगार फिल्म मानी जाती है। इसका निर्देशन कमाल अमरोही (मीना कुमारी के पति) के द्वारा किया गया था। इसे पूरा होने में 16 साल का लंबा वक्त लगा था। इस फिल्म के साथ ही मीना कुमारी ने अभिनय जगत में अपने लिए एक अलग ही स्थान बना लिया था। \
खूबसूरत और चमकता चेहरा पाने की ख्वाहिश तो हर किसी की होती है लेकिन चेहरे…
मेथी एक ऐसी चीज़ है जो दिखने में छोटी होती है पर इसके हज़ारों फायदे…
यूं तो नवरत्न अकबर के दरबार में मौजूद उन लोगों का समूह था, जो अकबर…
वैसे तो गहरे और चटकदार रंग के कपडे किसी भी मौसम में बढ़िया ही लगते…
डैंड्रफ एक ऐसी समस्या है जो आपके बालों को तो कमज़ोर बनाती ही है, साथ…
हमारी त्वचा बहुत ही नाजुक होती है। यदि इसकी सही तरह से देखभाल नहीं की…