मंजिष्ठा एक बेल है जो ज़्यादातर पर्वतीय इलाकों में पायी जाती है। इसके पत्ते खुरदुरे और दिल के आकार के होते है।इसके फूल बहुत ही छोटे होते है, और हलके हरे रंग के होते है। इसके फल गोल और पकने के बाद गहरे बैगनी रंग के हो जाते है।
मंजिष्ठा में कई सारी आयुर्वेदिक प्रॉपर्टीज होती है और ये कई सारे रोगो के लिए एक रामबाण इलाज भी है। ये शरीर के ऊपर व शरीर के बाहर के रोगो के काम करती है। मंजिष्ठा में खून साफ़ करने की प्रॉपर्टीज होती है, ये ठंडत पहुँचती है, ब्लड सर्कुलेशन में मदद करती है और हमारी स्किन को भी स्वस्थ रखती है। इसके अलावा ये हमारे इम्यून सिस्टम को भी स्वस्थ रखने में भी मदद करती है।
मंजिष्ठा का प्रयोग अनेक तरह के रोगो का निवारण करने के लिए किया जाता है :-
• चहरे के दाग
मंजिष्ठा चेहरे के दाग साफ़ करने में मदद करता है। ४ चम्मच मंजिष्ठा की जड़ का काढ़ा बनाकर नियमित रूप से सुबह-शाम पीने से दाग दूर हो जाते है। साथ ही इसकी जड़ को शहद में घिस कर चेहरे पर लगाने से निखार आता है और दाग भी गायब हो जाते है।
• सूजन के लिए
मंजिष्ठा सूजन के लिए लाभदायक है। बराबर मात्रा में मंजिष्ठा की जड़ और मुलेठी का लेप सूजन वाली जगह पर लगाने से सूजन काम हो जाती है।
• जले हुए घाव
मंजिष्ठा में ठंडत होती है। मंजिष्ठा की जड़ और चन्दन को घी में घिस कर, लेप बनाकर जले हुए घाव पर लगाने से जलन काम हो जाती है और घाव भी जल्दी भर जाता है।
• पथरी
मंजिष्ठा पथरी के लिए भी बहुत लाभकारी है। मंजिष्ठा की जड़ २ ग्राम की मात्रा में ४ चम्मच पानी के साथ प्रतिदिन ३ बार लेने से कुछ ही सप्ताह में पथरी गलकर बाहर निकल जाती है।
• हड्डी का टूटना
महुए की छाल, मंजिष्ठा की जड़ और इमली के पत्तो को बराबर मात्रा में लेकर इसका लेप बना ले। लेप को टूटी हुई हड्डी की जगह पर लगाकर बांधने से लाभ मिलेगा।
• दस्त
१-३ ग्राम मंजिष्ठा की जड़ का चूर्ण प्रतिदिन ३ बार सेवन करने से कई वर्ष पुराने दस्त के रोग में भी आराम मिल जाता है।
• नाखून के रोग
मंजिष्ठा नाखूनों के रोगो के लिए भी अतयंत लाभकारी है। २0-४0 मिलीलीटर मंजिष्ठा का काढ़ा प्रतिदिन ३ बार लेने से नाखून के रोगो में आराम मिलता है।
• बाल
मजिष्ठा कई प्रकार के तेल में भी इस्तेमाल किया जाता है। यह बालों के लिए भी बहुत लाभदायक है। मंजिष्ठा बालों को उसका नेचुरल रंग देने का काम करती है और बालों को सफ़ेद होने से रोकती है। मंजिष्ठा बालों को पोषण देने के साथ साथ उन्हें मजबूत भी बनती है।
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