आपने कभी ना कभी ये जरूर देखा होगा कि अगर कोई चोर राह चलती किसी हिन्दू स्त्री के पहने हुए कीमती गहने, या उसका पर्स छीन लेता है जिसमें उसका मोबाइल, गहने, पैसे, और अन्य कीमती चीजें हों तो वो परेशान होकर मदद के लिए चीखती-चिल्लाती है | लेकिन अगर कोई उस स्त्री के गले से उसका मंगलसूत्र छीन ले तब क्या होता है? ऐसा होने पर तो उसके दुःख की कोई सीमा ही नहीं रहती और कई बार तो वो फूट-फूट के रोने भी लगती है | ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे देश की अधिकांश हिन्दू स्त्रियों के जीवन में मंगलसूत्र का महत्व बहुत ज्यादा है | कई स्त्रियों को तो उनका मंगलसूत्र जान से भी ज्यादा प्यारा होता है |
1. अमिट सुहाग का प्रतीक चिन्ह मंगलसूत्र
अधिकांश हिन्दू स्त्रियों के लिए मंगलसूत्र अमिट सुहाग का प्रतीक चिन्ह है | यह ऐसा धागा है जो उनके सुहाग का संरक्षक है | इसके अलावा यह विवाह का एक ऐसा प्रतीक चिन्ह भी है जो इस बात का सूचक है कि विवाहित स्त्री के लिए उसका पति और परिवार सबसे महत्वपूर्ण है | इसके अलावा यह पति को भी उसके उत्तरदायित्व की याद दिलाता है | पत्नी के गले में सजे मंगलसूत्र को देखकर पति को इस बात का ख्याल हमेशा आता है कि अब वो एक विवाहित पुरुष है और अपनी पत्नी और परिवार के भरण-पोषण, और उनकी सुरक्षा का दायित्व अब उसके कंधों पर है | इस तरह से मंगलसूत्र वास्तव में ऐसे सूत्र की तरह काम करता है जो जीवनभर पति और पत्नी को एक-दूसरे से जोड़े रखता है |
2. मंगलसूत्र से जुड़ी मान्यताएं और वैज्ञानिक तथ्य
मंगलसूत्र से जुड़ी कई मान्यताएं हैं और कई लोग सुहाग की अन्य निशानियों की तरह इसे धारण करने के पीछे वैज्ञानिक तथ्य होने की बात भी करते हैं | मंगलसूत्र में पिरोये जाने वाले काले मोतियों के विषय में मान्यता है कि इनके प्रभाव से दुर्भाग्य दूर रहता है और पति और परिवार की बुरी नजर और हर प्रकार के अनिष्ट से रक्षा भी होती है | मंगलसूत्र पहनने के विषय में जो वैज्ञानिक कारण दिया जाता है वो ये है कि इससे महिलाओं का ब्लडप्रेशर नियंत्रित रहता है और कई रोग भी दूर होते हैं | मंगलसूत्र को छुपा के पहनने के पीछे ये सोच है कि ये रोगों को दूर कर सके और शरीर पर अच्छा असर कर सके, इसके लिए इसका शरीर से चिपका हुआ रहना जरूरी है | सोने का मंगलसूत्र पहनना ज्यादा लाभदायक माना जाता है क्योंकि सोने से शरीर को ओज और बल की प्राप्ति होती है | सोने का मंगलसूत्र पहनने से शरीर अधिक ऊर्जावान बना रहता है |
3. किन परिस्थितियों में बंद कर देती हैं महिलायें मंगलसूत्र पहनना
मंगलसूत्र को वही स्त्री धारण कर सकती है जिसका सुहाग मतलब पति सही-सलामत (जीवित) है | ऐसा माना जाता है कि मंगलसूत्र को गले में धारण करने से पति पर आने वाली सभी मुसीबतें टल जाती हैं | अगर पति की मृत्यु हो जाए या पति से संबंध-विच्छेद हो जाए तो ही मंगलसूत्र को पहनना बंद किया जाता है |
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