महाशिवरात्रि हिन्दुओं के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस त्योहार को भगवान शिव की आराधना करके मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव सबसे जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। इसी वजह से उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है।
इस त्योहार को फाल्गुन के महीने में मनाया जाता है। आज हम आपको शिवरात्रि पर्व के महत्व के बारे में बताने वाले हैं।
शिवरात्रि में जागने को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इस रात्रि को जागकर भगवान शिव की आराधना करने से घर में सम्पन्नता आती है।
दाम्पत्य जीवन में शिवरात्रि का पर्व सुख की कामना के लिए महत्वपूर्ण है। इस पर्व के दौरान यदि पति और पत्नी दोनों व्रत रखकर शिव की आराधना करें तो उनके दाम्पत्य जीवन मे सुख मिलता है। वहीं घर में क्लेश भी नहीं होता है।
शिव योगी का मतलब शिव के भक्तों से हैं, जो सन्यास लेकर शिव भक्ति में रम जाते हैं। उनके लिए यह पर्व भगवान शिव में खुद को कुछ पल के लिए मिला लेने वाला होता है। इस दौरान शिव योगी पूरी रात ध्यान करके शिव की आराधना करते हैं।
हठ योगियों के लिए भी यह पर्व साल का सबसे महत्वपूर्ण पर्व होता है। यह पर्व उन्हें भगवान शिव के निकट पहुंचने का मौका प्रदान करता है।
ग्रह शान्ति :
पूरे परिवार के साथ शिव की आराधना व उनकी पूजा अर्चना करने का बहुत महत्व है। इसके साथ ही इस दौरान भगवान शिव को बेलपत्र का अर्पण भी ग्रह शांति लाता है।
कुंवारी कन्याओं के लिए भी यह पर्व विशेष महत्व वाला है। यह मान्यता है कि इस पर्व के दौरान व्रत रखने पर कन्याओं को भगवान शिव की भांति वर की प्राप्ति होती है।
किसानों के लिए महत्व :
देश के किसानों के लिए इस पर्व का महत्व फसलों के तैयार होने से जुड़ा हुआ है।
॥ ॐ नमः शिवाय ॥
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