अब कुछ दिनों में शारदीय नवरात्रि आने वाली है। हर जगह माँ दुर्गा की पूजा की तैयारियां बड़े ज़ोर शोर से शुरू हो ही गयी होगी। नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है। आइए जानते हैं, माँ दुर्गा के नौ रूपों के नाम और उनके अर्थ।
1. शैलपुत्री
“शैल” का अर्थ है पहाड़। चूंकि माँ दुर्गा पर्वतों के राजा, हिमालय के यहाँ पैदा हुई थीं, इसी वजह से उन्हे पर्वत की पुत्री यानि “शैलपुत्री” कहा जाता है।
2. ब्रह्मचारिणी
इसका तात्पर्य है- तप का पालन करने वाली या फिर तप का आचरण करने वाली। इसका मतलब यह भी होता है, कि एक में ही सबका समा जाना। इसका यह भी अर्थ निकलता है,कि यह सम्पूर्ण संसार माँ दुर्गा का एक छोटा सा अंश मात्र ही है।
3. चंद्रघंटा
माता के इस रूप में उनके मस्तक पर घण्टे के आकार का अर्धचन्द्र अंकित है। इसी वजह से माँ दुर्गा का नाम चंद्रघण्टा भी है।
4. कूष्मांडा
इसका अर्थ समझने के लिए पहले इस शब्द को थोड़ा तोड़ा जाए। ‘कू’ का अर्थ होता है- छोटा। ‘इश’ का अर्थ- ऊर्जा एवं ‘अंडा’ का अर्थ- गोलाकार। इन्हें अगर मिलाया जाए तो इनका यही अर्थ है, कि संसार की छोटी से छोटी चीज़ में विशाल रूप लेने की क्षमता होती है।
5. स्कंदमता
दरअसल भगवान शिव और पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का एक अन्य नाम स्कन्द भी है। अतः भगवान स्कन्द अर्थात कार्तिकेय की माता होने के कारण मां दुर्गा के इस रूप को स्कन्दमाता के नाम से भी लोग जानते हैं।
6. कात्यायनी
एक कथा के अनुसार महर्षि कात्यायन की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर उनके वरदान स्वरूप माँ दुर्गा उनके यहाँ पुत्री के रूप में पैदा हुई थीं। चूंकि महर्षि कात्यायन ने ही सबसे पहले माँ दुर्गा के इस रूप की पूजा की थी, अतः महर्षि कात्यायन की पुत्री होने के कारण माँ दुर्गा कात्यायनी के नाम से भी जानी जाती हैं।
7. कालरात्रि
मां दुर्गा के इस रूप को अत्यंत भयानक माना जाता है, यह सर्वदा शुभ फल ही देता है, जिस वजह से इन्हें शुभकारी भी कहते हैं। माँ का यह रूप प्रकृति के प्रकोप के कारण ही उपजा है।
8. महागौरी
माँ दुर्गा का यह आठवां रूप उनके सभी नौ रूपों में सबसे सुंदर है। इनका यह रूप बहुत ही कोमल, करुणा से परिपूर्ण और आशीर्वाद देता हुआ रूप है, जो हर एक इच्छा पूरी करता है.
9. सिद्धिदात्री
माँ दुर्गा का यह नौंवा और आखिरी रूप मनुष्य को समस्त सिद्धियों से परिपूर्ण करता है। इनकी उपासना करने से उनके भक्तों की कोई भी इच्छा पूर्ण हो सकती है। माँ का यह रूप आपके जीवन में कोई भी विचार आने से पूर्व ही आपके सारे काम को पूरा कर सकता है।
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