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क्या टेट्रापैक वाले जूस पीना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है?

आज की तेज रफ्तार व आधुनिक जीवन-शैली में अपने आपको स्‍वस्‍थ रखना बहुत ही आवश्‍यक है। लेकिन समय की कमी के चलते हम हेल्‍दी व फिट रहने के लिए हमेशा कुछ आसान तरीकों व शोर्टकट्स की तलाश में रहते है। इसलिए आजकल ज्‍यादातर लोग डिपार्टमेंटल स्‍टोर व माल्स में जाकर पैकेज फूड को लाना पसंद करते है, क्‍योंकि उनका मानना है कि इससे समय की बचत के साथ-साथ बिना किसी मेहनत के स्‍वास्‍थ्‍य को भी ठीक रखा जा सकता है। इसी कढ़ी में पैकेज या टेट्रापैक जूस का चलन काफी बढ़ गया है, पर क्‍या यह स्‍वास्‍थ्‍य की दृष्टि से सही है ?

 

आखिर क्‍यों टेट्रापैक जूस आजकल इतने चलन में है, सबसे पहले इस बात को समझे है

 

• यह सुविधाजनक पैकिंग में आसानी से उपलब्‍ध होते हैं।

• इन्‍हें आप अपने फ्रिंज में स्‍टोर कर कई हफ्तों तक इस्‍तेमाल कर सकते हैं।

 

• इन्हें कई प्रकार के फलों व सब्जियों के गुणों के अलग-अलग कॉम्बिनेशन के साथ तैयार किया जाता है, जिनका किसी एक फल या सब्‍जी में होना संभव नहीं है।

• यह स्‍वाद में बहुत ही अच्‍छे होते है।

 

   लेकिन प्रश्‍न यह है, कि क्या यह हमारे लिए वाकई में स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक हैं ? इसका जवाब है, शायद नहीं, पर क्‍यों? चलिये जानते है इस बारे में।

 

♦ सामान्यत: टेट्रापैक जूस की उपयोग अवधि छ: महीने या एक साल तक की होती है, लेकिन क्‍या यह इतने लंबे समय तक इनकी पोषक गुणवत्‍ता कायम रहती है, यह सोचने वाली बात है।

♦ इन्‍हें लंबे समय तक पीने योग्‍य बनाये रखने के लिए उष्‍मा उपचार (हीट ट्रीटमेंट) व कैमिकल्‍स का इस्‍तेमाल किया जाता है, जिससे पोषक गुणों में गिरावट आना काफी हद तक स्वाभाविक है। कई बार पैकिंग में लिखा रहता है कि किसी प्रकार के प्रेसेर्वेटिव का इस्‍तेमाल नहीं किया गया है, इसका मतलब कि फिर जूस को सुरक्षित रखने के लिए डी-ऑक्‍सीफाईड किया होगा। लेकिन ऐसा करने से भी जूस की गुणवत्‍ता में परिवर्तन होता ही है।

 

♦ प्रेसेर्वेटिव या डी-ऑक्‍सीजन ट्रीटमेंट के कारण स्‍वाद में हुए परिवर्तन को ठीक करने के लिए शक्‍कर व आर्टिफिशियल फ्लेवर्स को मिलाकर जूस को मानकीकृत किया जाता है। ऐसे में यह जूस डायबिटीज के रोगियों को फायदे की जगह नुकसान अधिक पहॅुचाते हैं व अधिक कैलोरी के कारण वजन को भी बढ़ाते है।

♦ अगर आप घर पर निकाले गये जूस को तीन से चार घंटे बाद पीते है, तो उसका स्‍वाद आपको अच्‍छा नहीं लगता व जूस खराब भी होने लगता है, तो फिर कैसे पैकेज जूस इतने लंबे समय तक आनी गुणवत्‍ता व पोषकता को बनाये रख सकते हैं।

 

इन सब बातों से तो यही सिद्ध होता है कि टेट्रापैक वाले जूस हमारे शरीर को पोषण प्रदान कर स्‍वस्‍थ रखने के बजाय हानि अधिक पहॅुचाते है। इसलिए घर पर ही ताजे फलों का फ्रेश जूस निकालकर पीये और अपने आपको हल्‍दी व फिट बनायें।

 

शिखा जैन

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