आजकल के फैशन के दौर में युवा पीढ़ी इस कदर मशगूल है कि उन्हें अपने स्वास्थ्य की चिंता नहीं है। आजकल एक ऐसा ही चलन चल पड़ा है जो एक आकर्षित ज़हर के रूप में सभी ओर बढ़ रहा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं टैटू की यह एक ऐसा ट्रेंड है जो बच्चों से लेकर बड़ों तक को आकर्षित कर रहा है। पहले तो इसकी इक्का-दुक्का दुकान ही देखने को मिलती थी पर आजकल हर गली पर टैटू बनाने वाले मिल जाएंगे। जहां आपको लोगों की भीड़ भी दिखाई देगी।
बच्चे इसे एक आकर्षित खेल समझ कर अपने कोमल और नाजुक शरीर पर इसे बनवाते हैं। तो कुछ लोग इसे अपने प्रेम का इजहार का एक जरिया मानने लगे हैं। प्यार करने वाले अपने प्रियजनों का नाम शौक से अपने हाथ पर, गले पर लिखवाते हैं। ताकि वह उन्हें अपना प्रेम दर्शा सके। परंतु यह बात से अनजान है कि वह अपने आप को नुकसान पहुंचा रहे हैं ।
कई लोग इसे अपना फैशन स्टेटमेंट मानते हैं। और एक या दो टैटू से इनका मन नहीं भरता यह अपने पूरे शरीर को रंग कर अपनी फैशन और स्टाइल की समझ को जग जाहिर करना चाहते हैं।
पर क्या यह सही है कि अपने स्वास्थ्य को ताक पर रखकर फैशन की अंधी दौड़ में अपने आप को ही खो दिया जाए ?कहीं आप भी तो यही गलती नहीं करने जा रहे हैं? अगर हाँ तो एक बार जरूर इस आर्टिकल को पढ़ ले। ताकि टैटू से होने वाले नुकसान के बारे में अवगत हो जाए तो। देखिए कैसे यह आकर्षित जहर हमारे शरीर में फैलता है –
जर्मनी के एक सुप्रसिद्ध त्वचा विशेषज्ञ के अनुसार टैटू में प्रयोग होने वाले कलर को असल में कारों को रंगने के लिए बनाया गया था। तो क्या हम गाड़ी को रंगने वाले कलर को अपने शरीर में प्रवेश करने दे रहे हैं?????
टैटू से होने वाली एलर्जी : सबका मानना यह है कि परमानेंट टैटू से ही खतरा होता है टेंपरेरी से नहीं ।पर यह गलत है आप चाहे कोई भी टाइप का टैटू बनवाए दोनों से ही आपको नुकसान है। शुरू में तो यह बहुत ही सुंदर और आकर्षक लगते हैं पर धीरे-धीरे यह अपना असली रंग दिखाते हैं। इनसे शरीर में लालिमा ,सूजन और दर्द होना शुरू हो जाता है।
यह सब आपकी त्वचा पर निर्भर है जैसे आपकी त्वचा इस पर रियेक्ट करेगी उसी प्रकार से आप को इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। अगर आपकी त्वचा ज्यादा सेंसिटिव है ,तो आप इस बारे में सपने में भी नहीं सोच सकते कि आपको अगर टैटू बनवा दिया जाए तो आप की त्वचा को किस हद तक नुकसान हो सकता है।
टैटू से कैंसर : कई लोग इस बात को झुठला देते हैं कि टैटू से कोई कैंसर नहीं होता क्योंकि उन्हें अपनी फैशन की चाहत पूरी करना होती है। परंतु यह सत्य है कि टैटू बनवाने के दौरान इस्तेमाल होने वाली स्याही से आपको कैंसर हो सकता है। जी हां, लाल रंग की स्याही में सल्फाइड पाया जाता है। और नीले रंग की स्याही को बनाने बनाने के लिए एलुमिनियम और कोबाल्ट का प्रयोग होता है। और अन्य सहयोग में लीड, कैडियम , निकल जैसे कई अन्य खतरनाक केमिकल का प्रयोग होता है।
जब टैटू बनाया जाता है तो यह स्याही नीडल द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करती हैं। इसका अधिकांश हिस्सा हमारे शरीर के भीतर रक्त द्वारा घुलमिल जाता है जिससे कैंसर जैसे रोग हमारे शरीर के भीतर जन्म ले लेते हैं।
संक्रमित रोग : संक्रमित और एचआईवी जैसे खतरनाक रोग भी टैटू बनवाते समय हो सकते हैं क्योंकि वह एक ही नीडल से कई लोगों को टैटू बनाते हैं।
ऐसे में स्वाभाविक है कि कोई हेपेटाइटिस संक्रमित मरीज के शरीर में जाने के बाद उसके कीटाणु नीडल में लग गए हो और फिर वह आपके शरीर में जाए तो आपको भी वही रोग से ग्रसित कर दें। इसलिए सावधान रहिए 2-3 की शौक के लिए अपनी स्वास्थ्य और हंसती हुई जिंदगी को इस तरह के आकर्षित ज़हर से बचा कर रखिए।
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