जैसे ही लोगों ने लेड और एमएसजी के लिए भारतीय प्रयोगशालाओं में असफल परीक्षणों के बाद मैगी का बहिष्कार करना शुरू कर दिया, वैसे ही बाबा रामदेव जी ने अपने उत्पाद को बाजार में उतारने के बारे में विचार किया। चलिये देखते हैं पतंजलि और अन्य नूडल्स का तुलनात्मक विवरण इस लेख में :
बाबा रामदेव का आटा नूडल्स :
ये इंस्टेंट नूडल्स किसी एमएसजी (मोनोसोडियम ग्लूटामेट) या लीड के बिना आते हैं। यह विशुद्ध रूप से पूरे गेहूं के आटे से बना है। पतंजली नूडल्स में स्वस्थ आइओडाइज्ड साल्ट का उपयोग किया जाता है। इसके मसालों में सभी स्वस्थ मसालें हैं जिसमें हल्दी, जीरा का बीज, प्याज, लहसुन और अदरक शामिल हैं।
पतंजलि नूडल्स के बारे में क्या बुरा है और यह क्यों नहीं है एक स्वस्थ और सुरक्षित विकल्प आइये जानें-
हालांकि इसमें एमएसजी (ई 621) नहीं है, पर इसमें स्वाद बढ़ाने वाले E627 और E631 हैं। ई 627 और ई 631 जोकि बच्चों और शिशुओं के लिए किसी भी प्रकार के भोजन में प्रयोग करने की अनुमति नहीं प्राप्त हैं इसमें प्रयोग किये गए हैं। लगभग सभी आलू के चिप्स में यह सामग्री होती है और बच्चे इसे खाते हैं लेकिन कम से कम वे इसे स्वस्थ होने का दावा नहीं करते हैं। इसलिए, यदि मैगी स्वास्थ्यकर नहीं हैं तो पतंजलि नूडल्स एमएसजी और लीड के बिना भी तो स्वास्थ्यकर नहीं हैं और इसी तरहनूडल्स के अन्य ब्रांड भी। इसका मतलब यह है कि या तो सभी नूडल्स का बहिष्कार करें या फिर खाये जाने के लिए मार्केट में जो भी नूडल्स उपलब्ध हैं उन सभी को खाएं। आश्चर्यजनक, पर बाबा रामदेव ने पतंजलि नूडल्स में कुछ स्वस्थ स्वाद बढ़ाने वाली चीजों का इस्तेमाल क्यों नहीं किया? बाबा रामदेव के आटा नूडल्स का स्वाद इतना अच्छा नहीं है। अगर यह स्वाथ्यप्रद होता तो खाया भी जा सकता है लेकिन अब जबकि ऐसा नहीं है, तो ऐसे बेस्वाद नूडल्स का उपभोग करना बेकार है, तो क्या हुआ अगर यह आटे से तैयार किया गया है और इसमें एमएसजी या लीड नहीं है।
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