सब बच्चों में प्यार और ज्ञान बाँटने वाली मदर टेरेसा को उनके अदभुत चमत्कारों के कारण उनकी 19वीं पुण्यतिथि से एक दिन पूर्व वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस ने संत की उपाधि दी| मदर टेरेसा के द्वारा किए गए अनेक चमत्कारों के कारण ही उन्हें दुनियाभर में लोगों के द्वारा सराहा गया| “नेशनल कैथोलिक रजिस्टर” में उनके द्वारा किए गए अनेक चमत्कारों का वर्णन किया गया है| आइए जानते है कि आखिर वे कौनसे चमत्कार थे जिनके कारण मदर टेरेसा को संत की उपाधि दे दी गई|
सन 2003 में घटित हुई इस चमत्कारी घटना ने सबको अचंभित कर दिया| भारत के पश्चिमी बंगाल में “मोनिका बेसरा” नामक एक महिला को पेट में ट्यूमर की खतरनाक बिमारी ने घेर लिया| यह ट्यूमर इतना खतरनाक था कि लगभग सभी चिकित्सक मोनिका के बचने की उम्मीद छोड़ चुके थे| परन्तु एक दिन अचानक ही मदर टेरेसा के “चमत्कारी मेडल” के स्पर्श से उस महिला का दर्द खत्म हो गया| जब चिकित्सकों द्वारा पेट को जाँचा गया तो पता चला कि वहाँ से ट्यूमर पूर्णतया समाप्त हो चुका था| मदर टेरेसा के उस चमत्कारी मेडल ने मोनिका बेसरा की बिमारी को, जिसे दुनियाभर के चिकित्सक सही नहीं कर पाए, चुटकियों में सही कर दिखाया| यह मदर टेरेसा का पहला चमत्कार था|
मदर टेरेसा के इस चमत्कार पर कई चिकित्सकों द्वारा कई तरह के सवाल उठाए गए और कई ने तो इसे महज एक चिकित्सकीय दवा का असर माना है| परन्तु कई ज्ञानी विशेषज्ञों द्वारा “कॉन्ग्रेगेशन फॉर द कॉजेज ऑफ सेंट्स” के साथ काम करके नतीजा प्राप्त किया कि मोनिका की बिमारी का चिकित्सकीय इलाज कर पाना संभव नहीं था|
हालाँकि 2003 के न्यूयॉर्क टाइम्स में मोनिका के चिकित्सक “रंजन मुस्तफी” ने बताया कि यह कोई चमत्कार नहीं था बल्कि मोनिका 9 महीने से दवाई ले रही थी, जिसके कारण उसका ट्यूमर धीरे-धीरे समाप्त हो गया| उनका कहना था कि यह महज तपेदिक की गाँठ थी, न कि कैंसर का ट्यूमर| उनका कहना था कि वैटिकन के दल ने उनसे पूछे बिना मोनिका के इलाज को प्रमाणित कर दिया|
दूसरा चमत्कार ब्राजील के सांतोस नामक स्थान पर वर्ष 2008 में हुआ| 42 वर्ष के मैकेनिकल इंजीनियर ‘मार्सीलियो हेडाड एंड्रिनो” को मस्तिष्क में बैक्टीरिया के संक्रमण की बिमारी ने घेर लिया था| मदर टेरेसा के आशीर्वाद से एंड्रिनो के मस्तिष्क में बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण हुए फोड़े और सर दर्द में आराम हुआ|
इन्हीं अद्बुध चमत्कारों के कारण मदर टेरेसा के निधन के 5 साल बाद 20 दिसंबर 2002 को पोप जॉन पॉल ने टेरेसा के चमत्कारों को मंजूरी दी| इस कारण से माना गया कि मदर टेरसा सच में कोई चमत्कारी स्त्री थी, जिन्होंने कई लाइलाज बिमारियों का इलाज करने में सहायता की| परन्तु आज भी कई लोग इसके विपरीत अपना मत प्रकट करते हैंऔर इसे एक चिकित्सकीय उपचार मानते है|
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