यह बहुत ही जटिल सवाल होता है, जिसका कोई स्पष्ट उत्तर मिलना शायद संभव नहीं है। ऐसा कोई विश्वसनीय तरीक़ा नहीं है, जो इस बात की पुष्टी करें, कि आपका जीवनसाथी आपसे झूठ बोल रहा है, या नहीं।
हालांकि कई बार हम केवल चेहरे के हाव-भाव, आँखों को देखकर या बातों को कहने के तरीकें से यह अंदाजा लगा लेते है, कि सामने वाला झूठ बोल रहा है। लेकिन यह कोई शत-प्रतिशत स्पष्ट तरीक़ा नहीं है, कई बार घबराहट या व्याकुलता के कारण भी इस प्रकार की चीजें होती है और हम बिना कुछ सोचे-समझे गलत अनुमान लगा बैठते है।
जब आपको ऐसा लगता है, कि आपका पति झूठ बोल रहा है, तो उन पर शक करना एक स्वाभाविक-सी बात हो जाती है और मन में सबसे पहले विश्वासघात की आशंका घर कर लेती है।
ऐसे में पति पर दुबारा विश्वास करना बहुत ही मुश्किल व कठिन हो जाता है। माना जाता है, कि हर व्यक्ति फिर चाहे वो पुरूष या स्त्री हो, किसी न किसी वजह से नियमित तौर पर झूठ बोलता ही है और कहा जाता है, कि सुखी और खुशहाल जीवन के लिए थोड़ा बहुत झूठ आवश्यक भी होता है।
अगर आपको लगता है, कि आपका पति आपसे झूठ बोल रहा है, तो इसके पीछे कई कारण हो सकता है, जैसे –
1. किसी प्रकार के विवाद से बचने के लिए।
2. आपकी भावनाओं को ठेस न पहुंचाने के लिए।
3. आपको खो देने के डर से।
4. कुछ ऐसा छुपाने के लिए जिसके बारे में आपका जानना ज़रूरी न हो।
5. जीवनशैली में परिवर्तन के डर से।
6. आपने आपको शर्मिदा होने से बचाने के लिए।
7. आपकी संभावित प्रतिक्रिया से बचने के लिए।
8. आपने आपको अधिक अच्छा, प्रतिभाशाली व गुणवान दिखने के लिए।
9. परिस्थिति को नियंत्रित करने के लिए।
10. किसी और व्यक्तिगत कारण से।
इसलिए अगर आपको लगता है, कि आपका पति झूठ बोल रहा है, तो किसी निष्कर्ष पर पहुंचाने से पहले सही कारण जानने का प्रयास करें। शांति से बैठकर सीधे बात करें और स्पष्टीकरण देने को कहें और यह अहसास कराने का प्रयास करें, कि उनके इस बर्ताव से आप कितना आहत महसूस कर रहें है।
हाँ, लेकिन ऐसा प्रतीत न होने दें, कि आपने उनके प्रति पहले से कुछ धारणा बना ली है। पूरी बात सुनने के बाद अपनी अंतरात्मा की आवाज़ के अनुरूप सही या गलत का निर्णय करें।
विश्वास ही हर रिश्ते का आधार होता है और खासतौर पर पति-पत्नि के संबंध में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। कहा जाता है, कि जहाँ विश्वास होता है, वहाँ झूठ का स्थान नहीं होता है, इसलिए इस मधुर संबंध को और भी अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए आपस में किसी प्रकार के झूठ व मन–मिटाव को आने देना नहीं चाहिये।
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