क्रोध को चिरकाल से ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु कहा गया है। क्रोध के ही कारण व्यक्ति का विवेक गुम हो जाता है और अकसर गुस्से में आकर इंसान अपनी ज़िंदगी के बहुत ही गलत फैसले ले लेता है या फिर बहुत ही ख़तरनाक कदम भी उठा सकता है।
पर हमारी आजकल की जीवनशैली के बदौलत ही हमे अब और भी ज़्यादा गुस्सा आने लगा है। इंसान की नकारात्मक्ता और उसकी निराशा भी तुरंत ही गुस्से का रूप ले लेती है। यही गुस्सा हमारे सालों दर साल की मेहनत से बने ख़ूबसूरत रिश्तों को भी चुटकी भर में ही तोड़ सकता है।
अगर इंसान ठंडे दिमाग से काम न करे तो लगातार प्रयासों से भी वो काम सही तरीक़े से पूरा नहीं हो पाता है। अतः हमें चाहिए, कि हम अपना गुस्सा काबू करें और अगर आप अपने आपे से बड़ी ही आसानी से बाहर हो जाते हैं, तो इसका कुछ इलाज़ ज़रूर करें।
ऐसे में योगासन आपकी बहुत मदद कर सकता है। योगासन को क्रोध का रामबाण इलाज़ कहा गया है। हम आज आपको इस लेख के जरिये बताएँगे, कि कैसे आप योगासन की मदद से अपने क्रोध को दूर कर पाएंगे। योग के नियमित अभ्यास से हमारे शरीर के विकार दूर होते हैं।
यह हमारे शरीर में एक नयी ऊर्जा का संचार करते हैं। इसके अलावा नियमित रूप से ध्यान(मेडिटेशन) करने से मन शांत भी होता है और किसी भी चीज़ में मन लगाने में आसानी होती है l प्रतिदिन केवल २० मिनट का ध्यान भी हमे शांत रखने के लिए काफी है।
यदि आप गुस्से में हैं, तो तुरंत ही गहरी साँसें लेकर छोड़ना आपके गुस्से को तुरंत शांत कर देता है।अब हम आपको ऐसे कुछ योगासन बताएँगे जो आपके क्रोध को दूर करने में आपकी मदद करेंगे।
सुखासन
इसके लिए पहले अपने दोनों घुठनों को मोड़कर और गर्दन, कमर और अपनी पीठ को सीधा कर के बैठें। अब अपनी दोनों हथेलियों को सीधा रखें एवं अपनी दोनों तर्जनी उंगलियों के अग्र भाग को अंगूठे से छू लें।
बाकी तीनों उंगलियों को सीधा ही रखेँ। इस मुद्रा को कुछ समय के लिए बनाए रखें। इसके नियमित अभ्यास से आप अपना क्रोध शांत होता हुआ देख सकते हैं।
भुजंगासन
इसके लिए आप जमीन पर औंधे मुंह लेट जाएँ। इसके पश्चात अपने माथे से जमीन को छुने का प्रयास करें। आप अपनी हथेलियों को अपनी भुजाओं के नीचे इस तरह रखेँ, ताकि आपकी उंगलियां आपकी भुजाओं को लगभग छूती रहे। इसी अवस्था में अपने पैरों को सीधा रखने का प्रयास करें।
अब धीरे धीरे अपने सिर को पीछे की और लेते हुए सांस लें। अब अपने हाथों की मदद से सीने और सिर पर आगे की और दबाव डालें और साथ ही अपनी सांसों को कुछ समय तक के लिए रोक लें, ताकि सांप जैसा आकार बने और ऐसी मुद्रा में ८-१० सेकंड के लिए रहें। इसे लगभग ५ बार दोहराएँ।
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