कोटा डोरिया साड़ी, जिसने की देश-दुनिया में कोटा का नाम सर्वोच्च स्तर पर ला दिया है, सबसे अधिक पहनी जाने वाली साड़ियों में से एक है। आज विश्व भर की महिलाओं की पसंद बन गई है, कोटा और मैसूर की यह साड़ी। कोटा एवं मैसूर के संगम से बनी यह साड़ी कोटा डोरिया एवं मसूरिया साड़ी के नाम से विश्वभर में प्रचलित है। कोटा जिले के कैथून कस्बे के बुनकरों एवं शिल्पकारों की इस कला का विदेशों में भी जिक्र है।
शुरुआती दौर में कोटा डोरिया साड़ियों के बनाने का कार्य मुख्य रूप से मैसूर में किया जाता था। इसी कारण से इसे मसूरिया साड़ी के नाम से जाना जाता था। लेकिन कुछ समय पश्चात मुग़ल सेनापति राव किशोर सिंह, मैसूर के प्रसिद्ध साड़ी बुनकरों को कोटा में कैथून नामक स्थान पर ले आए।
धीरे-धीरे लगभग 18 वीं शताब्दी के अंत तक ये सभी बुनकर कोटा में ही स्थापित हो गए। इस कारण से मैसूर एवं कोटा के संगम से इनकी बनाई हुई साड़ियों को कोटा-मसूरिया के नाम से दुनिया भर में जाना जाने लगा। लेकिन आज भी कोटा एवं इसके आस-पास के क्षेत्रों में यह साड़ियां मसूरिया के नाम से जानी जाती है। परन्तु कोटा के बाहर इन्हें कोटा डोरिया के नाम से ही जाना जाता है।
इन्हें इनकी कलाकारियों के कारण विभिन्न नामों से जाना जाता है इनमें से एक है- कॉटन और सिल्क का छः गज का जादू। इन्हें कोटा में निर्मित होने एवं विभिन्न प्रकार के विशेष डोरों से बने होने के कारण कोटा डोरिया के नाम से जाना जाता है।
• हथकरघा पर ताना-बाना से निर्मित की हुई इन साड़ियों में कई विशेषताएँ है। इस कारण से यह दुनियाभर में आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
• इन साड़ियों में सिल्वर, गोल्डन जरी, रेशम, सूत एवं कॉटन आदि के धागों का मिश्रण होता है। यह धागे विभिन्न प्रसिद्ध स्थानों जैसे कर्नाटक, गुजरात एवं तमिलनाडु आदि से मंगवाए जाते है।
• कोटा डोरिया की माँग विशेष रूप से हैदराबाद, बैंगलोर एवं चेन्नई जैसे स्थानों पर होती है जहाँ लोग एक विशेष किस्म के कपड़े की माँग करते है।
• इन साड़ियों में एक विशेष प्रकार की चमक होने के कारण यह देखने में सुन्दर लगती है। इनमें की गई कलाकारियों एवं शिल्पकारियों के कारण देश-विदेशों में इनकी सराहना की जाती है।
• इनमें प्योर सिल्क का उपयोग किया जाने के कारण यह साड़ियाँ अत्यधिक मुलायम होती है। साथ ही साथ रेशमी होने के कारण पहनने में आरामदायक होती है। इनका उपयोग निर्यात करने के लिए भी एक बड़े स्तर पर किया जाता है।
• इनमें सिल्वर एवं गोल्डन वर्क से बनी साड़ियाँ उचित दाम पर उपलब्ध हो जाती है। कोटा डोरिया साड़ी पहनने में अत्यधिक सुंदर एवं आकर्षित लगती है।
कुछ समय पहले बहुत से लोग नकली साड़ियाँ कोटा डोरिया के नाम से बेचने लगे थे। परन्तु सरकार द्वारा कोटा डोरिया साड़ियों को अपना अलग पैटेंट दे दिया गया। विभिन्न बुनकरों को विशेष वित्तीय सहायताएँ भी प्रदान की गई। इस तरह से सरकार के प्रोत्साहन से आज दुनिया भर में इन साड़ियों का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है।
खूबसूरत और चमकता चेहरा पाने की ख्वाहिश तो हर किसी की होती है लेकिन चेहरे…
मेथी एक ऐसी चीज़ है जो दिखने में छोटी होती है पर इसके हज़ारों फायदे…
यूं तो नवरत्न अकबर के दरबार में मौजूद उन लोगों का समूह था, जो अकबर…
वैसे तो गहरे और चटकदार रंग के कपडे किसी भी मौसम में बढ़िया ही लगते…
डैंड्रफ एक ऐसी समस्या है जो आपके बालों को तो कमज़ोर बनाती ही है, साथ…
हमारी त्वचा बहुत ही नाजुक होती है। यदि इसकी सही तरह से देखभाल नहीं की…