अभी गर्मियों का मौसम है, तो हम सभी के लिए अपनी त्वचा को धूप से सुरक्षा प्रदान करना ज़रूरी है.धूप से सुरक्षित रहने का सबसे अच्छा तरीक़ा है, धूप में बाहर नहीं निकलना. लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाता है.चाहे वर्किंग वुमन हो, स्टूडेंट हो, या हाउसवाइफ, सभी को ज़रूरी कामों के लिए बाहर निकलना ही पड़ता है और धूप की किरणों का सामना करना ही होता है. ऐसे में चेहरे को दुपट्टे या स्कार्फ से ढंक के चलना और सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना ही वो तरीक़े हैं, जिससे हम अपनी त्वचा को धूप की किरणों के बुरे प्रभाव से बचा सकते हैं.
सनस्क्रीन तपती धूप से हमारी त्वचा को सुरक्षा प्रदान करता है और हमारी त्वचा दिनभर तरोताज़ा बनी रहती है. सूरज की यूवीए और यूवीबी किरणों से बचाव के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल ज़रूरी है. चलिए जानते हैं,सनस्क्रीन का चयन करते समय उसमें मौजूद एसपीएफ के विषय में हमें किन बातों पर ध्यान देना चाहिए.
1. सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणें हमारी त्वचा के लिए बहुत ख़तरनाक होती हैं. ये त्वचा में जलन तो पैदा करती ही हैं, साथ ही साथ इनसे स्किन कैंसर होने का ख़तरा भी होता है.सनस्क्रीन का इस्तेमाल किये बिना सूरज की इन हानिकारक किरणों से बचाव होना असंभव है. सनस्क्रीन का चयन करते समय ये ज़रूरी है, कि हमारी त्वचा की प्रकृति के अनुरूप सनस्क्रीन ही चुना जाए.सनस्क्रीन को चुनने से पहले अगर डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह ले ली जाए तो अच्छा है.डर्मेटोलॉजिस्ट ही हमें ये ठीक तरह से बता सकते हैं, कि हमारी त्वचा के लिए कौन सा और कितने एसपीएफ का सनस्क्रीन सही रहेगा.
2. यह भी बेहद आवश्यक है, कि हमें सनस्क्रीन को लगाने की सही विधि का पता हो.सनस्क्रीन मुख्य रूप से जेल, स्प्रे, और क्रीम के रूप में उपलब्ध है.चाहे आप कितने भी एसपीएफ वाले सनस्क्रीन का प्रयोग करें, आपके लिए ये ज़रूरी है, कि आप सनस्क्रीन को अपने खुले हुए अंगो पर एकसमान ढंग से लगाएं.
कहीं कम कहीं ज़्यादा सनस्क्रीन लगा देने से आपकी त्वचा पर किसी-किसी जगह पर सनबर्न और टैनिंग हो जायेगी और ऐसा प्रतीत होगा मानो आपकी त्वचा पर जगह-जगह धब्बे मौजूद हैं.
3.ज़्यादातर लोग ये समझते हैं, कि 30 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन सबसे ज़्यादा प्रभावी होता है और अल्ट्रावायलेट किरणों से 100 प्रतिशत बचाव करता है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है.15 एसपीएफ सनस्क्रीन के इस्तेमाल से अल्ट्रावायलेट रेज से 93 प्रतिशत तक, 30 एसपीएफ से 97 प्रतिशत तक, और 50 एसपीएफ से 98 प्रतिशत तक बचाव होता है.
आपको जितनी देर तक धूप में रहना हो उसके हिसाब से ज़्यादा या कम एसपीएफ वाले सनस्क्रीन का चयन कर लें.
4. जिस सनस्क्रीन का नंबर कम हो जैसे 2-4, वो अल्ट्रावायलेट रेज से त्वचा का बचाव करने के लिए असरदार नहीं होता है. ये किसी साधारण बॉडी लोशन की तरह त्वचा को नर्म बनाने के लिए उपयोगी हैं. इनसे टैनिंग, एजिंग, स्किन कैंसर और अन्य स्किन प्रोब्लम्स, और सनबर्न जैसी समस्याओं में कोई लाभ नहीं मिलता है.
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