इस वर्ष नवरात्रि का आरंभ २१ सितम्बर से होने जा रहा है। शास्त्रों की माने तो आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर दशमी तिथि पर्यंत माँ दुर्गा पृथ्वी लोक पर निवास करती हैं।
जब महलया के दिन समस्त पितृगण पृथ्वी लोक से अपने लोक वापस जाने लगते हैं, इसी दिन माँ दुर्गा अपने लोक से पृथ्वी लोक पर आगमन करती हैं।
आमतौर पर सभी जानते हैं, कि सिंह ही माता का वाहन होता है, परंतु तिथि के अनुसार प्रति वर्ष माँ अलग अलग वाहनों से पृथ्वी पर आगमन करती हैं।
ज्योतिषियों की राय के अनुसार इस वर्षा माँ हाथी पर सवार हो कर आगमन कर रही हैं और घोड़े पर प्रस्थान कर रही हैं।
ऐसा माना जाता है, कि उनका अश्व पर आना तो शुभ है, परंतु उनका मुर्गे पर प्रस्थान करना शुभ नहीं है। यह पूरी तरह से शुभकारी नहीं माना जा सकता है। परंतु, इस विषय में विभिन्न ज्योतिषियों की अलग अलग राय है।
कुछ ज्योतिषी उनके ऐसे आगमन को शुभ मानते हैं तो कुछ इसे अशुभ फलदायी मानते हैं। कुछ विद्वानों का मत ही कि यदि माँ दुर्गा अश्व पर सवार होकर आगमन करेंगी तो घोड़े की गति से पृथ्वी पर विकास की गति तो बढ़ेगी ही, वहीं दूसरी ओर हिंसा में भी वृद्धि देखी जाएगी।
इस बार की नवरात्रि सभी राशियों के लिए कई सारे शुभ फल देने वाली है। एक अनोखी बात ध्यान देने लायक यह भी है, कि आमतौर पर नवरात्रि हर साल नौ दिनों तक ही मनाई जाती है, पर इस साल नवरात्रि केवल नौ दिनों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे दस दिनों तक मनाई जाएगी।
एक अतिरिक्त तिथि वृद्धि का संयोग केवल इसी वर्ष ही बन रहा है। नवरात्रि तृदिवासीय पूजन में सप्तमी तिथि जिस तिथि पर होगी, उससे माँ दुर्गा के आगमन एवं दशमी से माता दुर्गा के प्रस्थान की गणना की जाती है।
ऐसा माना जाता है, कि यदि सोमवार एवं रविवार को प्रथम पूजन यानि कलश स्थापना की जाये तो माँ दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। परंतु, यदि कलश की स्थापना शनिवार अथवा मंगलवार के दिन की जाये तो उस वर्ष उनका वाहन अश्व होता है।
यदि गुरुवार या शुक्रवार के दिन कलश की स्थापना की जाये तो माँ डोली पर चढ़कर आती हैं। अंत में, यदि कलश की स्थापना बुधवार के दिन की जाये तो माँ नाव पर सवार होकर आती हैं।
ऐसा माना जाता है, कि माँ दुर्गा जिस वर्ष जिस वाहन से पृथ्वी लोक पर आगमन करती हैं, उस वर्ष में उसके अनुसार घटित होने वाली घटनाओं का भी आकलन किया जा सकता है।
माँ का आना यानि पानी में बढ़ोत्तरी, घोड़े पर आने से युद्ध की आशंका, नौका पर आना का अर्थ है मनोकामनाओं की पूर्ति, डोली पर आना रोग से आक्रांत होना होता है।
Vishwesh Jha
Plez ye to bataeye ki ma durga sher(lion ) pe kab aati hai matlab kis din pehla din hone se
And ye pata kaise chalega ki maa kis sawari pe jayengi
Please reply me
Amit kumar pandey
Maa durga ka agman hathi pe ha or presthan keregi ghode pe jay maa durge
Babu das
Hati me aneka keya sandesh he our ghode pe janeka keya sandesh he keya achcha keya bura hoyega please comment