भारतीय संस्कृति व परंपरा में मेहंदी का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। इसे सुहागन स्त्री का एक प्रमुख श्रृंगार माना जाता है। सभी मौकों पर चाहे वो शादी-ब्याह हो या कोई तीज-त्यौहार, मेहंदी लगाना काफी शुभ माना जाता है। कहा तो यहाँ तक जाता है कि शादी के समय दुल्हन की मेहंदी का रंग पति का उसके प्रति प्रेम को दर्शाता है। ये तो एक कहावत है, लेकिन मेहंदी आपके हाथो में खूबसूरती के साथ अच्छी तरह से कैसे रच सकती है, इसके लिए कुछ टिप्स हम बता रहें हैं।
1. मेहंदी लगाने से पहले हाथों को अच्छी तरह साबुन से धो लेना चाहिए और किसी भी क्रीम या लोशन को नहीं लगाना चाहिए, ताकि मेहंदी त्वचा में अच्छी तरह प्राकृतिक तरीक़े से रच सकें। अगर कुछ लगाना ही है तो नीलगिरी का तेल लगायें, इससे सुगंध के साथ-साथ मेहंदी के रंग में भी निखार आएगा।
2. लौंग का धुआं मेहंदी को बेहतर ढंग से रचने में मदद करता है। इसके लिए गर्म तवे पर लौंग रखकर उसका धुआं मेहंदी के संपर्क में आने दें और जब तक हाथों को ज़्यादा गर्म न लगे ऐसा करते रहें। इस प्रक्रिया को बार-बार कर सकते हैं।
3. मेहंदी को प्राकृतिक तरीकें से सूखने दें, ड्रायर से या हवा में हाथों को बार-बार हिलाकर मेहंदी को जल्द सुखाने का प्रयास न करें। कोशिश करें कि मेहंदी रातभर हाथों पर लगी रहें, इसके लिए पट्टी से हाथों को हल्के से बाँध लें या ग्लव्स पहन सकते हैं, ताकि सोते वक्त मेहंदी छूटें नहीं।
4. नींबू के रस में शक्कर को मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें और जब मेहंदी पूरी तरह से सूख जाए, तो इस मिश्रण को रूई में लेकर हल्के हाथों से मेहंदी पर लगाये।
5. मेहंदी पर्याप्त समय तक लगे रहने दें, फिर दोनों हाथों को रगड़कर साफ कर लें और फिर सरसों का तेल, चूना या विक्स को हाथों पर लगायें, इनकी गर्माहट से मेहंदी का रंग और भी निखार के आता है।
6.मेहंदी लगाने के बाद हाथों को कम से कम 24 घंटों तक पानी से दूर रखें, नहीं तो पानी के संपर्क में आने से, मेहंदी की ऊपरी सतह धुल जाती है और मेहंदी ठीक ढंग से रच नहीं पाती है।
7. जिस भी मौकें पे आप मेहंदी लगाना चाहती हैं ,उससे कम से कम 24 से 48 घंटें पहले मेहंदी को हाथों पर लगायें, ताकि मेहंदी को रचने के लिए पर्याप्त समय मिल सकें।
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