प्राचीन समय से ही भारतीय संस्कृति में एकादशी व्रत का विशेष महत्व माना जाता रहा है। श्राद्ध पक्ष की इंदिरा एकादशी व्रत एवं कथा का अपना विशेष महत्व एवं पुण्य है। यह व्रत समस्त दुखों एवं कष्टों को हरने वाला, सुख एवं समृद्धि देने वाला और मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति कराने वाला माना जाता है।
इस परम उत्तम व्रत को करने से व्यक्ति समस्त पापों से मुक्त हो, बैकुण्ठ की प्राप्ति करता है। आइए आज इस लेख में हम आपको इंदिरा एकादशी व्रत का महत्व एवं पूजा की सम्पूर्ण विधि और वर्ष २०१७ में एकादशी व्रत की तिथि विस्तार से वर्णन सहित बताएँगे।
अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन मनाई जाने वाली इंदिरा एकादशी अत्यधिक महत्वपूर्ण एवं पुण्य देने वाला व्रत माना जाता है। श्राद्ध पक्ष में आने के कारण इस एकादशी व्रत एवं पूजा को मोक्ष प्राप्ति का एक सरल एवं उचित मार्ग बताया गया है। इस दिन शालिग्राम की पूजा कर पूरे दिन उपवास करने का प्रावधान है।
पितरों को मोक्ष दिलाने वाला यह इंदिरा एकादशी व्रत अश्विन कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि से ही प्रारम्भ हो जाता है। दशमी के दिन प्रातः सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि से निवृत हो भगवान की सच्चे मन से पूजा एवं आराधना की जाती है| इस दिन दोपहर के समय नदी में स्नान एवं तर्पण विधि का भी विशेष महत्व है। पूजा के पश्चात् श्राद्ध विधि का समापन कर ब्राह्मणों को भोजन करवाएँ| तत्पश्चात स्वयं परिवार सहित भोजन एवं प्रसाद ग्रहण करें।
अगले दिन एकादशी पर सवेरे जल्दी स्नान कर भगवान के मंदिर जाएँ। इस दिन पूरे दिन निराहार रहने, समस्त बुराइयों जैसे – निंदा, लालच, ईर्ष्या, द्वेष आदि से दूर रहने एवं पूरे दिन मन में भगवान का भजन करते रहने का प्रण लें। इसके बाद स्वच्छ हाथों से फलाहारी तैयार करें। इस फलाहारी का भगवान के भोग लगाकर ब्राह्मणों को परोसें| आहार का कुछ हिस्सा गाय, कुत्ते एवं कौए आदि जानवरों को खिलाएँ| एकादशी के दिन दान धर्म करने का विशेष महत्व होता है| ब्राह्मणों को भोजन के उपरांत दक्षिणा दें और फिर स्वयं परिवारजनों सहित फलाहारी ग्रहण करें।
इस तरह पूरे विधि विधान से एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति अनेक पुण्यों का फल प्राप्त कर मोक्ष की प्राप्ति करता है। कई प्राचीन राजा-महाराजाओं एवं देवी- देवताओं को भी इस व्रत के माध्यम से वैकुण्ठ धाम को प्राप्त करने का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
वर्ष २०१७ के अश्विन मास के श्राद्ध पक्ष में सितम्बर माह की १६ तारीख शनिवार के दिन इंदिरा एकादशी व्रत एवं पूजा विधि की जाएगी।
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