कहते हैं कि पति-पत्नी का संबंध कई जन्मो तक रहता है। लेकिन देखा यह गया है कि जब पति और पत्नी में वैचारिक मतभेद हों तब एक जन्म भी काटना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में वैसे तो पति और पत्नी दोनों ही संबंधों को बनाए रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन अक्सर ऐसी कोशिश पत्नियों के लिए थोड़ी सरल हो जाती है। अगर आप भी कुछ ऐसा ही करना चाहती हैं और साथ ही यह भी चाहती हैं कि पतिदेव हमेशा आपकी बात माने तो इन बातों पर ध्यान दीजिये:
1. सही वक्त और जगह को पहचानें
अगर आप चाहती हैं कि आपके पति आपकी कही जाने वाली बात को ध्यान से सुनें और मानें तो आपको बात को शुरू करने से पहले वक्त और जगह का ध्यान रखना होगा। अगर आपने अपनी बात को कहने के लिए सही जगह और वक्त को नहीं चुना तो बात कहने का असर शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाएगा। इसलिए “जगह और वक्त देखकर बोलो” वाली सलाह को सबसे पहले ध्यान में रखना होगा।
2. नज़र ही नहीं शरीर की भाषा को भी समझें
समझदार और अपने पति को प्यार करने वाली पत्नी अपने पति की नज़रों की भाषा बखूबी समझती है। अब अगर आपको अपनी बात को आसानी से मनवाना है तो उनकी बॉडी लैंगवेज़ को भी समझना होगा। कई बार आदमी की ज़ुबान पर वो होता है जो उनके मन में नहीं होता है। इसलिए पति की बॉडी लैंगवेज़ को समझ कर ही उनसे बात करेंगी तो निश्चय ही आपकी बात तुरंत मन ली जाएगी।
3. अपने प्यार को जताना सीखें
आप निश्चय ही अपने पति को प्यार करती हैं, लेकिन समय-समय पर किसी न किसी रूप में इस प्यार को जताना भी अच्छा रहता है। अधिकतर पुरुष मन की भाषा को पढ़ने में या तो वक्त लगाते हैं या फिर ठीक से पढ़ नहीं पाते हैं। इसलिए आप अपने प्यार को जता कर उन्हें विश्वास दिलाने में कमी न रखें कि आप उनकी हर अर्थ में सच्ची और अच्छी हमसफर हैं।
4. इधर-उधर की बातें न करें
जब आपको अपने पति से कोई गंभीर बात करनी हो या किसी महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करनी हो, तब इधर-उधर की बात न करके बल्कि सीधे मुद्दे की बात करनी चाहिए। कई बार देखा गया है कि कुछ महिलाएं संकोच के कारण अपनी बात को कहने से पहले लंबी भूमिका बनाने की कोशिश करती हैं। ऐसे में पुरुष बात में या तो रुचि खो बैठते हैं या फिर अपने नियत काम के लिए उठ जाते हैं। इसलिए जब भी बात करें सीधी और दो टूक बात करें।
5. ज़ुबान और व्यवहार में लोच रखें
आपकी बात कितनी भी कड़वी और सख्त हो, अपनी ज़ुबान और व्यवहार में नरमाहट और लोच ही रखें। नरम और प्यार भरी आवाज़ में कही गई कड़वी से कड़वी बात भी ध्यान से सुनी और मानी जाती है। इसलिए अपने पति से बात करते समय इस नियम को भी ध्यान में रखें।
6. उनकी बात भी सुनें
बहुत सारी पत्नियाँ केवल अपनी बात को कहने में यकीन रखती हैं और पति की बात को सुनने का न तो उनके पास समय होता है और न ही मन। आप ही अगर कुछ ऐसा ही करती हैं तो अपनी इस आदत को तुरंत बदल दें।
7. शब्दों का चयन
अपने पति के साथ जब भी आप कोई ऐसी बात कहना चाहती हैं जो आप चाहतीं हैं कि वो आसानी से मान जाएँ तब आपको उसे कहने के लिए नरम और प्यार भरे शब्दों के प्रयोग के साथ ही कहना होगा। अगर सख्त शब्दों के साथ कोई बात कही जाये तब प्यार वाली बात भी सुनने में बुरी लगती है। इसलिए आपको अपने शब्दों पर भी खास ध्यान देना होगा।
8. बड़ों की सलाह लें
कुछ समय पहले तक संयुक्त परिवार प्रथा के प्रचलन के कारण पति-पत्नी के अनेक मसले आसानी से सुलझ जाते थे, क्योंकि उस समय पति के परिवार के बड़े लोग उन्हें अपने अनुभव के आधार पर सुलझाने में मदद करते थे। लेकिन आज एकल परिवार प्रथा होने के कारण कई बार पत्नियाँ कई जतन करने के बाद भी पति से अपनी बात मनवाने में नाकाम रहती हैं। ऐसे में आपको अपनी सास या ससुराल पक्ष के उस व्यक्ति की सलाह लेनी चाहिए जो आपके पति को अच्छे से समझता हो और आपके पति भी उनकी बात को महत्व देते हों।
आप भी इन पॉइंट को ध्यान में रखकर अपनी सुविधा से अपनी परेशानी को हल कर सकती हैं।
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