भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने 1 जुलाई 2018 से डिजिटल आधार (virtual aadhar ID) लागू करने का फैसला कर लिया है। इसके लागू होने के पश्चात बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान जिस तरह से आपके आधार कार्ड का सत्यापन करते थे, वो तरीका बिलकुल बादल जाएगा और एक बेहतर और सुरक्षित तरीका लागू होगा।
आपके Virtual ID में सोलह अंकों का एक नंबर होगा जो कि आपके अपने आधार कार्ड से जुड़ा होगा। यह नंबर केवल आधार कार्ड धारक ही उत्पन्न कर पाएगा। भविष्य में आपको अपने आधार के सत्यापन के लिए अपने आधार नंबर को उजागर नहीं करना पड़ेगा; केवल इस 16 अंकों के virtual ID से आपका काम हो जाएगा।
सबसे अहम बात यह है कि कोई भी इस virtual ID से आपका मूल आधार नंबर नहीं जान पाएगा।
आधार कार्ड धारक भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) की वेबसाइट से या किसी भी आधार केंद्र या फिर आधार के मोबाइल एप्प से अपना ID उत्पन्न कर सकते हैं। इसके लिए केवल आपका मोबाइल नंबर आपके आधार कार्ड के साथ जुड़ा हुआ होना चाहिए। आपके मोबाइल पर आपको एक एक बार इस्तेमाक करने के लिए पासवर्ड (OTP) प्रेषित किया जाएगा।
यह भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) की एक पहल है आपके आधार नंबर को सुरक्षित रखने की। सैकड़ों लोगों ने इस बात की शिकायत की है कि बाँकों के कर्मचारी बात-बात पर उनके आधार कार्ड की कॉपी मांग लेते हैं। कई बार कॉपी नहीं होने की सूरत में और जल्दबाज़ी में ग्राहक अपने आधार कार्ड की फोटो खींचकर व्हाट्सेप्प कर देते हैं। यह बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है।
इसी समस्या से निजात पाने के लिए इसे लागू किया जा रहा है।
1 जुलाई के पश्चात अगर कोई भी आपके आधार का सत्यापन करना चाहे, तो आप अपने आधार कार्ड की प्रतिलिपि की बजाय उसे यह virtual ID दे सकते हैं। ऊपर दिये तरीके से आप आसानी से अपना ID उत्पन्न करिए, उसे दीजिये और अपने मूल आधार नंबर को गोपनीय रखिए।
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