बचपन में पढ़ी हुई यह बात तो हम सबको मालूम होगी कि प्राकृतिक संसाधनों पर जनसंख्या का दबाव दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है और अगर इन्हें बचाने की पुरजोर कोशिश न की गई तो वह समय जल्द ही आ जाएगा कि पृथ्वी से इनका अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। इन रिसोर्स में पानी का महत्व किसी भी रूप में कम नहीं है।
लेकिन अगर हम चाहें तो समझदारी से पानी का इस्तेमाल करके इसे लंबे समय तक अपने उपयोग के लिए प्राप्त कर सकते हैं। अगर हम मानते हैं कि जल है तो जीवन है तो हमें अपने रोज़ के कामों में पानी का इस्तेमाल थोड़ा अलग तरीके से करना होगा। क्या आप जानती हैं कि कपड़े धोने के बाद जो साबुन का पानी बचता है, उसको भी आप कई तरीकों से काम में ला सकती है, जो इस प्रकार हो सकते हैं।
अगर आप कपड़े धोने के लिए कैमिकल रहित या ओर्गेनिक साबुन का इस्तेमाल कर रहीं हैं तो यह पानी कपड़े धोने के बाद पौधों में खाद का काम कर सकता है। ओर्गेनिक साबुन दरअसल पेड़-पौधों के प्रयोग से ही बनता है, इसलिए इस साबुन वाले पानी को नाली में न बहाकर, बाल्टी या किसी कंटेनर में इकठ्ठा कर लें। इस पानी को ज़रूरत के अनुसार पेड़-पौधों और घर के बाग या किचन गार्डन में बहुत आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है।
वाशिंग मशीन में कपड़े धोने के बाद अगर पानी को नाली में न बहाकर, किसी बड़ी बाल्टी में इकठ्ठा कर लें तो यह पानी घर की साफ-सफ़ाई में काम आ सकता है। पौंछे और डस्टिंग के कपड़े धोने के बाद बचे हुए पानी से घर का पोंछा भी लगाया जा सकता है।
घर में कई जगह पायदान रखे जाते हैं जिन्हें रोज़ साफ करने पर भी काफी गंदगी जमा हो जाती है। इसलिए आप चाहें तो कपड़े धोने के बाद बचे हुए साबुन वाले पानी से पायदान की सफाई हो सकती है। अगर आप सावधानी से करें तो कुछ कालीन भी इस साबुन के झाग से साफ किए जा सकते हैं।
कपड़े धोने के बाद बचे हुए पानी में अकसर मैल साफ करने लायक चिकनाई तो खत्म हो जाती है लेकिन उसमें फिर भी लोहा साफ करने लायक चिकनाई होती है। इसलिए इस पानी से घर में खड़े कार और स्कूटर या कोई भी वाहन आसानी से साफ किए जा सकते हैं।
अगर वाशिंग मशीन के बचे हुए पानी को शौचालय की टंकी में डाल दिया जाये तो इससे एक-दो बार के पानी की बचत हो सकती है। कल्पना करें कि अगर हर घर दिन में दो बार इस प्रकार पानी बचाता है तो समूहिक रूप से कितने पानी की बचत की जा सकती है।
अगर मशीन से निकले साबुन के पानी में थोड़ा नमक मिला दिया जाये तो पानी में घुले साबुन और मैल के कण अलग हो जाते हैं। इस प्रकार एक बार इस्तेमाल हुआ पानी फिर से इस्तेमाल के लायक हो जाता है। इस पानी को किचन में साबुन लगे बर्तनों को साफ करने के लिए फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है। इस प्रकार कम पानी में अधिक बर्तन जल्दी और सफाई से साफ हो सकते हैं।
इस प्रकार घर में कपड़े धोने के बाद बचे साबुन के पानी को घर के दूसरे कामों में प्रयोग में लाया जा सकता है। इस प्रकार रिसाइकल किए हुए पानी के नियमित प्रयोग से निश्चय ही जल को जीवनदायिनी शक्ति के रूप में लंबे समय तक चलाया जा सकता है।
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