आज के समय में हम एक क्षण के लिए भी बिजली के बिना आरामदेह जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। आधुनिक जीवन के पर्याय समझे जाने वाले विभिन्न उपकरण यथा टीवी, फ्रिज, एसी, कूलर, फ़िल्टर, मिक्सी, माइक्रोवेव, ओटीजी एवं वाशिंग मशीन आदि के बिना हम एक दिन तक सामान्य भाव से नहीं बिता सकते।
इन उपकरणों के उपयोग से घर घर भारी भरकम बिजली के बिल आते हैं, जिस के कारण हम सब का बजट अक्सर गड़बड़ा जाता है। हम सोच नहीं पाते, आखिर दिनों दिन सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती बिजली की दरों की पृष्ठभूमि में इसकी खपत में कैसे कटौती करें, जिससे बिजली के बिल की राशि अधिक न आए ।
तो चलिए, आज हम अपनी प्रिय पाठिकाओं को बिजली के बिल में कटौती करने के कुछ सक्षम उपाय बताने जा रहे हैं, जो कि निम्न है:
प्राकृतिक रोशनी का अधिकतम उपयोग
प्राकृतिक रोशनी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें। याद रखें कृत्रिम प्रकाश की अपेक्षा प्राकृतिक प्रकाश आपके तन मन को भी आनंदित करता है।
सुबह उठते ही सभी खिड़कियों के परदे हटा दें, जिससे घर भर में भरपूर उजाला छा जाए और कृत्रिम रोशनी की आवश्यकता ही नहीं पड़े।
कमरों में हल्के रंगों का पेंट करवाएं। हल्के रंगों के परदे लगाएं। इससे कमरों में अपेक्षाकृत अधिक उजाला होगा।
सभी विद्युत उपकरण बंद रखें
जब भी आवश्यक न हो तो विद्युत उपकरण चालू न रखें। यदि आप एक कमरे से दूसरे कमरे में 1 मिनट के लिए भी जा रही हों, तो लाइट और पंखे बंद करके जाएं। यह बिजली की बचत का सबसे नायाब तरीका है।
रात को लाइट जला कर सोने की आदत छोड़ें। यह आदत आपको बहुत महंगी पड़ती है।
एल.ई.डी बल्ब उपयोग में लाएं
घर में पुराने सामान्य अथवा सीएफएल बल्ब की अपेक्षा एल.ई.डी बल्ब का उपयोग शुरू कर दें। एल.ई.डी बल्ब सीएफएल बल्ब की अपेक्षा अधिक रोशनी देते हैं। इन से आपके बिजली के बिल में 70 से 80 फ़ीसदी तक कमी हो जाती है। एक 15 वाट का एल.ई.डी बल्ब 100 वाट के सामान्य बल्ब के बराबर रोशनी देता है।
फाइव स्टार रेटिंग युक्त उपकरण खरीदे
घर में सभी उपकरण जैसे माइक्रोवेव, ओवन, फ्रिज, वाशिंग मशीन आदि फाइव स्टार रेटिंग वाले ही खरीदें। स्टार रेटिंग किसी भी बिजली उपकरण की ऊर्जा क्षमता बताता है। उपकरणों पर जितने अधिक स्टार होंगे, उसकी ऊर्जा क्षमता उतनी ही बेहतर होगी ।
रिमोट का उपयोग कम से कम करें
रिमोट चालित उपकरणों यथा टीवी, पंखे रिमोट से बंद करने के बदले सीधे स्विच से बंद करने की आदत रखें। रिमोट से बंद करने से वे कुछ मात्रा में बिजली की खपत करते रहते हैं, जिससे आपके बिजली के बिल में बढ़ोतरी होती है ।
पंखे एवं कूलर के लिए इलेक्ट्रॉनिक रेगुलेटर लगाएं
पुराने चलन के पंखे 75 वाट के होते थे। अब बाजार में 35 वाट के पंखे भी उपलब्ध हैं, जिनसे बिजली की खपत बहुत कम हो जाती है।
आजकल फाइव स्टार रेटिंग वाले पंखे बाज़ार में उपलब्ध हैं। ऐसे पंखों का इस्तेमाल करें। ये महंगे अवश्य होते हैं, लेकिन इनसे बिजली की खपत सामान्य पंखों की तुलना में कम होती है।
औटोमैटिक टाइमर स्विच का इस्तेमाल करें
कूलर में पंप को चालू या बंद करने के लिए ऑटोमेटिक टाइमर स्विच का इस्तेमाल करें। इस से विद्युत ऊर्जा की बचत होगी।
इन्वर्टर तकनीकी से चलने वाले अच्छे ब्रांड का कूलर खरीदे। यह सामान्य कूलर की अपेक्षाकृत आपके बिल में 50 फ़ीसदी तक कटौती करेगा।
नियमित सर्विसिंग
गर्मियां शुरू होने से पहले पंखों, कूलर एवं एसी की सर्विसिंग अवश्य करवाएं। इससे इनकी क्षमता में वृद्धि होती है।
इलेक्ट्रोनिक चोक का इस्तेमाल करें
पुरानी चलन की कॉपर चोक के स्थान पर नए इलेक्ट्रॉनिक चोक अथवा एलईडी ट्यूबलाइट का इस्तेमाल करें।
विभिन्न उपकरणों के उपयोग में बरती जाने वाली कुछ सावधानियाँ
यदि बिजली से चलने वाली केतली का इस्तेमाल करते हों तो उसे नियमित रूप से साफ करते रहें। उस में सॉल्ट जमने पर बिजली की खपत ज्यादा होने लगती है ।
पुरानी चलन की इस्त्री की अपेक्षा ऑटोमेटिक इस्त्री का उपयोग करें। इस्त्री करते वक्त कपड़ों पर अधिक मात्रा में पानी न छिड़कें। इससे बिजली ज्यादा खर्च होगी।
फ्रिज को बहुत कम टेंपरेचर पर सेट करने से बचें । इससे बिजली की खपत बहुत अधिक होती है।
कभी भी अधिक गर्म खाद्य सामग्री फ्रिज में न रखें। यह बिजली की खपत को बढ़ाता है। अधिक गरम खाद्य सामग्री को फ्रिज में रखने से पहले सामान्य तापमान तक ले आए ।
फ़्रिज़ और दीवार के बीच में थोड़ी दूरी रखें। हवा के लिए जगह छोड़ें ।
फ्रिज के दरवाजे एयर टाइट होने चाहिए। यदि दरवाजे की गास्केट ढ़ीली हो गई हो तो फौरन बदलवाएँ। गंदी हो गई हो तो साफ कर लें ।
घर में अगर नए एसी लगवाने जा रहे हैं तो नए इनवर्टर बेस्ड एसी हाल ही में बाज़ार में आए हैं। यह ऊर्जा की बचत करने में सक्षम है। फाइव स्टार रेटिंग वाले एसी का उपयोग करें।
मोबाइल लैपटॉप आदि उपकरणों की चार्जिंग पूरी होने के बाद स्विच बंद कर देने की आदत बनाएं। चार्जर के प्लग में लगे रहने से विद्युत ऊर्जा खर्च होती रहती है।
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